जब साल 2014 में डॉ. मनमोहन सिंह ने साफ कर दिया कि वह तीसरी बार प्रधानमंत्री नहीं बनेंगे, तब उन्होंने कहा था कि इतिहास मेरे साथ समकालीन मीडिया और विपक्ष से ज्यादा इंसाफ करेगा। आज उनके जाने के बाद लोग उनके योगदान को याद कर रहे हैं।
सादगी से भरे नेता, जिन्होंने बदल दी भारत की दिशा : आधार, मनरेगा और RTI ने दिलाई अलग पहचान
Dec 27, 2024 07:00
Dec 27, 2024 07:00
मेरे साथ इतिहास इंसाफ करेगा
जब साल 2014 में डॉ. मनमोहन सिंह ने साफ कर दिया कि वह तीसरी बार प्रधानमंत्री नहीं बनेंगे, तब उन्होंने कहा था कि इतिहास मेरे साथ समकालीन मीडिया और विपक्ष से ज्यादा इंसाफ करेगा। आज उनके जाने के बाद लोग उनके योगदान को याद कर रहे हैं।
भारत की अर्थव्यवस्था को वैश्विक बाजारों के लिए खोल दिया था
डॉ. मनमोहन सिंह के नाम कई उपलब्धियां हैं। आर्थिक उदारीकरण में उनका विशेष योगदान रहा। डॉ. मनमोहन सिंह ने वित्त मंत्री के रूप में कार्य करते हुए साल 1991 में शुरू किए गए आर्थिक उदारीकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। इसमें सरकारी नियंत्रण को कम करना, प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) को बढ़ाना और स्ट्रक्चरल रिफॉर्म्स को लागू करना शामिल था, जिसने भारत की अर्थव्यवस्था को वैश्विक बाजारों के लिए खोल दिया था।
मनरेगा योजना
साल 2005 में शुरू किए गए मनरेगा योजना ने प्रत्येक ग्रामीण परिवार को 100 दिन के वेतन रोजगार की गारंटी दी, जिससे लाखों लोगों की आजीविका में उल्लेखनीय सुधार हुआ और ग्रामीण बुनियादी ढांचे में वृद्धि हुई। गांवों में लोगों को रोजगार मिलने लगे।
सूचना का अधिकार अधिनियम (RTI)
वर्ष 2005 में पारित सूचना का अधिकार अधिनियम (RTI) ने नागरिकों को सार्वजनिक प्राधिकरणों से जानकारी मांगने का अधिकार दिया, जिससे शासन में पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ावा मिला।
आधार की सुविधा
आधार परियोजना निवासियों को विशिष्ट पहचान प्रदान करने, विभिन्न सेवाओं तक पहुंच को सुविधाजनक बनाने के लिए शुरू की गई थी। जो आज लोगों की पहचान बन गया है।
प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण
डॉ. मनमोहन सिंह की सरकार ने प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण सिस्टम को लागू किया, जिसने कल्याण वितरण को सुव्यवस्थित किया और कई खामियों को दूर किया।
कृषि ऋण माफी
मनमोहन सरकार ने कृषि संकट को दूर करने के लिए 60,000 करोड़ रुपये के ऋण माफी के माध्यम से किसानों को राहत प्रदान की थी।
भारत-अमेरिका परमाणु सौदा
डॉ. मनमोहन सिंह की सबसे महत्वपूर्ण उपलब्धियों में से एक भारत-अमेरिका असैन्य परमाणु समझौते पर बातचीत थी। इस समझौते के तहत, भारत को परमाणु आपूर्तिकर्त्ता समूह (NSG) से छूट मिली। इसके तहत भारत को अपने नागरिक और सैन्य परमाणु कार्यक्रमों को अलग करने की अनुमति मिली। इस डील के तहत भारत को उन देशों से यूरेनियम आयात करने की अनुमति मिली, जिनके पास यह तकनीक है।
शिक्षा का अधिकार (RTE)
हर बच्चे को मुफ्त शिक्षा का अधिकार दिलाया। जिससे गरीब बच्चों को भी अच्छे स्कूलों में शिक्षा मिल सके
विवाद और चुनौतियां
उनके कार्यकाल में कई विवाद भी हुए। 2जी स्पेक्ट्रम, कोलगेट और कॉमनवेल्थ गेम्स जैसे घोटाले उनकी छवि पर धब्बा बने। हालांकि, इन घोटालों की जांच में आज तक कोई ठोस सबूत नहीं मिला। 2008 में उनकी सरकार पर संकट आया जब वामपंथी दलों ने समर्थन वापस ले लिया, लेकिन मुलायम सिंह और मायावती के समर्थन से उनकी सरकार बच गई।
सादगी भरा जीवन
डॉ. मनमोहन सिंह हमेशा अपने शांत स्वभाव और सादगी के लिए जाने गए। वह ना तो भाषणों में जोश दिखाते थे और ना ही किसी विवाद में पड़ते थे। उनका काम ही उनकी पहचान था। डॉ. मनमोहन सिंह ने भारत को आर्थिक संकट से उबारा और देश को दुनिया में नई पहचान दिलाई। उन्होंने साबित किया कि बिना शोर मचाए भी बड़े बदलाव किए जा सकते हैं।
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