संभल में 'कैद' से निकले हनुमान : 46 साल से क्यों बंद था मंदिर, 1978 के दंगे से लेकर अब तक की कहानी, दस सवालों में समझें

46 साल से क्यों बंद था मंदिर, 1978 के दंगे से लेकर अब तक की कहानी, दस सवालों में समझें
UPT | संभल में 'कैद' से निकले हनुमान

Dec 14, 2024 19:34

संभल के शाही जामा मस्जिद क्षेत्र में शनिवार सुबह जिला प्रशासन ने अतिक्रमण और बिजली चोरी के खिलाफ बड़े पैमाने पर अभियान चलाया। इस दौरान 46 साल से बंद एक भगवान शिव का मंदिर खुलवाया गया...

Dec 14, 2024 19:34

Sambhal News : संभल के शाही जामा मस्जिद क्षेत्र में शनिवार सुबह जिला प्रशासन ने अतिक्रमण और बिजली चोरी के खिलाफ बड़े पैमाने पर अभियान चलाया। इस दौरान 46 साल से बंद एक भगवान शिव का मंदिर खुलवाया गया, जो महमूद खा सराय इलाके में स्थित था। यह मंदिर 1978 के दंगे के दौरान हिंदू परिवार के घर में था, जिसे बंद कर दिया गया था। संभल में अचानक कैसे मिला हनुमान मंदिर? 1978 के दंगे से लेकर अब तक की कहानी को दस सवालों में समझें।

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कैसे मिला मंदिर?
बीते दिनों संभल हिंसा के दौरान उपद्रवियों पर कार्रवाई करते हुए पुलिस और प्रशासन के सामने दो मुख्य मुद्दे सामने आए: एक था बिजली चोरी और दूसरा अतिक्रमण। इन दोनों समस्याओं के समाधान के लिए पुलिस और प्रशासन ने रणनीति तैयार की और शनिवार को इन पर कार्रवाई करने के लिए दो बड़े अभियान चलाए। पहला अभियान बिजली चोरी के खिलाफ था, जबकि दूसरा अभियान अतिक्रमण हटाने के लिए था। जब पुलिस ने बिजली चोरी पकड़ने के लिए घर-घर जाकर छापा मारा, तो उन्हें एक हैरान करने वाली तस्वीर का सामना हुआ। यह तस्वीर एक बंद और अतिक्रमित शिव मंदिर की थी, जो लंबे समय से बंद पड़ा हुआ था। पुलिस ने इस मंदिर को ढूंढ़ निकाला।



मंदिर में क्या क्या मिला?
पुलिस के अधिकारियों ने मंदिर के अंदर की साफ सफाई की, तो देखा कि भगवान शिव जी का शिवलिंग और हनुमान की मूर्ति मंदिर में मौजूद है। ये मंदिर थाना नख़ासा क्षेत्र के मोहल्ला खग्गू सराय मोहल्ले में स्थित है। मंदिर के तीन ओर अतिक्रमण हो चुका था, जबकि एक ओर थोड़ी सी जगह खाली थी। इसके पास एक कुआं भी था, जिस पर रैंप बना हुआ था। रैंप को हटाने के बाद कुएं की असल स्थिति सामने आई। मंदिर की सफाई के बाद हिंदू समुदाय के लोग वहां पूजा करने पहुंचे।

1978 के दंगे में क्या हुआ था?
चेकिंग के दौरान अचानक मंदिर का मिलना इलाके में हलचल का कारण बन गया। इस खबर के बाद, आनन-फानन में भारी संख्या में पुलिस तैनात की गई। आला पुलिस अधिकारियों की मौजूदगी में प्रशासन ने 5 दशक से बंद पड़े इस मंदिर को फिर से खुलवाया। दावा किया जा रहा है कि 1978 के दंगों के बाद इस इलाके से हिंदू समुदाय के लोग पलायन करने पर मजबूर हो गए थे और मंदिर की देखरेख करने वाला कोई नहीं बचा था। पुलिस की कड़ी सुरक्षा के बीच मंदिर को खोला गया और वहां शिवलिंग और हनुमान जी की मूर्तियां पाई गईं। स्थानीय लोग इसे शिव मंदिर के रूप में पहचानते हैं।

46 साल से क्यों बंद था मंदिर?
मंदिर बंद पड़े मकान में पाया गया है, जो 1978 के दंगे के दौरान हिंदू परिवार का था। बाद में मकान बेच दिया गया और तब से यह बंद पड़ा था। कभी पहले एक पुजारी इस मंदिर में रहते थे, लेकिन वह दहशत की वजह से मंदिर और मोहल्ला छोड़कर चले गए। एक पुजारी के अनुसार, किसी की हिम्मत नहीं होती थी कि इस मंदिर में पूजा-पाठ और आरती करे। मंदिर से पुजारी भी अपना मकान बेचकर और मंदिर में ताला लगाकर यहां से चले गए।

