इलाहाबाद हाईकोर्ट ने रेप के एक मामले में महत्वपूर्ण फैसला सुनाते हुए कहा है कि अगर किसी महिला की सहमति डर या गलत धारणा के तहत संबंध बनाया गया, तो ऐसे संबंधों को बलात्कार की श्रेणी में रखा जाएगा।
इलाहाबाद हाईकोर्ट का फैसला : महिला की सहमति से भी शारीरिक संबंध बनाना माना जाएगा रेप, जानिए क्या है पूरा मामला
Sep 16, 2024 23:02
Sep 16, 2024 23:02
ये है मामला
यह याचिका आरोपी राघव ने दिसंबर 2018 में आगरा जिले के एक पुलिस स्टेशन में दर्ज की गई शिकायत के खिलाफ दायर की थी, जिसमें भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 376 (बलात्कार) के तहत मामला दर्ज किया गया था। आरोपी ने अपने खिलाफ दायर आरोप पत्र को रद्द करने की मांग की थी, लेकिन हाईकोर्ट ने इसे अस्वीकार कर दिया और कहा कि इस मामले में महिला की सहमति वैध नहीं मानी जा सकती क्योंकि वह डर या गलतफहमी के अधीन थी।
शादी का झांसा देकर किया था शोषण
आगरा जिले के थाने में दर्ज केस के अनुसार, आरोपी राघव पर आरोप है कि उसने पहले महिला को बेहोश करके उसके साथ शारीरिक संबंध बनाए। इसके बाद, वह शादी का झांसा देकर महिला का शारीरिक शोषण करता रहा। महिला ने आरोप लगाया कि वह इस झूठी उम्मीद में थी कि राघव उससे शादी करेगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ और वह लगातार उसका शारीरिक शोषण करता रहा।
मामले में आरोपी के वकील ने अदालत में तर्क दिया कि राघव और महिला एक-दूसरे को अच्छी तरह जानते थे और दोनों सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कर रहे थे। वकील ने यह भी दावा किया कि दोनों ने सहमति से शारीरिक संबंध बनाए थे और यह लंबे समय तक चलता रहा। उनका यह तर्क था कि अगर दोनों के बीच यह संबंध सहमति से बना था, तो इसे बलात्कार नहीं कहा जा सकता।
अदालत की राय
राज्य के वकील ने इस याचिका का जोरदार विरोध किया और कहा कि आरोपी और पीड़िता के बीच रिश्ते की शुरुआत धोखे पर आधारित थी। उन्होंने तर्क दिया कि आरोपी ने महिला को शादी का झांसा देकर उसकी सहमति प्राप्त की, जो कि वास्तविक सहमति नहीं थी। राज्य के वकील ने यह भी कहा कि यह एक जबरदस्ती का मामला था, जहां महिला को मानसिक और भावनात्मक रूप से प्रभावित करके उसकी सहमति ली गई थी।
अदालत ने राज्य के वकील के तर्कों को सही ठहराते हुए कहा कि यदि सहमति गलत जानकारी, धोखाधड़ी या डर के आधार पर प्राप्त की गई हो, तो वह सहमति वैध नहीं मानी जा सकती। हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया कि महिला की सहमति केवल तभी मान्य होगी जब वह बिना किसी प्रकार के दबाव, डर या गलत धारणा के तहत दी गई हो।
हाईकोर्ट का निर्णय
अभी यह मामला आगरा के जिला एवं सत्र न्यायालय में लंबित है और आरोपी के खिलाफ कार्रवाई जारी है। हाईकोर्ट ने याचिका को खारिज करते हुए कहा कि आरोपी ने शादी का झांसा देकर महिला का शारीरिक शोषण किया, जिसे बलात्कार की श्रेणी में रखा जाएगा। अदालत ने कहा कि सहमति को कानून के तहत केवल तब ही मान्यता दी जा सकती है जब वह स्वतंत्र और बिना किसी प्रकार की धोखाधड़ी या दबाव के हो।
Also Read
22 Nov 2024 02:41 PM
राम नगरी अयोध्या में भगवान श्रीराम के मंदिर के भव्य निर्माण और गर्भगृह में राम लला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद, अब प्रभु राम के अनन्य भक्त निषादराज की राजधानी श्रृंगवेरपुर को भी भव्य स्वरूप दिया जा रहा है। और पढ़ें