उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) द्वारा कुछ संशोधनों के बावजूद आरओ-एआरओ परीक्षा को लेकर प्रतियोगी छात्रों का धरना प्रदर्शन और आंदोलन थमने का नाम नहीं ले रहा...
यूपीपीएससी के झुकने के बाद भी अड़े रहे छात्र : आरओ-एआरओ परीक्षा को एक शिफ्ट में कराने की मांग, धरना जारी
Nov 15, 2024 10:03
Nov 15, 2024 10:03
आयोग के आश्वासनों से छात्र असंतुष्ट
आयोग ने छात्रों के दबाव में कुछ फैसले लिए हैं जैसे कि आरओ-एआरओ परीक्षा के लिए उच्च स्तरीय कमेटी का गठन करने का आश्वासन दिया है। हालांकि, छात्रों का कहना है कि यह कदम उन्हें संतुष्ट नहीं करता। उनका कहना है कि उच्चस्तरीय कमेटी के गठन से कोई फर्क नहीं पड़ेगा जब तक आयोग एक दिन में परीक्षा कराने का आधिकारिक नोटिस जारी नहीं करता। छात्रों का आरोप है कि आयोग केवल समय खरीदने के लिए उन्हें बहला-फुसलाने की कोशिश कर रहा है।
परीक्षा के आयोजन में असुविधाएं
आरओ-एआरओ परीक्षा में 10 लाख से अधिक अभ्यर्थी पंजीकृत हैं। जो इसे उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की अब तक की सबसे बड़ी परीक्षा बना देती है। छात्रों की मांग को लेकर आयोग पर दबाव बढ़ता जा रहा है, खासकर तब जब प्रदेश में परीक्षा केंद्रों की कमी का सामना किया जा रहा है। शासनादेश के अनुसार, परीक्षा केंद्रों को कलेक्ट्रेट/कोषागार से 20 किमी के दायरे में स्थापित करने का प्रयास किया गया, लेकिन फिर भी पर्याप्त संख्या में परीक्षा केंद्र उपलब्ध नहीं हो सके। आयोग ने विश्वविद्यालयों, महाविद्यालयों और अन्य शैक्षिक संस्थानों को परीक्षा केंद्र बनाने के लिए संपर्क किया, लेकिन इन प्रयासों के बावजूद समस्या हल नहीं हो सकी।
आयोग ने बताया था केंद्रों की कमी
उपलब्ध परीक्षा केंद्रों की कमी के कारण आयोग ने एक से अधिक दिनों में परीक्षा आयोजित करने का निर्णय लिया था और इसके लिए "प्रसामान्यीकरण" (नॉर्मलाइजेशन) की प्रक्रिया को अपनाया गया था। आयोग का कहना है कि इस फैसले को उच्चतम न्यायालय ने 7 जनवरी 2024 को पारित अपने निर्णय में उचित माना है जब इसे सिविल अपील उत्तर प्रदेश राज्य बनाम अतुल कुमार द्विवेदी मामले में मंजूरी दी गई थी।
पीसीएस परीक्षा के लिए भी केंद्रों की कमी
उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) को पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा 2024 के लिए 75 जिलों में 1758 परीक्षा केंद्रों की आवश्यकता थी लेकिन आयोग को केवल 55 फीसदी यानी 978 केंद्र ही उपलब्ध हो सके। पीसीएस परीक्षा के लिए कुल 576,978 अभ्यर्थी पंजीकृत हैं। जो आरओ-एआरओ परीक्षा के मुकाबले कम संख्या में हैं। फिर भी परीक्षा केंद्रों की कमी ने आयोग को कई चुनौतियों का सामना कराया है।
छात्रों का विरोध जारी
छात्रों का कहना है कि अगर आयोग पीसीएस परीक्षा को एक ही दिन और एक शिफ्ट में आयोजित कर सकता है तो आरओ-एआरओ परीक्षा को भी उसी तरह आयोजित क्यों नहीं कर सकता। वे इस मुद्दे पर आयोग से लिखित आश्वासन की मांग कर रहे हैं और जब तक यह आश्वासन नहीं मिलता उनका आंदोलन जारी रहेगा।