सीएए के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका डाली गई है। लंबे समय से इसे लागू करने की मांग की जा रही थी। केंद्र सरकार ने बीते मंगलवार को इसका नॉटिफिकेशन जारी कर दिया था।
नागरिकता संशोधन कानून पर विवाद : सीएए के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचा मुस्लिम लीग, की ये मांग
Mar 12, 2024 14:56
Mar 12, 2024 14:56
- सीएए के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका
- कानून के खिलाफ कोर्ट पहुंचा मुस्लिम लीग
- केंद्र सरकार ने मंगलवार को जारी किया था नॉटिफिकेशन
मुस्लिम लीग ने डाली कोर्ट में याचिका
केंद्र सरकार द्वारा जारी नागरिकता संशोधन कानून के नॉटिफिकेशन के खिलाफ इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। मुस्लिम लीग ने सीएए के खिलाफ दायर अपनी रिट याचिका में अंतरिम आवेदन देकर कहा कि किसी भी कानून की संवैधानिकता तब तक लागू नहीं होगी, जब तक कानून स्पष्ट तौर पर मनमाना है। मुस्लिम लीग ने कहा कि 'हम शरणार्थियों को नागरिकता देने के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन हमारा विरोध इसमें मुस्लिम धर्म के लोगों को बाहर रखने को लेकर है।'
क्या है नागरिकता संशोधन कानून?
नागरिकता संशोधन कानून को केंद्र सरकार ने 2019 में संसद के दोनों सदनों से पारित करवा लिया था। लंबे समय से इसे लागू करने को लेकर चर्चा चल रही थी। तब गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि सीएए लोकसभा चुनाव की घोषणा से पहले लागू हो जाएगा। अब जाकर सरकार ने इसका नॉटिफिकेशन जारी किया है। इस कानून के तहत 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत आने वाले हिंदू, सिख, बौद्ध, पारसी, जैन और ईसाई वर्ग के लोगों को भारत की नागरिकता दी जाएगी।
कानून के समर्थन और विपक्ष में क्या-क्या तर्क?
नागरिकता संशोधन कानून को लेकर लोगों के अलग-अलग तर्क हैं। कोई इसका विरोध कर रहा है, तो कई समर्थन। ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रज़वी बरेलवी ने सीएए का समर्थन करते हुए कहा है कि ये बहुत पहले लागू हो जाना चाहिए था। लेकिन देश में विपक्ष समेत एक वर्ग ऐसा भी है, जिसका कहना है कि इस कानून में मुस्लिम शरणार्थियों को बाहर नहीं रखना चाहिए।
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