सुप्रीम कोर्ट में मथुरा श्री कृष्ण जन्मभूमि-ईदगाह मामले की अगली सुनवाई 9 दिसंबर को होगी। हिंदू पक्ष की याचिकाओं को हाईकोर्ट ने स्वीकार कर लिया था...
श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह विवाद : 9 दिसंबर को होगी अगली सुनवाई, हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ मुस्लिम पक्ष पहुंचा सुप्रीम कोर्ट
Nov 29, 2024 14:52
Nov 29, 2024 14:52
चर्चा का विषय बना है यह विवाद
बता दें कि मथुरा श्री कृष्ण जन्मभूमि-ईदगाह विवाद इस समय देशभर में चर्चा का विषय बना हुआ है। दरअसल, यह विवाद मथुरा में स्थित श्री कृष्ण जन्मभूमि मंदिर और शाही ईदगाह मस्जिद के बीच कुल 13.37 एकड़ भूमि के स्वामित्व को लेकर है। इसमें से करीब 11 एकड़ भूमि पर श्री कृष्ण जन्मभूमि मंदिर स्थित है, जबकि 2.37 एकड़ भूमि पर शाही ईदगाह मस्जिद है। यह मस्जिद औरंगजेब द्वारा 1669-70 में बनवायी गई थी। हिंदू पक्ष का दावा है कि औरंगजेब ने श्री कृष्ण जन्मभूमि पर स्थित प्राचीन केशवनाथ मंदिर को तोड़कर इस मस्जिद का निर्माण कराया था।
मुस्लिम पक्ष का तर्क
इस मामले में मुस्लिम पक्ष का कहना है कि शाही ईदगाह मस्जिद का निर्माण किसी मंदिर को तोड़कर नहीं किया गया और इस बारे में कोई ठोस प्रमाण नहीं हैं। शाही ईदगाह मस्जिद ट्रस्ट ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के 14 दिसंबर के फैसले को चुनौती दी है। उनका यह तर्क है कि ईदगाह मस्जिद की संरचना पर दावा करने वाली हिंदू पक्ष की याचिकाएं पूजा स्थल अधिनियम 1991 के तहत अस्वीकृत हैं, क्योंकि इस अधिनियम के तहत धार्मिक स्थलों के पुनर्निर्माण या अस्तित्व को चुनौती देना वर्जित है।
कैसे शुरू हुआ विवाद
यह विवाद 1968 में हुए एक समझौते से शुरू हुआ था, जब श्री कृष्ण जन्मस्थान सेवा संघ और शाही मस्जिद ट्रस्ट ने भूमि विवाद को सुलझाने के लिए आपसी सहमति से मंदिर और मस्जिद के लिए भूमि तय की थी। हालांकि, अभी भी पूरे मालिकाना हक और यह विवाद कि मंदिर या मस्जिद का निर्माण पहले हुआ था, पर मतभेद बने हुए हैं। हिंदू पक्ष का दावा है कि यह विवाद सन 1618 से शुरू हुआ था और इस पर कई मुकदमे भी लड़े गए हैं।
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