1 करोड़ से अधिक लोगों ने ली फ्री कानूनी सलाह : टेली-लॉ पोर्टल ने अजीब सवालों से लेकर गंभीर मामलों तक का किया समाधान, यूपी में सबसे ज्यादा रजिस्ट्रेशन

टेली-लॉ पोर्टल ने अजीब सवालों से लेकर गंभीर मामलों तक का किया समाधान, यूपी में सबसे ज्यादा रजिस्ट्रेशन
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Jan 05, 2025 19:21

भारत में कानूनी प्रक्रिया की जटिलता और लंबाई अक्सर लोगों को कानूनी मामलों में उलझने से रोकती है। वकीलों की महंगी फीस भी एक बड़ा कारण है...

Jan 05, 2025 19:21

New Delhi : भारत में कानूनी प्रक्रिया की जटिलता और लंबाई अक्सर लोगों को कानूनी मामलों में उलझने से रोकती है। वकीलों की महंगी फीस भी एक बड़ा कारण है, जिसके चलते लोग कानूनी सहायता लेने से कतराते हैं। लेकिन अब केंद्र सरकार की पहल पर शुरू किए गए 'टेली-लॉ' पोर्टल ने इस समस्या का समाधान किया है, जिससे देशभर के लोग मुफ्त में कानूनी सलाह प्राप्त कर सकते हैं। इस पोर्टल की सफलता के परिणामस्वरूप अब तक 1 करोड़ से अधिक लोग इस सेवा का लाभ उठा चुके हैं।

टेली-लॉ पोर्टल से मुफ्त कानूनी सलाह
टेली-लॉ पोर्टल का उद्देश्य लोगों को उनके कानूनी अधिकारों से अवगत कराना और उनकी समस्याओं का समाधान देना है। इस पोर्टल पर लोग अपनी कानूनी परेशानियों से संबंधित सवाल पूछ सकते हैं और योग्य वकील 24 घंटे के अंदर उन्हें उत्तर प्रदान करते हैं। यह पोर्टल पहले उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू किया गया था और बाद में इसे देशभर में विस्तार दिया गया।

अजीब सवालों से लेकर गंभीर मामलों तक उठे मुद्दे
कानूनी सलाह लेने वाले लोगों के सवाल अक्सर अजीबोगरीब होते हैं। एक उदाहरण के तौर पर, उत्तराखंड के एक युवक ने पूछा कि उसकी बहन की शादी को एक महीना भी नहीं हुआ, और वह अब अपने पति से तलाक लेना चाहती है। इस पर वकील ने उसे बताया कि तलाक के लिए कम से कम एक साल तक दोनों को अलग रहना पड़ता है और पहले संपत्ति या गुजारा भत्ता पर सहमति बनानी होती है।

उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक रजिस्ट्रेशन
यूपी में इस पोर्टल का उपयोग सबसे अधिक हुआ है। राज्य के करीब 19.20 लाख लोग टेली-लॉ पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कर चुके हैं, जिनमें से 19.06 लाख को कानूनी सहायता मिल चुकी है। इस सफलता के बाद, टेली-लॉ पोर्टल पर कानूनी सलाह लेने वाले लोगों की संख्या लगातार बढ़ रही है। उदाहरण के लिए, यूपी के उन्नाव जिले की एक महिला ने टोल प्लाजा से अवैध वसूली के मामले में जनहित याचिका दायर करने की सलाह ली, जिसके बाद उसके गांवों के लोग टोल वसूली से मुक्ति पा गए।

महिलाओं के लिए टेली-लॉ पोर्टल से बड़ी मदद
इस पोर्टल का लाभ न सिर्फ बड़े मामलों में बल्कि छोटे और बच्चों से जुड़े सवालों में भी उठाया जा रहा है। एक बच्चे ने पूछा कि क्या स्कूल में होमवर्क न करने पर मुर्गा बनाना अपराध है, तो वकील ने स्कूल प्रशासन से बात करके बताया कि बच्चों को सजा देने की बजाय प्यार से समझाया जा सकता है।



12 साल के बच्चों से लेकर 80 साल तक के बुजुर्गों ने लिया फायदा
टेली-लॉ पोर्टल का फायदा सिर्फ आम लोगों को ही नहीं, बल्कि 12 साल के बच्चों से लेकर 80 साल तक के बुजुर्गों को भी हुआ है। यह पोर्टल एक तरह से गरीब और पिछड़े वर्ग के लोगों के लिए भी कानूनी सहायता प्राप्त करने का आसान और सस्ता तरीका बन चुका है।

कानूनी सहायता अब और भी आसान
टेली-लॉ पोर्टल के माध्यम से अब तक करीब 1 करोड़ लोग कानूनी सलाह ले चुके हैं। यह पोर्टल 2017 में उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर में शुरू हुआ था, और अब यह देश के 783 जिलों में कार्यरत है। 2024 में टेली-लॉ पोर्टल पर एक टोल-फ्री नंबर भी जारी किया गया है, जिससे लोग आसानी से कानूनी मदद प्राप्त कर सकते हैं।

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