आचार्य प्रमोद कृष्णम ने सपा पर आरोप लगाते हुए कहा कि ये सब सपा की सियासत का नतीजा है, यह लोग इतिहास और संविधान को नकारते हैं। न्यायपालिका पर भरोसा नहीं करते और जनता को भड़काते हैं।
संभल मस्जिद विवाद पर प्रमोद कृष्णम का बयान : बोले- सपा की सियासत का है नतीजा, न्यायपालिका के निर्देशों का करें पालन
Dec 01, 2024 15:48
Dec 01, 2024 15:48
सपा पर गंभीर आरोप
आचार्य प्रमोद कृष्णम ने सपा पर आरोप लगाते हुए कहा, " ये सब सपा की सियासत का नतीजा है, यह लोग इतिहास और संविधान को नकारते हैं। न्यायपालिका पर भरोसा नहीं करते और जनता को भड़काते हैं। मुसलमान भाइयों को गुमराह कर हिंसा में धकेला जाता है, फिर मुआवजा और डेलीगेशन के नाम पर राजनीति चमकाई जाती है। यह सब केवल अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकने के लिए किया जा रहा है, जो समाज और देश के लिए उचित नहीं है।" उन्होंने आगे कहा कि ऐसे विवाद न केवल देश में अस्थिरता लाते हैं, बल्कि समाज के भीतर दरार पैदा करने का प्रयास करते हैं।
सपा से की सियासत छोड़ने की अपील
आचार्य प्रमोद ने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और कांग्रेस नेता राहुल गांधी से अपील करते हुए कहा, "लाशों पर राजनीति करना बंद करें। यह पॉलिटिकल टूरिज्म छोड़ें और देश के साथ खड़े हों।" उन्होंने यह भी कहा कि सनातन धर्म के खिलाफ षड्यंत्र रचने वाले दलों को अपनी मानसिकता बदलनी चाहिए।
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न्यायपालिका के निर्देशों का करें पालन
आचार्य ने संभल को एक पौराणिक और ऐतिहासिक शहर बताया। उन्होंने कहा, "संभल वह स्थान है जहां भविष्य में भगवान कल्कि का अवतार होगा। यहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कल्कि धाम का शिलान्यास किया है।" उन्होंने यह भी कहा कि इतिहास गवाह है कि मुगल काल में मंदिरों को तोड़कर मस्जिदें बनाई गईं। उन्होंने बाबरनामा और ऐने-अकबरी का हवाला देते हुए कहा कि संभल और अयोध्या जैसे स्थानों पर मंदिरों को ध्वस्त कर मस्जिदों का निर्माण हुआ। उन्होंने कहा, "यदि अदालत ने सर्वे का आदेश दिया है, तो इसे सभी को स्वीकार करना चाहिए। यह न्याय प्रक्रिया का हिस्सा है।"
"हमें इतिहास जानने का हक है"
आचार्य प्रमोद ने कहा कि इतिहास को दबाने से सच नहीं बदला जा सकता। उन्होंने कहा, "हम किसी से मस्जिद तोड़कर मंदिर बनाने की बात नहीं कर रहे, लेकिन हमें यह जानने का हक है कि हमारे इतिहास में क्या हुआ।" उन्होंने प्लेसेस ऑफ़ वरशिप एक्ट (1991) पर भी सवाल उठाए और इसे सच को छिपाने का एक प्रयास बताया। आचार्य ने सरकार से इस कानून में संशोधन करने की मांग की।
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