ग्रेस मार्क को लेकर आमने-सामने NTA और NCERT : आखिर कौन-सा था वह सवाल, जिसने 44 छात्रों को बना दिया NEET टॉपर

आखिर कौन-सा था वह सवाल, जिसने 44 छात्रों को बना दिया NEET टॉपर
UPT | ग्रेस मार्क को लेकर आमने-सामने NTA और NCERT

Jun 19, 2024 15:00

नीट विवाद पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई भी चल रही है। लेकिन इस बीच छात्रों को ग्रेस मार्क्स दिए जाने को लेकर नेशनल टेस्टिंग एजेंसी और एनसीईआरटी भी आमने-सामने आ गए हैं।

Jun 19, 2024 15:00

Short Highlights
  • नीट परीक्षा को लेकर बढ़ रहा विवाद
  • फिजिक्स के सवाल पर भिड़े दो संस्थान
  • ग्रेस मार्क को लेकर NTA और NCERT में ठनी
New Delhi : देशभर में मेडिकल के लिए होने वाली प्रवेश परीक्षा नीट का विवाद अभी थमा नहीं है। इस पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई भी चल रही है। लेकिन इस बीच छात्रों को ग्रेस मार्क्स दिए जाने को लेकर नेशनल टेस्टिंग एजेंसी और एनसीईआरटी भी आमने-सामने आ गए हैं। आज हम आपको उसी सवाल के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसने देश के ही दो सरकारी संस्थानों को आमने-सामने लाकर खड़ा कर दिया।

NTA ने आखिर क्या कहा था?
दरअसल नीट की इस बार की परीक्षा में फिजिक्स का एक सवाल पूछा गया। इस सवाल पर ही करीब 44 छात्रों को ग्रेस मार्क्स दिए गए। इसे लेकर जब सवाल उठे, तो NTA ने अपनी सफाई में कहा कि इन 44 छात्रों ने NCERT की पुरानी किताब के आधार पर उस सवाल का गलत जवाब दिया था। क्योंकि NCERT की नई और पुरानी किताबों में जानकारी अलग-अलग है, इसलिए उन छात्रों को ग्रेस मार्क्स दे दिए गए। एनटीए ने ये भी कहा कि हमारे देश में कई बच्चे अपने बड़े भाई-बहन की पुरानी किताब से पढ़ते हैं, इसलिए हम छात्रों से यह नहीं कह सकते कि एंट्रेंस एग्जाम के लिए हर साल लेटेस्ट एडिशन की किताब खरीदें।



NCERT ने किया पलटवार
इस पर NCERT के निदेशक दिनेश प्रसाद सकलानी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि NTA के आउट ऑफ सिलेबस वाले बयान में कोई सच्चाई नहीं है। उन्होंने कहा कि 'NCERT की नई किताबें पिछले 4 साल से मार्केट में हैं। यह ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों ही माध्यमों में उपलब्ध है। हमें नहीं पता कि सवाल बनाने वालों ने 2020 से पहले की किताबों का रेफरेंस क्यों दिया।' NTA ने कहा था कि एंट्रेंस एग्जाम के लिए NCERT की किताबें ही स्टैंडर्ड सिलेबस हैं। हालांकि ऐसी स्थिति दोबारा न हो, हम इसके लिए काम करेंगे।

आखिर क्या था विवादों भरा वह सवाल?
अब हम आपको विवादित सवाल के बारे में बताते हैं, जिसके लिए इतना बवाल मचा हुआ है। दरअसल नीट के उस सवाल में दो स्टेटमेंट दिए गए थे। पहला स्टेटमेंट था कि 'एटम इलेक्ट्रिकली न्यूट्रल होते हैं, क्योंकि उनमें पॉजिटिव और नेगेटिव चार्ज बराबर होता है।' दूसरा स्टेटमेंट था कि 'हर एलिमेंट के एटम स्टेबल होते हैं और खुद अपना कैरेक्टरिस्टिक स्पेक्ट्रम रिलीज करते हैं।' इसके 4 ऑप्शन भी दिए गए थे। ऑप्शन 1- पहला स्टेटमेंट सही और दूसरा गलत है, ऑप्शन 3- पहला गलत और दूसरा सही, ऑप्शन 3- दोनों सही है, ऑप्शन 4- दोनों गलत है, था।

क्या है इसका सही जवाब?
दरअसल रेडियोएक्टिव एलिमेंट्स के एटम स्टेबल नहीं होते हैं। ऐसे में ऑप्शन 1 यानी पहला स्टेटमेंट सही और दूसरा गलत, सही उत्तर होगा। लेकिन NTA ने कहा कि NCERT की पुरानी किताब में हर एलिमेंट के एटम स्टेबल होते हैं और नई किताब में ज्यादातर एलिमेंट्स के एटम स्टेबल होते हैं, लिखा है। यही वजह है कि एनटीए ने उन सभी छात्रों को 5 नंबर ग्रेस दे दिए, जिन्होंने किसी भी स्टेटमेंट को सही बताया था। इसके चलते जिन 44 छात्रों का स्कोर 715 आ रहा था, उन्हें 5 ग्रेस मार्क्स मिलने के बाद स्कोर 720 हो गया।

कैसे हो गए नीट के इतने टॉपर?
इस बात में पूरी सच्चाई है कि एनटीए का पेपर पिछले सालों के मुकाबले इस साल काफी आसान आया था। वहीं इस बार काफी ज्यादा संख्या में छात्रों ने रजिस्ट्रेशन भी किया था। इसका प्रभाव टॉपर्स की संख्या पर भी पड़ा है। लेकिन 67 छात्रों का एक साथ रैंक 1 लाना कई बड़े सवाल खड़े करता है। 2019  और 2020 में नीट का केवल 1 टॉपर बना था। इसके अलावा 2021 में 3, 2022 में 1 और 2023 में 2 टॉपर बने थे। हालांकि एनटीए ने ये भी कहा है कि ज्यादा टॉपर्स की परिस्थिति में उनके पास टाई ब्रेकर पॉलिसी है।

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