उत्तर प्रदेश किन्नर वेलफेयर बोर्ड की वरिष्ठ सदस्य और किन्नर अखाड़ा यूपी की प्रदेश अध्यक्ष महामंडलेश्वर स्वामी कौशल्यानंद गिरि (टीना मां) ने यूपी बोर्ड के सचिव भगवती सिंह को ज्ञापन सौंपा है...
Prayagraj News : यूपी बोर्ड के सचिव से थर्ड जेंडर की शिक्षा शामिल करने की मांग, स्वामी कौशल्यानंद गिरि ने सौंपा ज्ञापन
Sep 12, 2024 17:50
Sep 12, 2024 17:50
थर्ड जेंडर के बारे में शिक्षा की मांग
महामंडलेश्वर स्वामी कौशल्यानंद गिरि ने बताया कि समाज में सिर्फ दो लिंग नहीं होते, बल्कि थर्ड जेंडर भी है जिसे किन्नर या ट्रांसजेंडर कहा जाता है। उनकी जानकारी की कमी के कारण, छात्र-छात्राओं को इस बारे में शिक्षा प्राप्त नहीं होती। यह जरूरी है कि थर्ड जेंडर की पहचान और महत्व को समझा जाए, क्योंकि वे समाज के किसी न किसी परिवार का हिस्सा हो सकते हैं।
SC ने दी थर्ड जेंडर के अधिकार की मान्यता
कौशल्यानंद गिरि महराज ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने 2014 में नालसा जजमेंट के तहत थर्ड जेंडर के अधिकार को मान्यता दी थी। इस फैसले के बाद, सरकारी नौकरियों और अन्य भर्तियों में किन्नर/ट्रांसजेंडर को थर्ड जेंडर के रूप में शामिल किया गया और उन्हें एक अलग जेंडर की मान्यता दी गई।
'देश भर में 50 लाख के करीब ट्रांसजेंडर'
स्वामी कौशल्यानंद गिरि ने यूपी बोर्ड के सचिव से आग्रह किया कि थर्ड जेंडर को यूपी बोर्ड के पाठ्यक्रम में शामिल किया जाए ताकि लाखों छात्र-छात्राओं और उनके अभिभावकों को इस बारे में सही जानकारी मिल सके। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश में थर्ड जेंडर की आबादी करीब 15 लाख है, जबकि देश भर में यह संख्या 50 लाख के करीब है। बहुत से परिवारों में थर्ड जेंडर होता है, लेकिन समाज से उनकी पहचान छिपाई जाती है। महाभारत और अन्य प्राचीन ग्रंथों में भी थर्ड जेंडर के कार्यों और योगदान का विस्तार से वर्णन मिलता है।
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