परीक्षाओं में गड़बड़ियों को रोकने और पारदर्शिता लाने के लिए एक 7 सदस्यीय हाई लेवल कमेटी का गठन किया है। बता दें कि इस कमेटी का नेतृत्व पूर्व ISRO चीफ...
Exam Reform committee : NTA में सुधार के लिए बनाई गई सात सदस्यीय कमेटी, इसरो के पूर्व चेयरमैन राधाकृष्णन बने अध्यक्ष
Jun 22, 2024 18:22
Jun 22, 2024 18:22
- 7 सदस्यीय हाई लेवल कमेटी का गठन किया है
- कमेटी का नेतृत्व पूर्व ISRO चीफ और IIT कानपुर के पूर्व डायरेक्टर डॉ. के. राधाकृष्णन करेंगे
- 12 जून को NCET की परीक्षा रद्द की गई थी
शिक्षा मंत्री ने की थी घोषणा
वहीं शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने 20 जून को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस कमेटी की घोषणा की थी। उन्होंने बताया कि यह कमेटी NTA के संगठन, कार्यप्रणाली, परीक्षा प्रक्रिया, पारदर्शिता, डेटा सुरक्षा प्रोटोकॉल और अन्य मुद्दों में सुधार के लिए शिक्षा मंत्रालय को सलाह देगी। उन्होंने बताया कि जब पेपरों में गड़बड़ी की शिकायत मिली तो नेशनल साइबर सिक्योरिटी एजेंसी के साथ संपर्क किया गया। उसके बाद परीक्षा को रद्द कर दोबारा कराने का निर्णय लिया गया था।
कमेटी में कौन-कौन शामिल?
जानकारी के अनुसार, इस कमेटी में कुल 7 सदस्य होंगे। जिनमें-
- डॉ. के. राधाकृष्णन, चेयरमैन, पूर्व ISRO चीफ
- डॉ. रणदीप गुलेरिया, मेंबर, AIIMS के पूर्व डायरेक्टर
- प्रोफेसर बी जे राव, मेंबर, VC-सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ हैदराबाद
- प्रोफेसर रामामूर्ति, मेंबर, रिटायर्ड प्रोफेसर-IIT मद्रास
- पंकज बंसल, मेंबर, को-फाउंडर-पीपुल स्ट्रॉन्ग, मेंबर-कर्मयोगी भारत
- प्रोफेसर आदित्य मित्तल, मेंबर, स्टूडेंट अफेयर्स डीन-IIT दिल्ली
- गोविंद जायसवाल, मेंबर, जॉइंट सेक्रेटरी-शिक्षा मंत्रालय
2017 में हुआ था एनटीए का गठन
NTA का गठन 2017 में किया गया था। जिसकी घोषणा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने की थी। इसका मुख्य उद्देश्य था देश के प्रमुख शैक्षिक संस्थानों में प्रवेश प्राप्ति परीक्षाओं के लिए गुणवत्ता टेस्टिंग सर्विस प्रदान करना। इस वर्ष, NTA ने कुछ परीक्षाओं को तय किए गए तारीखों पर आगे बढ़ाने का निर्णय लिया है और उन्हें संदर्भित वेबसाइट csirnet.nta.ac.in पर जल्द ही अपडेट किया जाएगा।
लोक परीक्षा कानून क्या है?
गौरतलब है कि 19 जून को गड़बड़ियों की आशंका के बाद NTA ने UGC NET की परीक्षा रद्द कर दी थी। इससे पहले 12 जून को NCET की परीक्षा रद्द की गई थी। जिसके बाद केंद्र सरकार लोक परीक्षा कानून, 2024 की अधिसूचना (नोटिफिकेशन) जारी किया। इसके तहत पेपर लीक के दोषी पाए जाने वालों पर भारी जुर्माना लगाया जा सकता है। साथ ही पेपर लीक करने या उत्तर पुस्तिकाओं से छेड़छाड़ करने वालों को कम से कम तीन साल की जेल और 10 लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है। इसके अलावा पांच साल तक सजा बढ़ाई जा सकती है।
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