मिर्जापुर की मझवां सीट पर भाजपा प्रत्याशी सुचिस्मिता मौर्य ने जीत हासिल की है। मझवां में विनोद बिंद के सासंद बनने के बाद खाली हुई सीट पर एक बार फिर कमल खिला है...
ससुर की मौत के बाद राजनीति में सक्रिय : मझवां में फिर खिला कमल, जानें कौन हैं सपा को हराने वाली सुचिस्मिता मौर्य
Nov 23, 2024 15:54
Nov 23, 2024 15:54
जानें कौन हैं सुचिस्मिता मौर्य
2017 में बीजेपी की लहर के दौरान मिर्जापुर जिले की सभी पांच विधानसभा सीटों पर पार्टी ने कब्जा किया था। इसी चुनाव में बीजेपी के टिकट पर सुचिस्मिता मौर्य ने पहली बार चुनाव लड़ा और जनता ने उन्हें जिताकर विधानसभा भेजा। सुचिस्मिता मौर्य एक राजनीतिक परिवार से ताल्लुक रखती हैं, उनके ससुर रामचंद्र मौर्य बीजेपी के पुराने नेता थे और मझवां से भाजपा के टिकट पर विधायक भी रह चुके हैं।
पहली बार में दी थी कड़ी टक्कर
सुचिस्मिता मौर्य साल 2017 में पहली बार चुनाव मैदान में उतरी थीं। ससुर की मौत के बाद सुचिस्मिता राजनीति में सक्रिय हुईं। भाजपा ने उन्हें मझवां से अपना उम्मीदवार बनाया। जीत दर्ज कर उन्होंने पार्टी के निर्णय को सही साबित किया। इससे पहले सुचिस्मिता मौर्य कभी राजनीति में सक्रिय नहीं रही थीं। बता दें कि सुचिस्मिता एमबीए पास हैं। अपनी पहली ही चुनावी लड़ाई में उन्होंने बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी और तीन बार के विधायक रमेश बिंद (जो अब सपा में शामिल हैं) को कड़ी टक्कर देकर हराया। सुचिस्मिता मौर्य पर अब तक कोई भी मुकदमा दर्ज नहीं है।
कौन हैं ज्योति बिंद
डॉ. ज्योति बिंद मझवां से पूर्व विधायक और भदोही से पूर्व सांसद रमेश बिंद की बेटी हैं। समाजवादी पार्टी (सपा) ने उन्हें मझवां विधानसभा उपचुनाव के लिए अपना प्रत्याशी घोषित किया है। रमेश बिंद मझवां सीट से तीन बार विधायक रहे हैं और 2019 में उन्होंने लोकसभा चुनाव में बीजेपी के टिकट पर भदोही से सांसद पद पर जीत हासिल की थी। डॉ. ज्योति बिंद अब राजनीति में सक्रिय होकर अपने परिवार की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाने की दिशा में कदम बढ़ा रही हैं।
सपा नहीं खोल पाई खाता
मझवां विधानसभा सीट पर कांग्रेस, जनसंघ, जनता दल, बसपा और बीजेपी ने अब तक चुनावी जीत हासिल की है। 1952 से 1969 तक यह सीट सुरक्षित थी और 1974 में इसे सामान्य सीट के रूप में बदल दिया गया। इस दौरान कांग्रेस के नेताओं रुद्र प्रसाद और लोकपति त्रिपाठी ने विधायक पद पर जीत हासिल की। मझवां सीट से कांग्रेस ने 8 बार जबकि बीएसपी ने 5 बार जीत दर्ज की है। 2017 में बीजेपी की सुचिष्मिता मौर्य और 2022 में बीजेपी-निषाद पार्टी के डॉ. विनोद बिंद विधायक बने। हालांकि, समाजवादी पार्टी (सपा) अब तक इस सीट पर कोई भी चुनावी सफलता नहीं हासिल कर पाई है।