अमेरिकी शॉर्ट सेलर फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च ने एक बार फिर भारतीय कॉरपोरेट और अर्थजगत में हलचल मचा दी है। शनिवार की सुबह, कंपनी ने एलन मस्क के स्वामित्व वाले सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म...
भारत में जल्द कुछ बड़ा होगा : हिंडनबर्ग रिसर्च का नया खुलासा, एक्स पर पोस्ट ने कॉरपोरेट और अर्थजगत में मचाया भूचाल
Aug 10, 2024 15:49
Aug 10, 2024 15:49
Something big soon India
— Hindenburg Research (@HindenburgRes) August 10, 2024
इस पोस्ट ने मचाई हलचल
अमेरिकी शॉर्ट सेलर फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च ने शनिवार की सुबह सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक रहस्यमय पोस्ट किया। इस पोस्ट में लिखा गया, "भारत में जल्द ही कुछ बड़ा होने वाला है"। यह संदेश कॉरपोरेट से लेकर वित्तीय बाजारों में चिंता का कारण बन गया है। हालांकि हिंडनबर्ग ने इस बारे में कोई विस्तृत जानकारी नहीं दी है कि वे किस कंपनी या क्षेत्र पर रिपोर्ट दे रहे हैं। यह घोषणा इसलिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि हिंडनबर्ग की पिछली रिपोर्ट ने भारतीय कॉरपोरेट जगत में भूचाल ला दिया था।
डेढ़ साल पहले अडानी निशाने पर
हिंडनबर्ग रिसर्च का पिछला बड़ा खुलासा भारतीय अरबपति गौतम अडानी और उनके व्यावसायिक साम्राज्य से संबंधित था। 24 जनवरी, 2023 को ठीक अडानी एंटरप्राइजेज की शेयर बिक्री से पहले हिंडनबर्ग ने एक विस्तृत रिपोर्ट जारी की थी। इस रिपोर्ट में अडानी ग्रुप पर शेयरों की कीमत में हेरफेर समेत कई गंभीर आरोप लगाए गए थे। हालांकि अडानी ग्रुप ने इन आरोपों का खंडन किया, लेकिन इसका प्रभाव बहुत गहरा था। रिपोर्ट के प्रकाशन के बाद अडानी ग्रुप के बाजार मूल्य में लगभग 150 अरब डॉलर की गिरावट आई। यह घटना भारतीय शेयर बाजार के इतिहास में सबसे बड़े उतार-चढ़ाव में से एक थी। इसने न केवल अडानी ग्रुप को प्रभावित किया बल्कि पूरी भारतीय अर्थव्यवस्था पर इसका असर पड़ा।
हिंडनबर्ग क्या बला है
हिंडनबर्ग रिसर्च एक अमेरिकी वित्तीय रिसर्च फर्म है। कंपनी का नाम 1937 के प्रसिद्ध हिंडनबर्ग हवाई जहाज दुर्घटना से प्रेरित है, जो न्यू जर्सी के मैनचेस्टर टाउनशिप में हुई थी। कंपनी की स्थापना 2017 में नाथन एंडरसन ने की थी। यह कंपनी इक्विटी, क्रेडिट और डेरिवेटिव्स का विश्लेषण करती है। विशेष रूप से कॉरपोरेट गड़बड़ियों और वित्तीय अनियमितताओं का पता लगाने के लिए। हिंडनबर्ग का मुख्य फोकस मानव निर्मित गड़बड़ियों पर है, जिसमें अकाउंट अनियमितताएं, कुप्रबंधन और गलत टांजेक्शन शामिल हैं। जब कंपनी किसी गड़बड़ी का पता लगाते हैं, तो एक विस्तृत रिपोर्ट प्रकाशित करते हैं। इसलिए विश्वभर में इसकी स्वीकार्यता बनी हुई है।
