सास की तेजाब डालकर हत्या का मामला: बहू को आजीवन कारावास व जुर्माने की सजा, 20 साल पहले हुई थी घटना, छत पर सोते समय दिया था वारदात को अंजाम

बहू को आजीवन कारावास व जुर्माने की सजा, 20 साल पहले हुई थी घटना, छत पर सोते समय दिया था वारदात को अंजाम
UPT | जिला न्यायालय प्रयागराज।

Sep 20, 2024 16:51

प्रयागराज की जिला अदालत ने बीस साल पुराने एक सनसनीखेज मामले में सास की हत्या करने वाली बहू को उम्रकैद की सजा सुनाई है। अदालत ने इसके साथ ही 40,000 रुपये का अर्थदंड भी लगाया ।

Sep 20, 2024 16:51

Prayagraj News: प्रयागराज की जिला अदालत ने बीस साल पुराने एक सनसनीखेज मामले में सास की हत्या करने वाली बहू माधुरी को उम्रकैद की सजा सुनाई है। अदालत ने इसके साथ ही 40,000 रुपये का अर्थदंड भी लगाया है, जिसमें से 90 प्रतिशत रकम मृतका के बेटे मोनू और बेटी पूजा को दी जाएगी। यह फैसला जिला जज संतोष राय ने जिला शासकीय अधिवक्ता गुलाब चंद्र अग्रहरि और बचाव पक्ष के वकीलों की दलीलों को सुनने के बाद सुनाया।

घिनौनी हरकत के बाद गंभीर रूप से झुलस गई, अस्पताल में मौत 
यह घटना करेली थाना क्षेत्र की है, जहां 20 साल पहले रिश्तों को शर्मसार करने वाली इस घटना में माधुरी ने अपनी सास सुदामा देवी पर तेजाब फेंक दिया था। यह हमला उस समय हुआ, जब सुदामा छत पर सो रही थीं। इस घिनौनी हरकत के बाद सुदामा गंभीर रूप से झुलस गईं और उन्हें इलाज के लिए स्वरूपरानी मेडिकल कॉलेज ले जाया गया, लेकिन गंभीर चोटों के कारण इलाज के दौरान उनकी मृत्यु हो गई।

अक्सर घर में छोटी-छोटी बातों को लेकर झगड़े होते थे 
इस मामले की एफआईआर मृतका के बेटे मोनू और बेटी पूजा ने दर्ज करवाई थी। उन्होंने पुलिस को बताया कि अक्सर घर में छोटी-छोटी बातों को लेकर उनकी मां और भाभी माधुरी के बीच झगड़े होते रहते थे। घटना के दिन भी खाने को लेकर दोनों के बीच विवाद हुआ था। रात में जब परिवार के सभी सदस्य सो रहे थे, तभी माधुरी ने सुदामा देवी पर तेजाब डाल दिया। सुदामा के चीखने की आवाज सुनकर जब परिवार के सदस्य मौके पर पहुंचे, तो उन्होंने देखा कि सुदामा बुरी तरह झुलस चुकी थीं और माधुरी वहां खड़ी थी।

जांच के बाद दो के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया 
पुलिस ने मामले की जांच के बाद माधुरी और एक अन्य आरोपी के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया। विवेचना के दौरान दूसरा अभियुक्त नाबालिग पाया गया, जिसके कारण उस पर बाल अपराध कानून के तहत कार्रवाई की गई। इस मामले की सुनवाई 20 साल तक चली, जिसमें अभियोजन पक्ष की ओर से जिला शासकीय अधिवक्ता गुलाब चंद्र अग्रहरि और बालकृष्ण मिश्रा ने सात गवाह पेश किए। गवाहों के बयानों और साक्ष्यों के आधार पर अदालत ने माधुरी को दोषी पाया और उसे उम्रकैद की सजा सुनाई।
मृतका के परिवार ने इस फैसले पर संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि यह न्याय की जीत है। 

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