हेपेटाइटिस का लक्षण दिखाई देने पर चिकित्सकीय परामर्श लेने के बाद माइक्रोबायोलॉजी विभाग में उपलब्ध हेपेटाइटिस बी एवम सी के वायरल मार्कर टेस्ट जैसे एच बीए सएजी, एंटी एचसीवी एवम इनके वायरल लोड की जांच कराकर रोग की गंभीरता को मापा जा सकता है।
Meerut News : लिवर संबंधी रोग नहीं लाइलाज, अत्याधुनिक फाइब्रोस्केनिंग जांच से पता चलेगी बीमारी
Feb 18, 2024 18:55
Feb 18, 2024 18:55
- राष्ट्रीय वायरल हेपेटाइटिस कंट्रोल प्रोग्राम अंर्तगत मेरठ मेडिकल कालेज में प्रशिक्षण कार्यशाला
- लिवर संबंधी रोग नहीं लाइलाज, अत्याधुनिक फाइब्रोस्केनिग जांच से पता चलेगी बीमारी
- माइक्रोबायोलॉजी विभाग ने हेपेटाइटिस की अत्याधुनिक जांच सुविधाओ पर चर्चा की
देश में हैपेटाइटिस से संक्रमित मरीजों की लगातार बढ रही
हेपेटाइटिस मॉडल ट्रीटमेंट सेंटर मेडिकल कालेज मेरठ के प्रभारी अधिकारी ’डाॅ. अरविंद कुमार’ ने बताया कि देश में हैपेटाइटिस से संक्रमित मरीजों की लगातार बढ़ती हुई संख्या को देखते हुए भारत सरकार ने राष्ट्रीय वायरल हेपटाइटिस कंट्रोल प्रोग्राम को विश्व हेपेटाइटिस दिवस 28 जुलाई के दिन 2018 में शुरू किया।
’ये हैं हैपेटाइटिस के लक्षण’
भूख का कम लगना, शरीर में कमजोरी लगना, आंख, पेशाब एवम त्वचा का रंग पीला होना, मिचली आना, हल्का बुखार होना, सिर एवम पेट में दर्द का रहना, जोड़ों में दर्द रहना आदि हैं।
हेपेटाइटिस बी एवम सी का संक्रमण कैसे फैलता है
हेपेटाइटिस का संक्रमण उपयोग किए गए इंजेक्शन अथवा सिरिंज का पुनः उपयोग, इंजेक्शन की सुइयों का साझा किया जाना, टैटू, शारीरिक अंग जैसे नाक, कान व अन्य अंगों को भेदने के लिए संक्रमित सुई का उपयोग, रेजर, ब्लेड, नेल कटर, टूथ ब्रश का साझा करना, असुरक्षित समलैंगिक अथवा विषमलैंगिक यौन संबंध बनाना, संक्रमित रक्त एवम रक्त उत्पाद का संचार, डायलिसिस आदि।
हैपेटाइटिस बी के संक्रमण का मां से शिशु को संचरण’
सभी गर्भवती महिलाओं को हेपेटाइटिस बी की जांच अपने नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र पर कराना चाहिए एवम धनात्मक पाई गई गर्भवती महिलाओं को प्रसव स्वास्थ्य केंद्र पर ही करना चाहिए। नवजात शिशु को जन्म के 24 घंटे के भीतर हेपेटाइटिस बी के पहले टीके की खुराक दिया जाना अनिवार्य है।
हेपेटाइटिस का लक्षण दिखाई देने पर चिकित्सकीय परामर्श
मेडिकल कालेज के मीडिया प्रभारी डाॅ. वीडी पांडे ने बताया कि भारत सरकार के निर्देशानुसार सभी जिला मुख्यालयों पर ट्रिटमेंट सेंटर को जिला अस्पतालों में स्थपित किया गया तथा सरकारी मेडिकल कलेजों को मॉडल ट्रिटमेंट सेंटर बनाया गया। सभी जिला अस्पतालों एवम माडल ट्रिटमेंट सेंटर पर सभी जांच एवम दवा निःशुल्क उपलब्ध है। पैथोलॉजी विभाग की आचार्य एवम विभागाध्यक्ष ’डॉ प्रीती सिंह’ के बताया कि यदि किसी व्यक्ति को हेपेटाइटिस का लक्षण है तो तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें एवम जांच कराएं। पैथोलॉजी विभाग में उपलब्ध जांचे एस जी ओ टीए एस जी पी टी एवम बिलुरुबीन की जांच करानी चाहिए।
माइक्रोबायोलॉजी विभाग के सह आचार्य डॉ प्रेम प्रकाश मिश्रा’ ने बताया कि हेपेटाइटिस का लक्षण दिखाई देने पर चिकित्सकीय परामर्श लेने के बाद माइक्रोबायोलॉजी विभाग में उपलब्ध हेपेटाइटिस बी एवम सी के वायरल मार्कर टेस्ट जैसे एच बीए सएजी, एंटी एचसीवी एवम इनके वायरल लोड की जांच कराकर रोग की गंभीरता को मापा जा सकता है।
मेडिकल कॉलेज के ’प्रधानाचार्य’ ने प्रशिक्षण शिविर के सफल आयोजन हेतु डा अरविन्द कुमार एवम मेडिसिन विभाग को बधाई दी। इस अवसर पर डाॅ. ज्ञानेश्वर टाक, डाॅ. धीरज राज, डाॅ. आभा गुप्ता, डाॅ. अमित गर्ग, डाॅ. योगिता सिंह, डाॅ. अनिल कुमार, डाॅ. दीपाली मित्तल, डाॅ. राहुल सिंह, मेडिसिन विभाग के जूनियर रेजिडेंट डॉक्टर तथा छात्र छात्राएं उपस्थित रहे।
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