46 साल बाद खुला संभल का शिव मंदिर : डीएम-एसपी ने की सफाई, रैंप के नीचे मिला कुआं

डीएम-एसपी ने की सफाई,  रैंप के नीचे मिला कुआं
UPT | संभल के डीएम-एसपी ने हाथ से की मंदिर की सफाई

Dec 14, 2024 15:05

संभल में शनिवार को एक 46 साल से बंद पड़े भगवान शिव के मंदिर को अचानक खोला गया। यह मंदिर उस क्षेत्र में स्थित है, जहां हाल ही में हिंसा हुई थी...

Dec 14, 2024 15:05

Sambhal News : संभल में शनिवार को एक 46 साल से बंद पड़े भगवान शिव के मंदिर को अचानक खोला गया। यह मंदिर उस क्षेत्र में स्थित है, जहां हाल ही में हिंसा हुई थी और जो मुस्लिम बहुल है। बिजली चोरी के खिलाफ चल रही छापेमारी के दौरान जिलाधिकारी (डीएम) और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसपी) को यह मंदिर दिखाई दिया। इसके बाद दोनों ने मंदिर के गेट को खुलवाया और अपने हाथों से सफाई कार्य शुरू किया। यह मंदिर जामा मस्जिद से केवल डेढ़ किलोमीटर की दूरी पर स्थित है और 1978 के दंगों के बाद से यह बंद पड़ा था, जब अधिकांश हिंदू लोग इस इलाके से चले गए थे।
दंगों के बाद हिंदू परिवारों ने किया पलायन
दरअसल, यह मंदिर खग्गू सराय इलाके में स्थित है, जो जामा मस्जिद से करीब डेढ़ किमी दूर है। यहां की स्थिति जटिल है क्योंकि 1978 में हुए दंगों के बाद हिंदू परिवारों का इस क्षेत्र से पलायन हो गया था और इस कारण मंदिर के दरवाजे बंद हो गए थे। यह इलाका सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क के क्षेत्र में आता है और मंदिर से उनका घर सिर्फ 200 मीटर की दूरी पर स्थित है। 

यहां आने से कतराते थे लोग
इस मामले में डीएम राजेंद्र पैंसिया ने बताया कि इस क्षेत्र में बिजली चोरी की घटनाएं बढ़ी हुई थीं और लोग वहां आने से कतराते थे। जब अधिकारियों ने छापेमारी की, तो उन्होंने मंदिर को देखा और उसकी सफाई का आदेश दिया। सफाई के दौरान, एक व्यक्ति ने अधिकारियों को सूचित किया कि मंदिर के ऊपर एक रैंप बना हुआ था और रैंप के नीचे एक कुआं था। रैंप हटाने पर कुआं पाया गया।
चार से पांच सौ साल पुराना है मंदिर
संभल के डीएम राजेंद्र पैंसिया ने कहा कि स्थानीय लोगों ने उन्हें बताया कि यह मंदिर लगभग 400 से 500 साल पुराना है। वे यह भी बताते हैं कि इस इलाके में बिजली चोरी की घटनाएं अधिक होती हैं, और प्रशासन की टीम यहां कभी नहीं आई थी। डीएम ने मंदिर का गेट खोला और स्थानीय लोगों से कहा कि इसे उनके समाज को सौंपा जाएगा, ताकि वे इसका पुनर्निर्माण और पुजारी की नियुक्ति कर सकें।

अब तक तीन ओर अतिक्रमण
मंदिर के तीन ओर अतिक्रमण हो चुका था, जबकि एक ओर थोड़ी सी जगह खाली थी। इसके पास एक कुआं भी था, जिस पर रैंप बना हुआ था। रैंप को हटाने के बाद कुएं की असल स्थिति सामने आई। मंदिर की सफाई के बाद हिंदू समुदाय के लोग वहां पूजा करने पहुंचे। नगर हिंदू महासभा के संरक्षक विष्णु शंकर रस्तोगी, जो 82 साल के हैं, उन्होंने बताया कि उनका जन्म इस इलाके में हुआ था और 1978 के दंगों के बाद उनकी समुदाय के लोग यहां से चले गए थे। यह मंदिर उनके कुलगुरु भस्मा शंकर का मंदिर था और उन्होंने बताया कि 1978 से इस मंदिर में पुजारी नहीं आया था।



अतिक्रमण को हटाने का काम करेगा प्रशासन
एसडीएम वंदना मिश्रा ने बताया कि मंदिर के आसपास अतिक्रमण हुआ था, जिसमें एक पीपल का पेड़ भी काट दिया गया था। इसके अलावा, एडिशनल एसपी श्रीश चंद्र ने कहा कि जांच में यह सामने आया कि कुछ लोगों ने मंदिर के आसपास मकान बना लिया था, जिससे मंदिर की भूमि पर अतिक्रमण हो गया था। अब प्रशासन इस अतिक्रमण को हटाने की कार्रवाई करेगा। इसी क्षेत्र में पहले हिंदू परिवार रहते थे, लेकिन हिंसा और अन्य कारणों से वे यह इलाका छोड़ चुके थे। मंदिर को फिर से खोलने से स्थानीय हिंदू समुदाय में खुशी की लहर है।

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