Mirzapur News : मानसून की आहट के साथ बाढ़ से निपटने की तैयारियां तेज, डीएम ने बैठक कर दिए निर्देश

मानसून की आहट के साथ बाढ़ से निपटने की तैयारियां तेज, डीएम ने बैठक कर  दिए निर्देश
UPT | बाढ़ से निपटने की तैयारियों को लेकर डीएम ने बैठक की।

Jun 30, 2024 13:01

कलेक्ट्रेट सभागार में संभावित बाढ़ से निपटने की तैयारियों को लेकर डीएम ने बैठक की। जिलाधिकारी ने बाढ़ कंट्रोल रूम में 8-8 घण्टे शिफ्टवार कर्मचारियों की ड्यूटी लगाने को कहा। उन्होंने कहा कि जिला पंचायत राज अधिकारी, ग्राम्य विकास विभाग एवं नगर पालिका व पंचायत चूने का छिड़काव व आवश्यक व्यवस्थाए सुनिश्चित कराए । ताकि संक्रामक बीमारियों से लोगों को बचाया जा सकें। 

Jun 30, 2024 13:01

Mirzapur News : मिर्जापुर जिले में मानसून के आगमन के साथ ही बाढ़ से निपटने की तैयारियां जोरों पर हैं। जिलाधिकारी प्रियंका निरंजन ने कलेक्ट्रेट सभागार में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की, जिसमें संभावित बाढ़ से निपटने के लिए विस्तृत योजना पर चर्चा की गई। इस बैठक में विभिन्न विभागों के अधिकारियों को विशेष निर्देश दिए गए, ताकि बाढ़ की स्थिति में त्वरित और प्रभावी कार्रवाई सुनिश्चित की जा सके।

बाढ़ नियंत्रण कक्ष की तैयारी
जिलाधिकारी ने बाढ़ कंट्रोल रूम में 24 घंटे निगरानी सुनिश्चित करने के लिए कर्मचारियों की 8-8 घंटे की शिफ्ट में ड्यूटी लगाने का निर्देश दिया। यह व्यवस्था बाढ़ की स्थिति पर लगातार नज़र रखने और आवश्यकता पड़ने पर तुरंत कार्रवाई करने में मददगार होगी।

स्वच्छता और स्वास्थ्य सुरक्षा
जिला पंचायत राज अधिकारी, ग्राम्य विकास विभाग और नगर पालिका को चूने का छिड़काव करने का निर्देश दिया गया। यह कदम संक्रामक बीमारियों के प्रसार को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। साथ ही, अन्य आवश्यक स्वच्छता उपायों को भी सुनिश्चित करने का आदेश दिया गया।

कृषि क्षेत्र का सर्वेक्षण
उप जिलाधिकारी और उप निदेशक कृषि को संयुक्त रूप से बाढ़ से प्रभावित होने वाले खेतों का सर्वेक्षण करने का निर्देश दिया गया। यह कदम किसानों को होने वाले नुकसान का आकलन करने और उचित मुआवजा सुनिश्चित करने में मदद करेगा।

राहत शिविरों की स्थापना 
जिलाधिकारी ने प्रत्येक प्रभावित क्षेत्र में तीन-तीन उपयुक्त स्थानों पर मानव और पशु सहायता शिविर स्थापित करने का आदेश दिया। इन शिविरों में पर्याप्त मात्रा में राहत सामग्री उपलब्ध कराने पर जोर दिया गया, ताकि प्रभावित परिवारों की आवश्यकताओं को पूरा किया जा सके।

संचार व्यवस्था का सुदृढ़ीकरण
सभी बाढ़ चौकियों पर वायरलेस संचार सुविधा सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया। यह कदम आपातकालीन स्थिति में त्वरित संचार और समन्वय स्थापित करने में मददगार होगा।

स्वास्थ्य सेवाओं की तैयारी 
स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिया गया कि वे ऐसे गांवों के लिए विशेष डॉक्टरों की टीम तैयार रखें, जो बाढ़ के दौरान पूरी तरह से पानी से घिर जाते हैं। इसके अलावा, क्लोरीन की गोलियों की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया गया, जो पानी को शुद्ध करने में मदद करेंगी।

स्थानीय संसाधनों का उपयोग 
जिलाधिकारी ने स्थानीय गोताखोरों और नाविकों से संपर्क स्थापित करने का निर्देश दिया, ताकि बाढ़ के दौरान सुरक्षित मार्गों की जानकारी प्राप्त की जा सके। यह स्थानीय ज्ञान और कौशल का लाभ उठाने में मदद करेगा।

राहत शिविरों का आधुनिकीकरण 
प्रत्येक विकास खंड में कम से कम एक मॉडल शरणालय स्थापित करने का निर्देश दिया गया। इन शिविरों में पब्लिक एड्रेस सिस्टम, शौचालय, शुद्ध पेयजल जैसी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने पर जोर दिया गया। महिलाओं, पुरुषों और बच्चों के लिए अलग-अलग शिविर बनाने का भी निर्देश दिया गया।

पशु सुरक्षा उपाय 
मुख्य पशु चिकित्साधिकारी को निर्देश दिया गया कि वे बाढ़ प्रभावित गांवों में पशुओं का टीकाकरण सुनिश्चित करें और पर्याप्त मात्रा में दवाइयां उपलब्ध कराएं। पशुओं के भूसे के लिए समय रहते टेंडर प्रक्रिया पूरी करने का भी निर्देश दिया गया।

बाढ़ पूर्व तैयारियां 
जिलाधिकारी ने बाढ़ से पहले प्रत्येक ग्राम पंचायत में बाढ़ राहत चौपाल का आयोजन करने का निर्देश दिया। इन चौपालों में पशुओं की गणना, कच्चे और पक्के मकानों का सर्वेक्षण करने पर जोर दिया गया। यह जानकारी बाढ़ के दौरान राहत कार्यों को बेहतर ढंग से संचालित करने में मदद करेगी।

नाविकों और गोताखोरों की भूमिका 
उप जिलाधिकारियों और खंड विकास अधिकारियों को नाविकों और गोताखोरों के साथ बैठक आयोजित करने का निर्देश दिया गया। इस बैठक में नावों पर अतिभार न लादने जैसे सुरक्षा उपायों पर चर्चा की जाएगी।

बिजली सुरक्षा 
जिलाधिकारी ने विद्युत विभाग को निर्देश दिया कि बाढ़ग्रस्त गांवों में पानी भरने पर तुरंत बिजली आपूर्ति बंद कर दी जाए, ताकि पानी में करंट प्रवाहित होने से होने वाली दुर्घटनाओं को रोका जा सके।

स्वच्छता अभियान 
खंड विकास अधिकारियों को निर्देश दिया गया कि वे सहायक विकास अधिकारी पंचायत को चूना छिड़काव के लिए पत्र भेजें। यह कदम बाढ़ के बाद संक्रामक रोगों के प्रसार को रोकने में मदद करेगा।

पशु आश्रय स्थल 
मुख्य पशु चिकित्साधिकारी को तहसील सदर और चुनार में दो ऐसे स्थलों का चयन करने का निर्देश दिया गया, जहां दो से तीन पशुओं को रखने की व्यवस्था की जा सके। यह कदम बाढ़ के दौरान पशुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने में मदद करेगा।

इस महत्वपूर्ण बैठक में अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व शिव प्रताप शुक्ल, उप जिलाधिकारी सदर आसाराम वर्मा, उप निदेशक कृषि विकेश पटेल, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ. राजेश सिंह, अधिशासी अधिकारी नगर पालिका गोवा लाल, आपदा प्रबंधक अंकुर गुप्ता सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

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