प्रेसवार्ता में कमिश्नर ने कहा कि हिंसा के दौरान पुलिस पर गोली चलाने के आरोप लगाए जा रहे हैं, लेकिन अभी तक कोई ठोस सबूत उपलब्ध नहीं कराया गया है। एक वीडियो के आधार पर इल्जाम लगाना उचित नहीं है।
संभल हिंसा पर बोले कमिश्नर : पुलिस के खिलाफ साक्ष्य मिलने पर होगी कार्रवाई, बवाल में शामिल लोगों की होगी गिरफ्तारी
Nov 29, 2024 12:50
Nov 29, 2024 12:50
पुलिस पर आरोप
प्रेसवार्ता में कमिश्नर ने कहा कि हिंसा के दौरान पुलिस पर गोली चलाने के आरोप लगाए जा रहे हैं, लेकिन अभी तक कोई ठोस सबूत उपलब्ध नहीं कराया गया है। एक वीडियो के आधार पर इल्जाम लगाना उचित नहीं है। अगर पुलिस की भूमिका संदिग्ध पाई जाती है, तो साक्ष्य मिलने पर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बताया कि अब तक 30 आरोपी जेल भेजे जा चुके हैं।
उपद्रवियों पर कार्रवाई
कमिश्नर ने बताया कि हिंसा के लिए जिन ईंटों का उपयोग किया गया, वे सड़क किनारे मकान निर्माण के लिए रखी गई थीं। हिंसा के दौरान मस्जिद को भी क्षतिग्रस्त करने का प्रयास किया गया। उन्होंने कहा कि खुफिया इकाई के इनपुट के आधार पर पुलिस ने सुरक्षा के इंतजाम किए थे, लेकिन भीड़ ने अचानक हिंसक रूप ले लिया। हिंसा में बाहरी लोगों की भूमिका की आशंका जताई गई है। कमिश्नर ने कहा कि इस दिशा में भी जांच चल रही है। सीसीटीवी कैमरों की फुटेज का विश्लेषण किया जा रहा है, लेकिन कुछ स्थानों पर उपद्रवियों ने कैमरे तोड़ दिए, जिससे जांच में बाधा आ रही है।
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नाबालिगों की भागीदारी पर चिंता
कमिश्नर ने कहा कि हिंसा में नाबालिगों की भी भागीदारी बेहद चिंताजनक है। उन्होंने कहा, "जो बच्चे स्कूलों में पढ़ाई करने की उम्र में हैं, वे इस तरह की गतिविधियों में शामिल हुए, यह मेरे लिए बेहद दुखद है। इन बच्चों की काउंसलिंग कराई जाएगी ताकि भविष्य में वे इस तरह के कृत्यों से बच सकें।"
संपत्ति जब्ती और नुकसान की भरपाई
प्रेसवार्ता में कमिश्नर ने बताया कि हिंसा के दौरान निजी और सरकारी संपत्तियों को हुए नुकसान का आकलन अंतिम चरण में है। उन्होंने कहा कि नुकसान की भरपाई उपद्रवियों से की जाएगी। जिन लोगों ने हिंसा में सक्रिय भूमिका निभाई, उनकी संपत्ति जब्त करने की प्रक्रिया शुरू की जा रही है। इसके लिए न्यायालय के निर्देशों का पालन करते हुए आरोपियों की पहचान सार्वजनिक की जाएगी।
सर्वे शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न
कमिश्नर ने स्पष्ट किया कि विवादित मस्जिद और मंदिर क्षेत्र का सर्वे शांतिपूर्ण तरीके से किया गया। सुरक्षा बलों की तैनाती के बीच टीम ने अपना काम पूरा किया। उन्होंने वायरल हो रहे वीडियो के संदर्भ में कहा कि यह मस्जिद से काफी दूर का है और इसे आधार बनाकर निष्कर्ष निकालना सही नहीं है।
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धार्मिक नारों पर संतुलित रुख
धार्मिक नारेबाजी को लेकर कमिश्नर ने कहा कि मस्जिद और मंदिर दोनों पक्षों के लोग अपने-अपने धार्मिक नारे लगाते हैं। इसका मतलब यह नहीं कि नारेबाजी को हिंसा का आधार मानकर दोनों पक्षों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।
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