अधिवक्ताओं के लिए स्थाई व्यवस्थित चेंबर और वाहन पार्किंग की व्यवस्था की जाए। सामूहिक स्वास्थ्य बीमा योजना तथा अधिवक्ताओं की मृत्यु उपरांत मिलने वाली सामूहिक टर्म पॉलिसी की योजना बनाई जाए। राज्यसभा एवं विधान परिषद में अधिवक्ताओं के लिए आधिकारिक सीट आरक्षित की जाए।
Meerut News : मेरठ में वकीलों का महासम्मेलन, 60 जिलों के अधिवक्ताओं ने बनाई रणनीति
Oct 19, 2024 09:51
Oct 19, 2024 09:51
- महासम्मेलन में वकीलों ने दी जेल भरने की चेतावनी
- 22 को 60 जिलों के अधिवक्ता न्यायिक कार्य से रहेंगे विरत
- मेरठ जिला बार एसोसिएशन सभागार में हुआ अधिवक्ता महासम्मेलन
अधिवक्ताओं के अधिकारों पर कुठाराघात
मेरठ जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष रविंद्र कुमार सिंह और महामंत्री आनंद कश्यप ने कहा कि अधिवक्ताओं के अधिकारों पर कुठाराघात किया जा रहा है। उन्होंने मांग की कि एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट शीघ्र लागू किया जाए। अधिवक्ताओं के लिए स्थाई व्यवस्थित चेंबर और वाहन पार्किंग की व्यवस्था की जाए। सरकार की जिम्मेदारी है कि कचहरी में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जाएं। हर जगह सीसीटीवी कैमरे लगने चाहिए। जनपद न्यायालय में गठित मॉनिटरिंग सेल में बार एसोसिएशन के अध्यक्ष व महामंत्री को शामिल किया जाए, ताकि अपनी समस्याओं को जिला जज व प्रशासनिक न्यायमूर्ति के सामने रख सकें। अदालतों में रिक्त न्यायिक अधिकारियों एवं कर्मचारियों की नियुक्ति न्यायहित में शीघ्र की जाए।
वकीलों की लड़ाई के लिए संयुक्त बार एसोसिएशन समिति
महामंत्री आनंद ने कहा कि वकीलों की लड़ाई के लिए संयुक्त बार एसोसिएशन ऑफ उत्तर प्रदेश की संयुक्त समिति बनाई जाएगी। यह पूरे प्रदेश की लड़ाई लड़ेगी। इसकी नियमावली का गठन व कार्यकारिणी समिति का गठन शीघ्र किया जाएगा। कहा कि 22 अक्तूबर को प्रदेशभर में न्यायिक कार्यों का बहिष्कार किया जाएगा। सत्र न्यायधीश को अध्यक्ष व महामंत्री के नेतृत्व में ज्ञापन सौंपा जाएगा। इसके साथ ही मानव शृंखला बनाकर शांतिपूर्वक तरीके से जिलाधिकारी का घेराव करते हुए विरोध-प्रदर्शन किया जाएगा।
महासम्मेलन में ये रही मुख्य मांग
एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट शीघ्र लागू किया जाए । अधिवक्ताओं के लिए स्थाई व्यवस्थित चेंबर और वाहन पार्किंग की व्यवस्था की जाए। सामूहिक स्वास्थ्य बीमा योजना तथा अधिवक्ताओं की मृत्यु उपरांत मिलने वाली सामूहिक टर्म पॉलिसी की योजना बनाई जाए। राज्यसभा एवं विधान परिषद में अधिवक्ताओं के लिए आधिकारिक सीट आरक्षित की जाए। जनपद न्यायालय में गठित मॉनिटरिंग सेल में बार एसोसिएशन के अध्यक्ष व महामंत्री को शामिल किया जाए। अदालतों में रिक्त न्यायिक अधिकारियों एवं कर्मचारियों की नियुक्ति न्यायहित में शीघ्र की जाए। न्यायालय में पारदर्शिता के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं। जनपद न्यायालय में ही जमानती सत्यापन केंद्र बनाया जाए। नए अधिवक्ताओं के लिए 10 हजार रुपये मासिक भत्ता और 60 साल के ऊपर वरिष्ठ अधिवक्ताओं को 25 हजार रुपये मासिक बतौर पेंशन दी जाए। प्रत्येक प्रदेश मुख्यालय में सुप्रीम कोर्ट की एक विशेष खंडपीठ और प्रत्येक मंडल मुख्यालय पर हाईकोर्ट इलाहाबाद की विशेष खंडपीठ का गठन किया जाए।
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