मुस्लिम मतदाताओं के बीच रामवीर सिंह ने ऐसे खिलाया कमल : स्थानीय नेताओं की ताकत से पलटी सपा की किस्मत, ऐसे बनाया सामुदायिक संतुलन 

स्थानीय नेताओं की ताकत से पलटी सपा की किस्मत, ऐसे बनाया सामुदायिक संतुलन 
UPT | मुस्लिम मतदाताओं के बीच रामवीर सिंह ने ऐसे खिलाया कमल

Nov 23, 2024 15:19

उत्तर प्रदेश की 9 विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव की मतगणना में सबसे बड़ा उलटफेर कुंदरकी विधानसभा सीट पर देखने को मिला है। यहां भारतीय जनता पार्टी  के उम्मीदवार ठाकुर रामवीर सिंह ने बड़ी बढ़त हासिल कर ली है...

Nov 23, 2024 15:19

Moradabad News :  उत्तर प्रदेश की 9 विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव की मतगणना में सबसे बड़ा उलटफेर कुंदरकी विधानसभा सीट पर देखने को मिला है। यहां भारतीय जनता पार्टी  के उम्मीदवार ठाकुर रामवीर सिंह ने बड़ी बढ़त हासिल कर ली है। प्रारंभिक रुझानों में सपा के हाजी मोहम्मद रिजवान ने शुरुआत में बढ़त बनाई थी, लेकिन जैसे-जैसे वोटों की गिनती आगे बढ़ी रामवीर सिंह ने उन्हें पीछे छोड़ते हुए निर्णायक बढ़त बनाई।

सीट पर 60 फीसदी से अधिक मुस्लिम आबादी है
कुंदरकी जो तुर्क आबादी के लिए जानी जाती है। पर बीजेपी का कमल खिलने की संभावनाएं अब साफ हो गई हैं। इस सीट पर 60 फीसदी से अधिक मुस्लिम आबादी है और यहां जो चुनावी मुकाबला हो रहा है, उससे स्पष्ट हो गया है कि सपा को अल्पसंख्यक वोटों का समर्थन नहीं मिला। जियाउर रहमान बर्क की अनदेखी और अखिलेश यादव द्वारा उनके संबंध में दिए गए बयानों ने सपा के लिए स्थिति को और भी चुनौतीपूर्ण बना दिया।

बीजेपी के पक्ष में एकतरफा लहर
कुंदरकी सीट पर बीजेपी के पक्ष में एकतरफा लहर नजर आ रही है। खबर लिखे जाने तक रामवीर सिंह ने 82,503 वोट हासिल किए हैं और उनकी बढ़त 74,568 वोटों की है। दूसरी ओर सपा के हाजी रिजवान को केवल 7,935 वोट मिले हैं। आजाद समाज पार्टी के चांद बाबू को 4,047 वोट और एआईएमआईएम के मोहम्मद वारिश को 2,158 वोट मिले हैं।
 


रामवीर सिंह की पहचान
ठाकुर रामवीर सिंह को कुंदरकी क्षेत्र में एक स्थानीय नेता के रूप में पहचान मिली हुई है। उपचुनाव के प्रत्याशी बनने के बाद रामवीर ने विभिन्न वर्गों को एकजुट करने की कोशिश की। उन्होंने तुर्क आबादी को साधने के लिए जालीदार टोपी पहनकर उनके बीच जाकर वोट मांगे, जिसका सकारात्मक असर देखने को मिला। दूसरी तरफ हाजी रिजवान को डॉ. शफीकुर्रहमान बर्क के गढ़ में लाकर अखिलेश यादव ने जीत की उम्मीद जताई, लेकिन यह दांव उल्टा साबित हुआ।

मुख्य मुकाबला सपा-भाजपा के बीच
कुंदरकी उपचुनाव में बीजेपी और सपा के बीच मुख्य मुकाबला देखने को मिल रहा था। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव दोनों ने इस सीट पर जोरदार प्रचार किया। अखिलेश यादव ने हाजी रिजवान को टिकट देने का समर्थन किया था, लेकिन बर्क परिवार के प्रभाव के चलते उनके समर्थकों ने इस बदलाव को नकारा कर दिया।

लंबे इंतजार के बाद हाथ लगी जीत
कुंदरकी सपा के लिए एक महत्वपूर्ण सीट मानी जाती थी, जो डॉ. शफीकुर्रहमान बर्क की कर्मभूमि रही है। 31 साल पहले बीजेपी ने इस सीट पर जीत हासिल की थी, उसके बाद से सपा और बसपा का इस पर कब्जा रहा। सपा ने लगातार तीन बार यहां जीत दर्ज की थी। पिछले चुनावों में सपा और बीजेपी के बीच वोटों का अंतर धीरे-धीरे घटता गया था, लेकिन इस उपचुनाव में रामवीर सिंह की बढ़त ने सपा के लिए एक नई चुनौती खड़ी कर दी है। कुंदरकी में बीजेपी की जीत ने न केवल पार्टी के लिए एक ऐतिहासिक अवसर प्रदान किया है, बल्कि सपा की राजनीति को भी प्रभावित किया है।

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