साढ़े तीन हजार से अधिक निवेशकों ने रिकार्ड 129526.47 करोड़ रुपये के एमओयू पर हस्ताक्षर किए। इनमें अभी करीब 150 प्रोजेक्ट ही धरातल पर उतर सके हैं
Ghaziabad News : गाजियाबाद में उद्योग और रोजगार की योजना बनाकर 600 से अधिक निवेशकों ने बदला अपना मन
Nov 26, 2024 09:32
Nov 26, 2024 09:32
- जिले में 3688 निवेशकों ने 129526.47 करोड़ के एमओयू पर किए थे हस्ताक्षर
- अभी तक करीब 150 उद्योग ही धरातल पर उतर सके, 70 पर चल रहा है काम
- रोजगार की गारंटी देने के लिए धड़ाधड़ एमओयू साइन किए
3,688 निवेशकों ने दिलचस्पी ली थी
जिले में औद्योगिक इकाई लगाने के लिए उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों के अलावा दिल्ली के 3,688 निवेशकों ने दिलचस्पी ली थी, जिसमें उन्होंने अपने-अपने प्रोजेक्ट को धरातल पर लाने के लिए 129526.47 करोड़ रुपये के एमओयू साइन किए। इन उद्योगों के धरातल पर उतरने से करीब एक लाख से अधिक युवाओं को रोजगार मिलना तय माना जा रहा था।
बेहतर सलाह देने के लिए उद्योग मित्र भी नियुक्त किए
उत्तर प्रदेश सरकार ने निवेशकों के सामने आ रही बाधाओं को दूर करने और उन्हें बेहतर सलाह देने के लिए उद्योग मित्र भी नियुक्त किए, जो उद्याेगों को धरातल पर लाने के लिए तमाम विभागों से समन्वय कर निवेशकों की राह आसान करने का काम कर रहे हैं। यूपी इन्वेस्टर्स समिट को करीब दो वर्ष का समय होने को है,लेकिन अभी तक करीब 150 उद्योग ही धरातल पर उतर सके हैं। साढ़े तीन हजार से अधिक निवेशकों में अभी तक सिर्फ 36,502 करोड़ रुपये के 283 ही प्रोजेक्ट को धरातल पर उतारने को तैयार हुए हैं। धरातल पर उतरे 150 निवेशकों में से अधिकांश ग्रुप हाउसिंग और एमएसएमई उद्योग हैं।
निवेशकों जमीन न मिलने पर अपने कदम जहां के तहां रोक लिए
ढाई हजार से अधिक निवेशकों जमीन न मिलने पर अपने कदम जहां के तहां रोक लिए हैं। बहुत से निवेशकों ने एमओयू साइन करने के बावजूद उद्यम मित्रों को फीडबैक देना और बात करना बंद कर दिया। हजारों करोड़ के निवेश का रिकार्ड बनाने वाला गाजियाबाद जिला उद्योगों के धरातल पर उतरने के रिकार्ड में बुरी तरह पिछड़ रहा है। अफसर इसे लेकर परेशानी में है।
एक लाख युवाओं का टूट रहा रोजगार का सपना
यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में जिले के साढ़े तीन हजार से अधिक निवेशकों ने उद्योग लगाने के लिए प्रोजेक्ट तैयार किए थे, जिन्हें समिट में रखने के साथ ही इन्हें धरातल पर उतारने पर एक लाख युवाओं को रोजगार देने का सपना भी दिखाया था, लेकिन अब कहीं उद्योग के लिए भूमि की अनुपलब्धता तो कहीं गलती से एमओयू साइन होने की बात कर निवेशकों ने अपने कदम पीछे खींच लिए हैं। इससे युवाओं को रोजगार मिलने का सपना भी टूट रहा है।
भूमि महंगी होने से निवेशकों ने उद्योग लगाने से मना किया
गाजियाबाद निवासी एक उद्यम मित्र ने बताया कि प्रशासन की ओर से निवेशकों को भूमि उपलब्ध कराने के लिए खसरा नंबर उपलब्ध कराए हैं। वह किसानों से स्वयं संपर्क कर भूमि खरीद सकते हैं। कुछ निवेशकों ने भूमि महंगी होने या उद्योग न लगाने के लिए अब मना कर रहे हैं।
कई निवेशक हैं, जिनके पास भूमि हैं, लेकिन उनका कोई जवाब नहीं आया
ऐसे कई निवेशक हैं, जिनके पास भूमि हैं, लेकिन उनका कोई जवाब नहीं आया है। लेकिन निवेशकों को संसाधन और सुविधा मुहैया कराने का हरसंभव प्रयास कर रहे हैं।
गाजियाबाद उपायुक्त उद्योग श्रीनाथ पासवान ने बताया कि उद्योग लगाने के लिए निवेशकों से लगातार संपर्क कर उनकी समस्याओं का समाधान किया जा रहा है। अभी तक करीब 150 उद्योग धरातल पर आए हैं और 70 से अधिक पर काम चल रहा है। अन्य प्रोजेक्ट पर भी जल्द काम शुरू होने की उम्मीद है।
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