अकादमी के सचिव के. श्रीनिवास राव ने कहा कि गिल को उनके कविता संग्रह 'मैं जब तक आई बाहर' के लिए इस प्रतिष्ठित पुरस्कार से सम्मानित जाएगा। अंग्रेजी में किरे को उनके उपन्यास 'स्पिरिट नाइट्स' के लिए तथा मराठी में सुधीर रसाल को उनकी आलोचना 'विंदांचे गुद्यरूप' के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा।
Sahitya Akademi Award-2024 : साहित्य अकादमी पुरस्कार की हुई घोषणा, हिंदी में इन्हें मिलेगा अवार्ड
Dec 18, 2024 20:37
Dec 18, 2024 20:37
अकादमी के सचिव के. श्रीनिवास राव ने कहा कि गिल को उनके कविता संग्रह 'मैं जब तक आई बाहर' के लिए इस प्रतिष्ठित पुरस्कार से सम्मानित जाएगा। अंग्रेजी में किरे को उनके उपन्यास 'स्पिरिट नाइट्स' के लिए तथा मराठी में सुधीर रसाल को उनकी आलोचना 'विंदांचे गुद्यरूप' के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। राव के मुताबिक, इनके अलावा संस्कृत में दीपक कुमार शर्मा (कविता संग्रह), राजस्थानी में मुकुट मणिराज (कविता संग्रह), पंजाबी में पॉल कौर (कविता संग्रह), कश्मीरी में सोहन कौल (उपन्यास) और गुजराती में दिलीप झावेरी (कविता संग्रह) समेत अन्य को पुरस्कृत किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि अकादमी ने फिलहाल 21 भाषाओं के लिए पुरस्कारों का ऐलान किया है। इनमें आठ कविता संग्रह, तीन उपन्यास, दो कहानी संग्रह, तीन निबंध, तीन साहित्यिक आलोचना, एक नाटक और एक शोध की पुस्तक शामिल हैं। राव ने बताया कि इन पुरस्कारों की अनुशंसा इन भारतीय भाषाओं की निर्णायक समितियों द्वारा की गई तथा साहित्य अकादमी के अध्यक्ष माधव कौशिक की अध्यक्षता में आयोजित अकादमी के कार्यकारी मंडल की बैठक में आज इन्हें अनुमोदित किया गया।
सचिव ने बताया कि ये पुरस्कार पिछले पांच वर्षों (एक जनवरी 2018 से 31 दिसंबर 2022) के दौरान पहली बार प्रकाशित पुस्तकों पर दिए गए हैं। सचिव के मुताबिक, बांग्ला, डोगरी और उर्दू भाषाओं में पुरस्कारों का ऐलान बाद में किया जाएगा। अकादमी हर साल 24 भाषाओं के रचनाकारों को साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित करती है। उन्होंने बताया कि विजेता रचनाकारों को अगले साल आठ मार्च को आयोजित एक समारोह में पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा जिसमें एक लाख रुपए की राशि, एक उत्कीर्ण ताम्रफलक और शॉल शामिल है।
कौन हैं गगन गिल
गगन गिल हिंदी की जानी-मानी कवयित्री हैं। उनके कई कविता संग्रह प्रकाशित हो चुकी हैं। इंग्लिश में एमए करने के बाद गगन गिल ने पत्रकारिता के क्षेत्र में पहले अपना करियर शुरू किया था। इसके बाद उन्होंने लेखनी के क्षेत्र में कदम बढ़ाया। उनकी कई कविताएं अमेरिका-इंग्लैंड समेत कई और देशों के यूनिवर्सिटीज में पढ़ाई जाती हैं। साल 1983 में उनकी कविता ‘एक दिन लौटेगी लड़की’ से उन्हें साहित्य जगत में काफी ख्याति मिली।
गगन गिल को मिल चुके हैं कई पुरस्कार
गगन गिल की प्रमुख हिन्दी कविताओं में- एक दिन लौटेगी लड़की, अंधेरे में बुद्ध, थपक थपक दिल थपक थपक, यह आकांक्षा समय नहीं, मैं जब तक आयी बाहर समेत कई और कविता संग्रह शामिल हैं. उन्हें साहित्यिक रचनाओं के लिए भारत भूषण अग्रवाल पुरस्कार, संस्कृति पुरस्कार मिल चुका है।