सोनभद्र में फिटनेस सेंटर की शुरुआत : डिजिटल और आटोमेटिक मशीनों से होगी वाहनों की जांच, आठ टेस्ट के बाद जारी होगा प्रमाण पत्र

डिजिटल और आटोमेटिक मशीनों से होगी वाहनों की जांच, आठ टेस्ट के बाद जारी होगा प्रमाण पत्र
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Nov 30, 2024 11:50

परिवहन विभाग के एआरटीओ प्रशासन धनवीर यादव ने बताया कि इस नए फिटनेस सेंटर में वाहनों की जांच स्वचालित उपकरणों के माध्यम से डिजिटल प्रक्रिया पर आधारित होगी।

Nov 30, 2024 11:50

Sonbhadra News : सोनभद्र जिले में अब वाहन मालिकों को अपने वाहनों की फिटनेस जांच के लिए नई और आधुनिक सुविधा मिलने जा रही है। जिले में डिजिटल और स्वचालित मशीनों से वाहनों की फिटनेस जांच के लिए एक अत्याधुनिक फिटनेस सेंटर तैयार किया जा रहा है। यह केंद्र राबर्ट्सगंज के पसही गांव में मुख्य मार्ग पर पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मॉडल के तहत बनाया जा रहा है और इसे शीघ्र ही चालू कर दिया जाएगा।

डिजिटल और पारदर्शी प्रक्रिया से जांच
परिवहन विभाग के एआरटीओ प्रशासन धनवीर यादव ने बताया कि इस नए फिटनेस सेंटर में वाहनों की जांच स्वचालित उपकरणों के माध्यम से डिजिटल प्रक्रिया पर आधारित होगी। जांच प्रक्रिया पूरी होने के बाद फिटनेस प्रमाण पत्र ऑनलाइन जारी किया जाएगा। यह केंद्र जिले के सभी वाहनों की जांच पारदर्शी तरीके से करेगा, जिससे वाहन मालिकों को न केवल बेहतर सेवा मिलेगी बल्कि वाहनों की तकनीकी खराबियों को भी आसानी से दूर किया जा सकेगा।

इन आठ चरणों में होगी जांच
टायरों की जांच : यह सुनिश्चित किया जाएगा कि टायर सही स्थिति में हैं और सड़क पर सुरक्षित हैं।
लाइटिंग सिस्टम की जांच : हेडलाइट, बैक लाइट और इंडिकेटर की कार्यक्षमता का परीक्षण।
पहियों की गति और संतुलन : यह जांचा जाएगा कि पहिये सही ढंग से घूम रहे हैं।
इंजन की आवाज : इंजन से होने वाली आवाज का निरीक्षण, जिससे तकनीकी समस्याओं का पता लगाया जा सके।
सीटों की स्थिति : यह सुनिश्चित किया जाएगा कि सीटें आरामदायक और सुरक्षित हैं।
प्रेशर हार्न का परीक्षण : हार्न की कार्यक्षमता और ध्वनि स्तर की जांच।
ब्रेकिंग सिस्टम की जांच : ब्रेक की कार्यक्षमता का परीक्षण।
अन्य तकनीकी जांचें : सभी आवश्यक उपकरणों और वाहनों के अन्य पहलुओं की गहन जांच।



दुर्घटनाओं में होगी कमी
अब तक वाहनों की जांच मैनुअल प्रक्रिया से की जाती थी, जो तकनीकी दृष्टिकोण से सीमित और समय लेने वाली थी। कई बार जांच में कमियां रह जाने के कारण सड़क दुर्घटनाएं होती थीं। नए डिजिटल सिस्टम से यह सुनिश्चित होगा कि हर वाहन की गहन जांच हो और कोई भी खराबी रह न जाए।

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पुनः जांच के लिए जमा करना होगा शुल्क 
यदि कोई वाहन फिटनेस परीक्षण में विफल होता है, तो उसके मालिक या अधिकृत व्यक्ति को दोबारा जांच के लिए निर्धारित शुल्क जमा करना होगा। पुनः परीक्षण में असफल होने पर वाहन को "अवधि समाप्त वाहन" (ईएलवी) घोषित कर दिया जाएगा और उसे सड़क पर चलाने की अनुमति नहीं दी जाएगी।

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वाहन मालिकों को मिलेगी राहत
यह नया फिटनेस सेंटर वाहन मालिकों के लिए एक बड़ी सुविधा लेकर आ रहा है। अब उन्हें फिटनेस जांच के लिए पारदर्शी और विश्वसनीय प्रक्रिया उपलब्ध होगी। शासन की इस पहल से न केवल दुर्घटनाओं में कमी आएगी, बल्कि पर्यावरण और यातायात सुरक्षा को भी बढ़ावा मिलेगा।

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