कॉलेजों में बायोमैट्रिक हाजिरी और सीसीटीवी कैमरे लगाना भी आवश्यक होगा। इन नियमों को लागू करने के लिए BCI ने लॉ कॉलेजों और विश्वविद्यालयों के लिए एक आधिकारिक नोटिफिकेशन जारी किया है...
BCI का बड़ा फैसला : लॉ कॉलेजों में छात्रों की आपराधिक पृष्ठभूमि की जांच, बायोमैट्रिक हाजिरी और CCTV निगरानी अनिवार्य
Sep 24, 2024 20:25
Sep 24, 2024 20:25
- बार काउंसिल ऑफ इंडिया का बड़ा फैसला
- लॉ कॉलेजों में छात्रों की आपराधिक पृष्ठभूमि की जांच अनिवार्य
- बायोमैट्रिक हाजिरी और सीसीटीवी कैमरे लगाना भी आवश्यक
बार काउंसिल ने जारी की अधिसूचना
दरअसल, बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) ने हाल ही में एक अधिसूचना जारी की है, जिसमें देशभर के विधिक शिक्षा केंद्रों (सीएलई) के लिए सख्त कदम उठाने का आदेश दिया गया है। इस अधिसूचना में विश्वविद्यालयों और विधि महाविद्यालयों के साथ-साथ छात्रों की आपराधिक पृष्ठभूमि की जांच करने की प्रक्रिया को लागू किया गया है। इसके साथ ही, छात्रों की शैक्षणिक गतिविधियों, रोजगार स्थिति और उपस्थिति के अनुपालन से संबंधित आवश्यक घोषणाएं भी शामिल की गई हैं।
ईमानदारी और पारदर्शिता लाने के लिए उठाया गया कदम
बीसीआई की इस अधिसूचना का उद्देश्य कानूनी पेशे में प्रवेश करने वाले छात्रों के बीच ईमानदारी और पारदर्शिता सुनिश्चित करना है। विश्वविद्यालयों और विधि कॉलेजों को इन निर्देशों का तुरंत पालन करने का आदेश दिया गया है। अब कानून के छात्रों को अपने एल.एल.बी. पाठ्यक्रम के दौरान चल रहे या पूर्व के आपराधिक मामलों, समवर्ती डिग्री कार्यक्रमों और रोजगार स्थिति के बारे में विस्तृत जानकारी प्रस्तुत करनी होगी, जो कि उनकी अंतिम मार्कशीट और डिग्री जारी करने से पहले उपलब्ध कराई जानी चाहिए।
आपराधिक पृष्ठभूमि की देनी होगी जानकारी
छात्रों को अपनी आपराधिक पृष्ठभूमि के संबंध में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करनी होगी, जिसमें उनके खिलाफ किसी भी प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर), आपराधिक मामलों, दोषसिद्धि या बरी होने की जानकारी शामिल है। विधि संस्थानों को ऐसे मामलों की सूचना बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) को अनिवार्य रूप से भेजनी होगी और डिग्री प्रदान करने से पहले बीसीआई के निर्णय की प्रतीक्षा करनी होगी। यदि छात्र सत्य जानकारी देने में विफल रहते हैं, तो उन्हें कठोर अनुशासनात्मक कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है, जिसमें उनकी डिग्री का निलंबन भी शामिल है।
समकालिक डिग्री की जानकारी
विधि शिक्षा नियम (2008) के अध्याय II, नियम 6 के अनुसार, छात्रों को एल.एल.बी. पाठ्यक्रम के साथ किसी अन्य नियमित शैक्षणिक कार्यक्रम में भाग लेने से मना किया गया है। छात्रों को यह जानकारी प्रदान करनी होगी कि उन्होंने अपनी पढ़ाई के दौरान किसी अन्य पूर्णकालिक डिग्री कार्यक्रम में नहीं भाग लिया है, क्योंकि नियमों के तहत केवल कुछ विशेष अंशकालिक प्रमाणपत्र पाठ्यक्रमों की अनुमति है।
रोजगार स्थिति का खुलासा आवश्यक
इसके अलावा, छात्रों को अपनी रोजगार स्थिति का खुलासा करना आवश्यक होगा और बीसीआई के नियमों के तहत उपस्थिति मानदंडों का अनुपालन साबित करना पड़ेगा। अगर कोई छात्र बिना अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) के पढ़ाई के दौरान काम करता हुआ पाया जाता है, तो उसे शैक्षणिक दंड का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे मामलों की रिपोर्ट CLE को बीसीआई को देनी होगी और डिग्री जारी करने से पहले मंजूरी का इंतजार करना होगा।
सीसीटीवी से होगी निगरानी
बीसीआई ने सभी विधि महाविद्यालयों को छात्रों की उपस्थिति को सटीक रूप से ट्रैक करने के लिए बायोमेट्रिक उपस्थिति प्रणाली लागू करने का आदेश दिया है। इसके अलावा, CLE को कक्षाओं और संस्थान के अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों में CCTV कैमरे स्थापित करने होंगे। उपस्थिति और छात्र व्यवहार की निगरानी के लिए CCTV फुटेज को एक वर्ष तक सुरक्षित रखा जाएगा।
दो अन्य अधिसूचनाएं जारी
इस अधिसूचना के अलावा, बीसीआई ने दो और अधिसूचनाएं जारी की हैं। जिसमें पहली अधिसूचना में विदेशी विश्वविद्यालयों के साथ दोहरे या संयुक्त डिग्री कार्यक्रम शुरू करते समय बीसीआई की अनुमति आवश्यक होने का जिक्र किया गया है, जबकि दूसरी अधिसूचना में अनंतिम संबद्धता अनुमोदन और बीसीआई कानूनी शिक्षा नियमों तथा न्यायिक निर्देशों के अनुपालन के लिए आवश्यक दस्तावेज़ प्रस्तुत करने की प्रक्रिया को स्पष्ट किया गया है।
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