प्रयागराज में महाकुम्भ 2025 के लिए पांटून पुलों का निर्माण तेजी से किया जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 13 दिसंबर को आगमन से पहले सभी पुलों का निर्माण कार्य समय पर पूरा करने के लिए पीडब्ल्यूडी की टीम युद्धस्तर पर काम कर रही है। वर्तमान में 5 पांटून पुलों को चालू कर दिया गया है।
प्रयागराज महाकुंभ-2025 : पांटून पुलों के निर्माण में तेजी, काम पूरा करने में जुटी पीडब्ल्यूडी की टीम
Nov 30, 2024 20:42
Nov 30, 2024 20:42
- तय समय पर होगा पुलों का निर्माण
- पीडब्ल्यूडी की टीम युद्धस्तर पर कर रही काम
- जनता के लिए आवागमन शुरू
पुलों का निर्माण कार्य समय पर पूरा
प्रयागराज पीडब्ल्यूडी के चीफ इंजीनियर ए.के. द्विवेदी के अनुसार, पुलों का निर्माण कार्य तय समय सीमा के अंदर पूरा करने का लक्ष्य है। सभी पुलों की गुणवत्ता और सुरक्षा मानकों का ध्यान रखा जा रहा है। अब तक 5 पांटून पुलों का निर्माण पूरा हो चुका है और 3 दिसंबर तक कुल 9 पुलों को चालू कर दिया जाएगा। प्रधानमंत्री के आगमन तक 19 पुल पूरी तरह से कार्यरत होंगे, और शेष 11 पुलों का निर्माण भी जल्द पूरा कर लिया जाएगा।
जनता के लिए आवागमन शुरू
वर्तमान में हरिश्चंद्र, ओल्ड जीटी उत्तरी, चक्र माधव, गांगुली शिवाला रोड और रेल से झूसी पुलों को जनता के लिए खोल दिया गया है। इनमें स्थानीय लोगों के साथ-साथ साधु संतों और प्रशासनिक अधिकारियों का आवागमन भी शुरू हो चुका है। ये पुल प्रयागराज में यातायात और अखाड़ों को जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं, जिससे महाकुम्भ में श्रद्धालुओं को सुविधा होगी।
पुलों की मजबूती और सुरक्षा
महाकुम्भ 2025 के लिए 30 पांटून पुलों का निर्माण किया जा रहा है, जो अब तक की सबसे बड़ी संख्या है। ये पुल 5 टन तक के भारी वजन को सहन करने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं। पुलों की मजबूती और सुरक्षा को लेकर कोई भी लापरवाही नहीं बरती जा रही है। प्रत्येक पुल को कई परीक्षणों से गुजरने के बाद ही चालू किया जा रहा है, ताकि लाखों लोग इन पुलों से सुरक्षित रूप से गुजर सकें।
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