मिर्जापुर की मझवां सीट पर भाजपा प्रत्याशी सुचिस्मिता मौर्य ने जीत हासिल की है। मझवां में विनोद बिंद के सासंद बनने के बाद खाली हुई सीट पर एक बार फिर कमल खिला है...
सुचिस्मिता मौर्य ने जनता को दिया जीत का श्रेय : अखिलेश का PDA फार्मूला फेल, कांड़े की टक्कर के बीच भाजपा ने मारी बाजी
Nov 23, 2024 20:36
Nov 23, 2024 20:36
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सुचिस्मिता ने जनता को दिया जीत का श्रेय
मझवां विधानसभा उपचुनाव जीतने के बाद सुचिस्मिता मौर्य ने पत्रकारों से कहा कि मेरे जीत का श्रेय अपनी पार्टी और मंझवा के जनता को जाता है, जिन्होंने मेरे ऊपर दूसरी बार विश्वास करके मुझे विधायक बनाया है। बता दें कि समाजवादी पार्टी का पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक PDA फार्मूला काम नहीं आया। भाजपा की सुचिस्मिता मौर्या ने ज्योति बिंद को 2024 के उपचुनाव में पटखनी दी। इसके पूर्व उनके पिता बसपा प्रत्याशी रमेश बिंद को 2017 में चुनावी समर में मात देकर विधायक बनी थी।
भाजपा ने इन नेताओं ने झोंकी अपनी ताकत
मतगणना के प्रथम चरण में बढ़त लेकर भाजपा प्रत्याशी आगे निकली तो यह सिलसिला अंतिम चरण तक जारी रहा। भाजपा प्रत्याशी सुचिस्मिता मौर्या को विजय दिलाने के लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मझवां सीट पर उत्तर से लेकर दक्षिण तक मतदाताओं को साधा। इसके लिए उन्होंने एक सप्ताह के अंदर दो जनसभा की। डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने भी जनसभा करने के साथ ही जन चौपाल लगाकर लोगों को भाजपा प्रत्याशी के लिए वोट मांगा था। इसके अलावा डिप्टी सीएम केशव मौर्य को मझवा क्षेत्र का तीन बार भ्रमण करना पड़ा। कैबिनेट मंत्री अनिल राजभर को चुनाव प्रभारी बनाया गया था। जन समर्थन के लिए वह क्षेत्र में ही वह डटे रहे। इसके अलावा अपना दल की राष्ट्रीय अध्यक्ष केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल, प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री आशीष पटेल के अलावा कई सांसद विधायक भाजपा के लिए जनसंपर्क अभियान में लग रहे।
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रमेश बिंद के वायरल बयान से हुआ घाटा
समाजवादी पार्टी की प्रत्याशी ज्योति बिन्द के पिता रमेश बिंद का जाति विशेष को लेकर दिये गये बयान घातक साबित हुआ। उनका वीडियो इस चुनाव में भी वायरल हुआ। जिसका असर दिखाई पड़ा। भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में वोट मांगने आए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, डिप्टी सीएम बृजेश पाठक समेत तमाम नेताओं ने विकास के साथ ही 'बंटोगे तो कटोगे' के नारे को बुलंद किया। लिहाजा कभी क्षेत्र में जातिवाद की लहर से जीतने वालों को निराशा हाथ लगा।