भारतीय जनता पार्टी की संघर्षशील नेता विजय लक्ष्मी गौतम ने अपने राजनीतिक कौशल से मजबूत पहचान बनाई है। वह न सिर्फ सलेमपुर जिले में भाजपा का दलित चेहरा हैं बल्कि उनकी छवि एक मजबूत नेता की भी हैं।
महिला दिवस विशेष : भाजपा के नारी वंदन का सशक्त चेहरा हैं योगी सरकार में मंत्री विजय लक्ष्मी गौतम
Mar 08, 2024 18:07
Mar 08, 2024 18:07
- विजय लक्ष्मी गौतम ने 1992 में राजनीति में कदम रखा, उनका मकसद था जनता की सेवा करना
- उन्हें 2012 में पहली बार भाजपा से सलेमपुर का टिकट मिला था, लेकिन हार गईं थीं
- प्रदेश कार्यसमिति की सदस्य रहीं, महिला मोर्चा अध्यक्ष समेत तमाम पदों पर संगठन में काम किया
- भाजपा में महिलाओं को जोड़ने के लिए आगे रहीं, पार्टी के सभी कामों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया
टिकट न मिलने से हो गई थीं खफा
विजय लक्ष्मी गौतम ने 1992 में राजनीति में कदम रखा। मकसद था जनता की सेवा करना। उन्हें 2012 में पहली बार भाजपा से सलेमपुर का टिकट मिला था। लेकिन समाजवादी पार्टी के मनबोध प्रसाद से हार गईं थीं। इसके बाद भाजपा ने 2017 में विजय लक्ष्मी को टिकट न देकर काली प्रसाद को मैदान में उतारा था। इस बात से खफा विजय लक्ष्मी गौतम ने सपा ज्वाइन कर ली थी। लेकिन 2022 के चुनाव में उन्होंने आखिरी समय में पैंतरा बदलते हुए दोबारा भाजपा का दामन थामा था। उन्होंने सुभासपा के मनबोध प्रसाद को हराया। उन्हें योगी कैबिनेट में मंत्री पद मिला। 2022 के चुनाव में गोरखपुर मंडल से वह भाजपा की इकलौती महिला विधायक हैं। इन्होंने 1992 में राजनीति में प्रवेश किया। वह दो बार भाजपा महिला मोर्चा की जिला अध्यक्ष, भाजपा की जिला मंत्री और प्रदेश कार्य समिति की सदस्य भी रह चुकी हैं।
इसलिए भाजपा में की थी वापसी
अगर बात उनके वापस भाजपा में आने पर की जाए तो उनका मानना है कि भारतीय जनता पार्टी में ही महिलाएं सुरक्षित हैं। यहां अपनी बात अच्छे से रख सकती हैं और संगठन में अच्छे से कम कर सकती हैं। भाजपा में उनका किसी प्रकार का दोहन नहीं होता है और वो स्टैंड कर सकती हैं।
व्यक्तिगत परिचय
विजयलक्ष्मी गौतम पेशे से बिजनेसमैन हैं। उन्होंने पोस्ट ग्रेजुएट किया है। विजय लक्ष्मी का विवाह हरिनंदन गौतम से हुआ है, जो एक बैंक कर्मचारी हैं। दंपति के दो बेटे और एक बेटी हैं।
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