कौन हैं दुनिया हिलाने वाले नाथन एंडरसन
हिंडनबर्ग के संस्थापक नाथन एंडरसन ने कनेक्टिकट विश्वविद्यालय से अंतरराष्ट्रीय व्यवसाय में डिग्री प्राप्त की। उन्होंने फैक्टचेक रिसर्च सिस्टम्स (FactSet Research Systems) में काम किया, जहां उन्हें निवेश प्रबंधन कंपनियों के साथ काम करने का अनुभव मिला। एंडरसन इजरायल में एम्बुलेंस ड्राइवर भी रह चुके हैं। वे अपना रोल मॉडल हैरी मार्कोपोलोस को मानते हैं, जिन्होंने बर्नी मेडॉफ की प्रसिद्ध धोखाधड़ी योजना का पर्दाफाश किया था।
ऐसे काम करता है हिंडनबर्ग
हिंडनबर्ग की कार्यप्रणाली अनोखी है। ये दुनिया की बड़ी कंपनियों में गड़बड़ियों का पता लगाते हैं। फिर उसे लक्ष्य बनाते हैं। ऐसी कंपनियों के खिलाफ शॉर्ट पोजीशन लेते हैं। उनकी गड़बड़ी पर रिपोर्ट जारी करते हैं। खुलासे के बाद जब शेयर के भाव गिरते हैं तो उस गिरावट से लाभ कमाते हैं। दुनियाभर में धारणा है कि उनकी रिपोर्ट्स अक्सर व्यापक शोध और गहन जांच पर आधारित होती हैं। वे पूर्व कर्मचारियों से बातचीत करते हैं, हजारों दस्तावेजों की समीक्षा करते हैं, और कई देशों में फील्ड विजिट करते हैं। उनका उद्देश्य उन कथित गड़बड़ियों को उजागर करना है जो सामान्य निवेशकों की नजर से छिपी रहती हैं।
अब तक क्या किया
हिंडनबर्ग रिसर्च ने अपनी स्थापना के बाद से कम से कम 36 कंपनियों में कथित अनियमितताओं का खुलासा किया है। उनकी रिपोर्ट्स ने कई बार बड़े कॉरपोरेट घोटालों को उजागर किया है। उनकी निकोला कॉर्पोरेशन पर रिपोर्ट ने कंपनी के शेयरों में 80% तक की गिरावट ला दी और इसके संस्थापक के इस्तीफे का कारण बनी। हिंडनबर्ग की रिपोर्ट न केवल शेयर बाजार को प्रभावित करती हैं, बल्कि कई बार नियामक जांच का भी कारण बनती हैं।
पिछला निशाना अडानी ग्रुप की कंपनियां
हिंडनबर्ग की पिछली रिपोर्ट अडानी ग्रुप के बारे में थी, जो बेहद विवादास्पद रही। 25 जनवरी 2023 को जारी की गई यह रिपोर्ट 32 हजार शब्दों की थी। इसमें 88 मुद्दे शामिल थे। रिपोर्ट में दावा किया गया था कि अडानी ग्रुप दशकों से शेयर मूल्य में हेरफेर और अकाउंट धोखाधड़ी में शामिल रहा है। बताया गया कि पिछले तीन वर्षों में शेयर मूल्यों में असाधारण वृद्धि के कारण गौतम अडानी की संपत्ति 1 अरब डॉलर से बढ़कर 120 अरब डॉलर हो गई। रिपोर्ट ने कहा कि इस अवधि में समूह की सात सूचीबद्ध कंपनियों के शेयरों में औसतन 819% की वृद्धि हुई। अडानी समूह ने हिंडनबर्ग की रिपोर्ट को पूरी तरह से खारिज कर दिया था। समूह के मुख्य वित्तीय अधिकारी (सीएफओ) जुगेशिंदर सिंह ने रिपोर्ट को निराधार और बदनाम करने वाला बताया था। इस रिसर्च रिपोर्ट से अडानी ग्रुप की कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट आई थी।
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