इससे पहले, खिरनी मोहिउद्दीनपुर और बसला गांवों में लगभग 113 हेक्टेयर भूमि की खरीद पूरी की जा चुकी है। अब, सारंगपुर में 27.600 हेक्टेयर और अमावती कुतुबपुर में 81.444 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया जाना है...
बदलता उत्तर प्रदेश : संभल में औद्योगिक गलियारे के लिए गांवों में भूमि खरीद की अनुमति, 182 करोड़ रुपये का निवेश
Sep 16, 2024 17:58
Sep 16, 2024 17:58
इससे पहले, खिरनी मोहिउद्दीनपुर और बसला गांवों में लगभग 113 हेक्टेयर भूमि की खरीद पूरी की जा चुकी है। अब, सारंगपुर में 27.600 हेक्टेयर और अमावती कुतुबपुर में 81.444 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया जाना है। इसमें ग्राम सभा की भूमि भी शामिल है, जहां सारंगपुर में 0.728 हेक्टेयर और अमावती कुतुबपुर में 7.041 हेक्टेयर भूमि चिह्नित की गई है। कुल 108 हेक्टेयर भूमि का बैनामा 604 किसानों द्वारा कराया जाएगा, जिसमें सारंगपुर के 108 और अमावती कुतुबपुर के 496 किसान शामिल हैं। बैनामा के लिए 354 गाटों की आवश्यकता होगी।
शासन ने इस प्रक्रिया के लिए 182 करोड़ रुपये का बजट तय किया है। इससे न केवल क्षेत्र का विकास होगा बल्कि किसानों की स्थिति में भी सुधार होगा। अपर जिलाधिकारी प्रदीप वर्मा ने बताया कि भूमि की खरीद का विवरण सर्किल रेट के अनुसार तय किया गया है और शासन द्वारा फाइनल सूची को भी स्वीकृति मिल चुकी है। बैनामा की प्रक्रिया के लिए किसानों के सभी आवश्यक दस्तावेज भी प्राप्त कर लिए गए हैं, और जल्द ही बैनामा किया जाएगा।
फैक्ट्रियों से रोजगार में वृद्धि
संभल जिले में हस्तशिल्प और मेंथा का बड़ा कारोबार होता है। औद्योगिक गलियारे के निर्माण से इन क्षेत्रों में व्यापार में सुधार होगा और बड़ी कंपनियां अपने प्लांट यहां स्थापित करेंगी। इसके अलावा, खिरनी में गंगा एक्सप्रेस-वे का जंक्शन भी बन रहा है, जिससे क्षेत्र की आर्थिक स्थिति और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। औद्योगिक गलियारा क्षेत्र की तरक्की के साथ-साथ रोजगार के नए अवसर भी उत्पन्न करेगा।
जिले के उद्यमियों को मिलेगी प्राथमिकता
औद्योगिक गलियारे में जिले के उद्यमियों को प्राथमिकता देने का वादा किया गया है। उपायुक्त उद्योग शैलेंद्र सिंह ने 5 सितंबर के मंथन कार्यक्रम में स्पष्ट किया कि जिले के उद्यमियों को पहले प्राथमिकता दी जाएगी और प्रयास रहेगा कि पहले जिले के उद्यमियों के उद्योग स्थापित किए जाएं। इसके बाद अन्य जिलों के उद्यमियों को अवसर मिलेगा। बबराला में पहला औद्योगिक क्षेत्र पहले से ही मौजूद है, और अब दूसरा औद्योगिक गलियारा विकसित हो रहा है, जिससे जिले के विकास में तेजी आएगी।
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