जालसाजों ने उन्हें क्रिप्टो करेंसी में निवेश का झांसा देकर 18 लाख रुपये की ठगी की। यह मामला सामने आने के बाद उन्होंने साइबर पुलिस को सूचना दी और ठगी की शिकायत दर्ज कराई।
फेसबुक पर दोस्ती और वाट्सएप पर धोखा : यूपी प्रशासनिक अधिकारी बने साइबर ठगी का शिकार, क्रिप्टो निवेश के नाम पर 18 लाख रुपये की ठगी

Dec 19, 2024 13:01
Dec 19, 2024 13:01
फेसबुक पर हुई जालसाजों से मुलाकात
तेलियरगंज के निवासी सूर्य प्रकाश मिश्रा ने पुलिस को बताया कि उनकी मुलाकात जालसाजों से फेसबुक के माध्यम से हुई थी। उन्होंने फेसबुक पर एक व्यक्ति सुलागना से संपर्क किया। जिसने खुद को चेन्नई का निवासी बताया। इसके बाद दोनों की बातचीत वाट्सएप पर हुई और सुलागना ने उन्हें अपने "मेंटोर" सर के बारे में बताया।
क्रिप्टो करेंसी में निवेश का लालच
सुलागना ने सूर्य प्रकाश मिश्रा को क्रिप्टो करेंसी में निवेश करने के लिए प्रेरित किया और ज्यादा मुनाफा कमाने का वादा किया। छह दिसंबर को उन्हें अपनी मेल आईडी पर एक लिंक प्राप्त हुआ। जिसके माध्यम से उन्होंने 200 डॉलर का निवेश किया। इसके बाद उन्हें 30 प्रतिशत कमीशन एडवांस देने को कहा गया और एक कांट्रैक्ट साइन करवाया गया। इस प्रक्रिया में उन्हें लगातार निवेश करने के लिए उकसाया गया और कुछ रकम उनके खाते में भी डाली गई।
सात लाख के निवेश पर दोगुना लाभ का वादा
अधिकारी ने पुलिस को बताया कि जालसाजों ने उन्हें सात लाख रुपये निवेश करने पर दो गुना मुनाफा देने का वादा किया। इस लालच में आकर, सूर्य प्रकाश मिश्रा ने पत्नी, रिश्तेदारों और मित्रों से पैसे उधार लेकर निवेश किया। धीरे-धीरे उन्होंने 21 लाख रुपये जमा कर दिए। यह उम्मीद जताई गई थी कि इस रकम के जमा होने पर उनका मूलधन लौटाया जाएगा।
ठगी का खुलासा और मुकदमा दर्ज
हालांकि, जैसे-जैसे धन बढ़ता गया, सूर्य प्रकाश मिश्रा को संदेह होने लगा। जब उन्होंने और अधिक रकम जमा करने के बावजूद कोई वापसी नहीं पाई तो उन्हें एहसास हुआ कि वे साइबर ठगी का शिकार हो गए हैं। इसके बाद उन्होंने इस मामले को साइबर पुलिस के पास रिपोर्ट किया और मामला दर्ज कराया।
अलग-अलग बैंक खातों में भेजे गए पैसे
साइबर अपराधियों ने ठगी की रकम को कई अलग-अलग बैंक खातों में जमा कराया था। इसके साथ ही, जालसाजों ने "दि इंडेक्टस प्वाइंट" नाम से एक ग्रुप भी बनाया था। जिसमें सूर्य प्रकाश मिश्रा के अलावा अन्य लोग जैसे राजवीर मेहा, हर्ष वर्धनी, सुलागना और मिस्टर सिंह भी शामिल थे।
साइबर पुलिस ने शुरू की जांच
साइबर पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच शुरू कर दी है। अधिकारियों का कहना है कि वे आरोपियों की पहचान करने के लिए तकनीकी तौर पर सभी डिजिटल ट्रेल्स का विश्लेषण करेंगे। साइबर ठगी के मामलों में इस तरह की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं और पुलिस ने जनता से सतर्क रहने की अपील की है।
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