बिजनौर लोकसभा : चंदन चौहान ने सपा के दीपक सैनी को हराया चुनाव, विधायक से बने सांसद

चंदन चौहान ने सपा के दीपक सैनी को हराया चुनाव, विधायक से बने सांसद
UPT | चंदन चौहान

Jun 04, 2024 21:10

चंदन चौहान बिजनौर के एक बड़े सियासी परिवार से आते हैं। चंदन चौहान मीरपुर से रालोद के मौजूदा विधायक हैं। 2022 के चुनाव में रालोद के टिकट पर उन्होंने चुनाव लड़ा था। चंदन चौहान बिजनौर के ही पूर्व सांसद संजय सिंह चौहान के बेटे हैं।

Jun 04, 2024 21:10

Short Highlights
  • चंदन चौहान ने इस चुनाव को 37 हजार 508 वोटों से जीत लिया है।
  • समाजवादी पार्टी के दीपक सैनी को हार का सामना करना पड़ा है।
Loksabha Chunav : लोकसभा चुनाव 2024 के लिए भारतीय जनता पार्टी ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश में राष्ट्रीय लोक दल के साथ गठबंधन किया था। रालोद के खाते में बिजनौर और बागपत की सीटें आई। चुनाव में बिजनौर से रालोद के उम्मीदवार चंदन चौहान ने जीत दर्ज कर ली है। उनके सामने चुनावी मैदान में समाजवादी पार्टी के दीपक सैनी थे। दीपक सैनी को इस चुनाव में 37 हजार 508 वोटों से हार का सामना करना पड़ा है।

राजनीतिक परिवार से चंदन का नाता
चंदन चौहान बिजनौर के एक बड़े सियासी परिवार से आते हैं। चंदन चौहान मीरपुर से रालोद के मौजूदा विधायक हैं। 2022 के चुनाव में रालोद के टिकट पर उन्होंने चुनाव लड़ा था। चंदन चौहान बिजनौर के ही पूर्व सांसद संजय सिंह चौहान के बेटे हैं। अक्टूबर 2014 में चंदन के पिता संजय सिंह चौहान की हार्ट अटैक से मौत हो गई थी। संजय सिंह चौहान विधायक और सांसद दोनों रहे हैं। चंदन के पिता की मौत हुई तो उस समय चंदन भी राजनीति में सक्रिय हो गए थे। चंदन राष्ट्रीय लोक दल में काम कर रहे थे। चंदन चौहान के दादा बाबू नारायण सिंह यूपी के उपमुख्यमंत्री रह चुके हैं। बाबू नारायण सिंह का कैराना, बिजनौर, मुजफ्फरनगर के इलाकों में काफी प्रभाव था।

जब चंदन चौहान पहली बार विधायक बने तो 2022 के चुनाव में मीरापुर विधानसभा सीट से रालोद के सिंबल पर चुनाव जीते। लेकिन उस समय चंदन चौहान समाजवादी पार्टी में थे। उस चुनाव में सपा और रालोद गठबंधन में चुनाव लड़ रही थी। लेकिन गठबंधन में चंदन रालोद के सिंबल पर चुनाव लड़े थे। उससे पहले वर्ष 2017 में खतौली विधानसभा सीट से चंदन चौहान ने सपा के टिकट पर चुनाव लड़ा था, लेकिन उस चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। चंदन चौहान के पिता संजय सिंह चौहान साल 1996 में पहली बार सपा के टिकट पर मोरना विधानसभा सीट से चुनाव जीतकर विधायक बने।

अखिलेश और चंदन में थी काफी करीबी
चंदन चौहान का समाजवादी पार्टी और अखिलेश यादव से काफी अच्छे रिश्ते बताये जाते रहे हैं। जान चंदन चौहान के पिता की मौत हुई थी तो अखिलेश यादव और मुलायम सिंह यादव का फोन उनके पास गया। साथ ही चंदन चौहान के कई कार्यक्रम में अखिलेश यादव खुद पहुंचते थे। लेकिन बाद में चंदन का रालोद प्रमुख जयंत चौधरी के साथ भी करीबी बढ़ी। जिसके बाद चंदन चौहान को  जयंत चौधरी ने पार्टी के युवा मार्चा का अध्यक्ष बना दिया। जिसके बाद जयंत के इस कदम को कई नजर देखा गया। 

करोड़ों के मालिक हैं चंदन चौहान
चुनावी हलफनामे के मुताबिक आरएलडी व भाजपा गठबंधन प्रत्याशी चंदन चौहान के पास डेढ़ लाख रुपए नकद है। उनकी पत्नी यशिका चौहान की बात करें तो उनके पास सवा लाख रुपए नकद है। गाड़ियों में उनके पास टाटा सफारी व एक स्विफ्ट गाड़ी है। चंदन चौहान के पास 160 ग्राम सोना एवं 500 ग्राम चांदी है। उनकी पत्नी के पास 1100 ग्राम सोना है। इसके अलावा 12 लाख रुपए के डायमंड उनकी पत्नी के पास है।अचल संपत्ति की बात करें तो चंदन चौहान के नाम करीब 5 करोड़ 37 लाख रुपए की अचल संपत्ति भी है। वहीं 70 लाख की अचल संपत्ति उनकी पत्नी यशिका के नाम पर है।

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