एनसीआर में सीधी कनेक्टीविटी रेल कॉरिडोर के माध्यम से प्राप्त होगा। जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट को भी सीमलेश रेल लाईन नेटवर्क प्राप्त हो सकेगा।
बदलता उत्तर प्रदेश : दो राज्यों को जोड़ेगा ईस्टर्न ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर प्रोजेक्ट, एनसीआर के इण्डस्ट्रियल सेक्टर को मिलेगा लाभ

Dec 19, 2024 08:49
Dec 19, 2024 08:49
- हरियाणा रेल इन्फ्रास्ट्रक्चर डवलपमेंट कार्पोरेशन ने प्रस्तुत किया प्रजेंटेशन
- हरियाणा और यूपी के एनसीआर के जिले होंगे कनेक्ट
- जेवर एयरपोर्ट पहुंचना भी होगा काफी आसान
ईस्टर्न ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर प्रोजेक्ट
ईस्टर्न ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर प्रोजेक्ट (ईओआरसी) हरियाणा ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर (HORC) के विस्तार के रूप में देखा जा सकता है जिसकी कुल लम्बाई लगभग 135 किलोमीटर का आंकलन किया गया है। यह रेल कॉरिडोर दो राज्यों (उत्तर प्रदेश एवं हरियाणा) के जिलों मुख्यतः बागपत, गाजियाबाद, गौतमबुद्धनगर, सोनीपत, फरीदाबाद और पलवल से गुजरेगा।
दो अलाईमेंट प्रस्तुत किए गए
प्रस्तुतीकरण में गूगल अर्थ पर मार्क करते हुये दो अलाईनमेंट प्रस्तुत किये गये एवं दोनों अलाईनमेट का तुलनात्मक विवरण भी प्रस्तुत किया गया। इसके अतिरिक्त दोनों अलाइनमेंट में आने वाली आबादी, मार्ग, रेल क्रॉसिंग एवं अधिग्रहण आदि चुनौतियों का भी जिक्र किया गया जिसके लिये विस्तारपूर्वक डिटेल्ड फिजिबिलिटी रिपोर्ट प्रस्तुत किया जायेगा।
कार्यवाही का आश्वासन दिया गया
जीडीए उपाध्यक्ष द्वारा दोनों अलाइनमेंट हेतु सचिव एवं अन्य संबंधित को गहन अध्ययन हेतु निर्देशित किया गया। इसके साथ ही साथ अध्ययनोपरान्त सक्षम स्तर से अनुमति हेतु प्रस्तावित किये जाने की कार्यवाही का आश्वासन दिया गया। ईस्टर्न ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर प्रोजेक्ट (EORC) प्रोजेक्ट के निर्माण होने से विभिन्न प्रकार के बहुआयामी एवं दूरगामी लाभ प्राप्त होंगे जिनमें मुख्यतः दिल्ली रेल नेटवर्क पर कन्जेशन से राहत मिलेगीए न्यू नौएडा इण्डस्ट्रीयल टाउनशिपए कृषि उत्पादन केन्द्रों जैसे बागपत, गाजियाबाद और गौतमबुद्धनगर को बेहतर कनेक्टीविटी की सुविधा मिलेगी।
एनसीआर में सीधी कनेक्टीविटी रेल कॉरिडोर के माध्यम से
एनसीआर में सीधी कनेक्टीविटी रेल कॉरिडोर के माध्यम से प्राप्त होगा। जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट को भी सीमलेश रेल लाईन नेटवर्क प्राप्त हो सकेगा। एनसीआर रीजन को भारत के विभिन्न पोर्ट्स को इण्डस्ट्रियल एवं लॉजिस्टिक सुविधाओं को बेहतर कनेक्टिविटी प्राप्त होगी। इससे नये इण्डस्ट्रियल सेक्टरए एक्सपोर्ट, इम्पोर्ट और मैन्यूफेक्चरिंग आदि को कम लागत पर इण्डस्ट्री सेटअप करने को बढ़ावा मिलेगा।
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