छात्रों को पढ़ाई के लिए मृत शरीर का बड़ा योगदान होता है। देहदान न होने के कारण एमबीबीएस के छात्रों को पढ़ाई में कई समस्याओं का सामना भी करना पड़ता था।
Meerut News : देहदान के प्रति लोगों में बढ़ रही जागरूकता, मेडिकल कॉलेज में करा रहे रजिस्ट्रेशन
Aug 23, 2024 19:02
Aug 23, 2024 19:02
- देहदान को महादान कहा जाता है
- मृत देह मेडिकल छात्रों के लिए साइलेंस टीचर
- एमबीबीएस के छात्रों के लिए मृत शरीर का बड़ा योगदान
मृत शरीर का बड़ा योगदान
उन्होंने कहा कि इंसान की जिंदगी बचाने के लिए चिकित्सकों की अहम भूमिका मानी जाती है। एमबीबीएस की पढ़ाई करने वाले छात्रों को पढ़ाई के लिए मृत शरीर का बड़ा योगदान होता है। देहदान न होने के कारण एमबीबीएस के छात्रों को पढ़ाई में कई समस्याओं का सामना भी करना पड़ता था। लेकिन अब धीरे-धीरे लोग देहदान के प्रति जागरूक हो रहे हैं। जिससे एमबीबीएस की पढ़ाई करने वाले छात्रों को भी काफी मदद मिल रही है।
चिकित्सकों की अहम भूमिका
इंसान की जिंदगी बचाने के लिए चिकित्सकों की अहम भूमिका मानी जाती है। देहदान के लिए अब धीरे-धीरे लोग जागरूक हो रहे हैं। लाला लाजपत राय स्मारक मेडिकल कॉलेज मेरठ के प्राचार्य डॉ. आरसी गुप्ता ने बताया कि आजादी के पर्व के उपलक्ष्य में मेडिकल कॉलेज मेरठ में सोमदत्त वत्स ने अपना देह दान का रजिस्ट्रेशन करवाया है। सोमदत्त वत्स ने लोगों को देहदान के लिए प्रेरित करने की एक अनूठी पहल की है।
देहदान के उपरांत सोमदत्त वत्स ने कहा
देहदान के उपरांत सोमदत्त वत्स ने कहा कि 15 अगस्त के इस पावन दिवस पर मैं अपना संपूर्ण शरीर मेडिकल कॉलेज में अध्यनरत विद्यार्थियों हेतु दान कर रहा हूँ। इसी के साथ उन्होंने सभी मेडिकल के विद्यार्थियों को जीवन में सफल होने के लिए शुभकामनाएँ भी दी।
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