मामला आजमगढ़ जिले के अहरौला थाना क्षेत्र का है। माहुल कस्बे में 21 फरवरी 2022 को जहरीली शराब पीने से 9 लोगों की मौत हो गई थी। इस घटना के एक दिन बाद 22 फरवरी 2022 को माहुल कस्बे में स्थित देशी शराब के ठेके पर छापा मारकर पुलिस ने चार पेटी मिलावटी शराब बरामद की थी।
सपा विधायक रमाकांत यादव को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दिया झटका : आजमगढ़ के जहरीली शराब कांड मामले में जमानत देने से किया इंकार

Dec 19, 2024 22:36
Dec 19, 2024 22:36
रमाकांत यादव का आपराधिक इतिहास
रमाकांत यादव वर्तमान में फतेहगढ़ केंद्रीय कारागार में बंद हैं। उनके खिलाफ कुल 48 आपराधिक मामले दर्ज हैं, जिनमें 8 हत्या के गंभीर आरोप शामिल हैं। इसके अलावा, अपहरण, फिरौती, और दुष्कर्म जैसे अपराधों के भी मामले उनके खिलाफ लंबित हैं।
आजमगढ़ जहरीली शराब कांड की पृष्ठभूमि
मामला आजमगढ़ जिले के अहरौला थाना क्षेत्र का है। माहुल कस्बे में 21 फरवरी 2022 को जहरीली शराब पीने से 9 लोगों की मौत हो गई थी। इस घटना के एक दिन बाद 22 फरवरी 2022 को माहुल कस्बे में स्थित देशी शराब के ठेके पर छापा मारकर पुलिस ने चार पेटी मिलावटी शराब बरामद की थी। इस मामले में सपा विधायक रमाकांत यादव का नाम शराब कांड के 14वें आरोपी के रूप में सात महीने बाद शामिल किया गया। उनके खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की गई, जिसमें उनके भांजे रंगेश यादव को गैंग का लीडर बताया गया है। शराब कांड के अभियुक्त रंगेश यादव को सपा नेता का रिश्तेदार बताते हुए उसे संरक्षण देने का आरोप लगाते हुए आरोप पत्र दाखिल किया गया, जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर फतेहगढ़ कारागार में निरुद्ध किया गया है। इसी दौरान आजमगढ़ की एमपी-एमएलए की विशेष अदालत ने फतेहगढ़ जेल में बंद पूर्व सांसद और सपा के विधायक रमाकांत यादव के खिलाफ आरोप सृजित किया। जिसको सपा नेता ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी।
राजनीतिक दुश्मनी का दावा
रमाकांत यादव ने अपनी जमानत याचिका में दावा किया कि उन्हें राजनीतिक विरोधियों द्वारा झूठे मामले में फंसाया गया है। उन्होंने कहा कि यह मामला राजनीतिक साजिश का हिस्सा है। हालांकि, हाईकोर्ट ने उनके आपराधिक इतिहास को देखते हुए इस दलील को अस्वीकार कर दिया।
न्यायालय की टिप्पणी
हाइकोर्ट ने कहा कि रमाकांत यादव पर लगे आरोप गंभीर हैं, और ऐसे मामलों में जमानत देना समाज के लिए नुकसानदायक हो सकता है। इसलिए, उनके खिलाफ चल रही न्यायिक प्रक्रिया को ध्यान में रखते हुए, उन्हें जमानत देने से इंकार किया गया। अदालत के इस फैसले के बाद रमाकांत यादव को जेल में ही रहना होगा। उनके खिलाफ चल रहे अन्य आपराधिक मामलों की सुनवाई जारी रहेगी। पुलिस और प्रशासन का कहना है कि वे इस मामले में सख्त कार्रवाई कर रहे हैं ताकि पीड़ितों को न्याय मिल सके।