पुलिस के किस अभियान में मिला मंदिर?
शाही जामा मस्जिद क्षेत्र में अतिक्रमण हटाने और बिजली चोरी पर सख्त कार्रवाई जारी है। प्रशासन की टीम ने इलाके में सड़कों और नालों से अतिक्रमण हटाने के लिए आदेश जारी किए हैं। इसके साथ ही, बिजली चोरी के खिलाफ चलाए गए अभियान में 300 से अधिक मकानों में बिजली चोरी पकड़ी गई, जिनमें कई मस्जिदें भी शामिल थीं। इसी कार्रवाई के दौरान संभल में 46 साल से बंद एक भगवान शिव का मंदिर मिला।

क्या अतिक्रमण करने वालों पर होगी कार्रवाई?
46 साल से बंद भगवान शिव और हनुमान के मंदिर का पता चला, जिसे अतिक्रमण कर घरों में तब्दील कर दिया गया था। प्रशासन ने मंदिर को साफ किया और अतिक्रमण करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की बात कही है। जिला अधिकारी (डीएम) डॉ. राजेंद्र पेंसिया ने इस मामले पर जानकारी देते हुए बताया कि बिजली चोरी के खिलाफ अभियान के दौरान यह मंदिर मिला, जिसे पहले अतिक्रमण कर बंद कर दिया गया था।

आगे प्रशासन की क्या होगी कार्रवाई?
एसडीएम वंदना मिश्रा ने बताया कि मंदिर के आसपास अतिक्रमण हुआ था, जिसमें एक पीपल का पेड़ भी काट दिया गया था। इसके अलावा, एडिशनल एसपी श्रीश चंद्र ने कहा कि जांच में यह सामने आया कि कुछ लोगों ने मंदिर के आसपास मकान बना लिया था, जिससे मंदिर की भूमि पर अतिक्रमण हो गया था। अब प्रशासन इस अतिक्रमण को हटाने की कार्रवाई करेगा। इसी क्षेत्र में पहले हिंदू परिवार रहते थे, लेकिन हिंसा और अन्य कारणों से वे यह इलाका छोड़ चुके थे। मंदिर को फिर से खोलने से स्थानीय हिंदू समुदाय में खुशी की लहर है।

क्या कहते हैं संभल के डीएम?
संभल के डीएम ने बताया कि यह मंदिर 400 साल पुराना है और इस पर कब्जा करने की तैयारी थी। यदि बिजली चोरी की चेकिंग अभियान नहीं चलाया गया होता, तो यह मंदिर पूरी तरह से कब्जे में ले लिया जाता और शायद यह मंदिर कभी भी नहीं मिलता। अतिक्रमण की योजना थी और अगर समय पर कार्रवाई नहीं की जाती, तो मंदिर को पूरी तरह से अंदर ले लिया जाता। पुलिस की भारी मौजूदगी में इस मंदिर को खोला गया और अतिक्रमण हटाने के लिए बुलडोजर कार्रवाई की गई। यह मंदिर संभल के सांसद जियाउर्रहमान बर्क के घर से महज 200 मीटर की दूरी पर स्थित है। मंदिर लंबे समय से बंद था, क्योंकि हिंदुओं के पलायन के बाद इसका रखरखाव करने वाला कोई नहीं था। प्रशासन की कार्रवाई के बाद अब इस मंदिर को फिर से खोल दिया गया है।

बिजली चोरी करने वालों पर क्या होगा एक्शन?
नखासा थाना क्षेत्र में डीएम डॉ. राजेंद्र पैंसिया और एसपी कृष्ण कुमार विश्नोई के नेतृत्व में बिजली विभाग की टीम ने रायसत्ती, नखासा, हिन्दूपुरा खेड़ा और दीपा सराय में चेकिंग अभियान चलाया। इस अभियान के दौरान कई मकानों में बिजली चोरी पकड़ी गई, जिनमें कई मस्जिदें भी शामिल थीं, जहां बिना कनेक्शन के बिजली का उपयोग किया जा रहा था। इस मामले में सभी आरोपियों के खिलाफ बिजली चोरी की रिपोर्ट दर्ज की जाएगी और उन्हें जुर्माना भी लगाया जाएगा, जो लाखों रुपये तक हो सकता है। प्रशासन और बिजली विभाग का कहना है कि यह कार्रवाई अवैध बिजली उपयोग को रोकने और कानून का पालन सुनिश्चित करने के लिए की जा रही है।

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