सॉफ्टवेयर इंजीनियर से 98 लाख की ठगी : चार दिन तक 'डिजिटल अरेस्ट' में रहा पीड़ित

चार दिन तक 'डिजिटल अरेस्ट' में रहा पीड़ित
UPT | Cyber Crime

Jul 28, 2024 14:52

साइबर अपराधियों ने उन्हें मनी लॉन्ड्रिंग के एक काल्पनिक मामले में फंसाने का डर दिखाकर चार दिनों तक 'डिजिटल अरेस्ट' में रखा और इस दौरान उनसे कुल 98 लाख रुपये की ठगी...

Jul 28, 2024 14:52

Short Highlights
  • साइबर अपराधियों ने सॉफ्टवेयर इंजीनियर के साथ ठगी की
  • मनी लॉन्ड्रिंग मामले में चार दिनों तक 'डिजिटल अरेस्ट' में रखा
Ghaziabad News : उत्तर प्रदेश के कालिंदीपुरम के निवासी आशीष गुप्ता, जो एक प्रतिष्ठित आईटी कंपनी में सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं, के साथ हुई एक बड़ी साइबर ठगी का मामला सामने आया है। साइबर अपराधियों ने उन्हें मनी लॉन्ड्रिंग के एक काल्पनिक मामले में फंसाने का डर दिखाकर चार दिनों तक 'डिजिटल अरेस्ट' में रखा और इस दौरान उनसे कुल 98 लाख रुपये की ठगी कर ली।

ऐसे हुई पूरी घटना
दरअसल, यह घटना 21 जुलाई को शुरू हुई जब आशीष को एक अनजान नंबर से फोन आया। कॉलर ने खुद को एसबीआई का कर्मचारी बताते हुए एक फर्जी क्रेडिट कार्ड के बारे में बात की। जिसमें एक लाख रुपये का लेनदेन हो चुका है। इसके बाद उन्हें एक कथित मुंबई पुलिस अधिकारी से जोड़ा गया, जिसने उन्हें वीडियो कॉल पर बयान देने को कहा। यहीं से शुरू हुआ उनका 'डिजिटल अरेस्ट' का दौर।

मनी लॉन्ड्रिंग का लगाया आरोप
अगले चार दिनों तक, आशीष को लगातार धमकियों और दबाव में रखा गया। उन्हें बताया गया कि उनके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज है और गिरफ्तारी वारंट जारी हो चुका है। साइबर अपराधियों ने उन्हें यह भी कहा कि वे सीबीआई की निगरानी में हैं और घर से बाहर निकलने पर गिरफ्तार किए जा सकते हैं। इस डर के कारण, आशीष ने अपराधियों के सभी निर्देशों का पालन किया।

चार दिन में 98 लाख रुपये की ठगी
22 से 24 जुलाई के बीच, अपराधियों ने आशीष से कई बार पैसे ट्रांसफर करवाए। उन्होंने फर्जी कोर्ट ऑर्डर दिखाकर और अकाउंट ऑडिट के बहाने से कुल 98 लाख रुपये विभिन्न खातों में ट्रांसफर करवा लिए। जानकारी के अनुसार, 22 जुलाई को शातिरों ने आशीष से उसके अकाउंट का ऑडिट करने के नाम पर 68 लाख रुपये ट्रांसफर करवा लिए। 23 जुलाई को एक फर्जी कोर्ट ऑर्डर दिखाकर उन्होंने 13 लाख 50 हजार रुपये और 24 जुलाई को भी एक फर्जी ऑर्डर दिखाकर 16 लाख 50 हजार रुपये ट्रांसफर करवा लिए। 

चार दिन बाद दर्ज कराई शिकायत
आशीष इतने भयभीत थे कि उन्होंने दो दिन तक किसी से इस घटना के बारे में बात नहीं की। इसके बाद, 26 जुलाई को आशीष ने साइबर थाने में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए उनके सभी बैंक खातों को फ्रीज कर दिया है और अपराधियों की तलाश शुरू कर दी है। 

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