इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायाधीश शेखर यादव के खिलाफ महाभियोग का नोटिस दिया गया है। इस नोटिस को कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने राज्यसभा में प्रस्तुत किया...
इलाहाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस शेखर यादव के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव : विवादित बयान देने पर राज्यसभा में नोटिस, कपिल सिब्बल समेत 55 विपक्षी सांसदों के हस्ताक्षर
Dec 13, 2024 12:12
Dec 13, 2024 12:12
जस्टिस शेखर यादव का विवादित बयान
विभिन्न मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, जस्टिस शेखर यादव प्रयागराज में विश्व हिंदू परिषद के एक कार्यक्रम में शामिल हुए थे। उन्होंने कथित रूप से विवादित बयान दिए। रिपोर्ट्स के अनुसार, उन्होंने कहा था कि कुछ लोग देश के विकास में बाधा डालने वाले होते हैं और जनता को भड़काने का काम करते हैं, ऐसे लोगों से सावधान रहना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि हिंदुस्तान में बहुसंख्यक समुदाय के अनुसार ही देश चलेगा और क़ानून उसी के मुताबिक होगा। जस्टिस यादव ने यह भी कहा कि देश और संविधान एक हैं, इसलिए क़ानून भी एक होना चाहिए और यह भ्रम कि शरियत या कुरान के खिलाफ क़ानून बन सकता है, गलत है।
जस्टिस शेखर यादव की बदली बेंच
जानकारी के मुताबिक इलाहाबाद हाईकोर्ट में 16 दिसंबर से कुछ न्यायाधीशों के क्षेत्राधिकार में बदलाव किया जा रहा है। मीडिया रिपोर्टस के अनुसार मुख्य न्यायाधीश इलाहाबाद हाई कोर्ट ने जस्टिस शेखर यादव की बेंच बदल दी। गुरुवार देर शाम जारी हुए रोस्टर में उनको मौजूदा काम से हटाते हुए सिविल मामलों की फर्स्ट अपील केस देखने की जिम्मेदारी मिली है। पिछले दिनों विश्व हिंदू परिषद के कार्यक्रम में बयानबाजी को लेकर चर्चा में आए जस्टिस शेखर कुमार यादव की बेंच अचानक बदल दी गई है।
इन मामलों में करते थे सुनवाई
अब तक रेप और सेक्सुअल हैरेसमेंट के बड़े आपराधिक मामलों को बेल सुनते थे। लेकिन अब उन्हें सिविल मामलों की फर्स्ट अपील वो भी 2010 तक के प्रकरण देखने को कहा गया है। कठमुल्ला वाला उनका बयान, संविधान के बजाय बहुसंख्यकों की मर्जी पर न्याय और देश चलने की बात कहने और VHP के कार्यक्रम में शामिल होने के मामलों में उन्हें कड़ी आलोचना का सामना करना पड़ रहा है।
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