प्रयागराज में 2025 में आयोजित होने वाले महाकुंभ मेले की भव्य तैयारियों के बीच प्रदूषण नियंत्रण पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (UPPCB) और केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड...
महाकुंभ 2025 : पर्यावरण संरक्षण के लिए 11 जिलों के 543 उद्योग होंगे बंद, गंगा की शुद्धता के लिए प्रतिबंध
Dec 03, 2024 10:24
Dec 03, 2024 10:24
सख्त निगरानी और निरीक्षण की व्यवस्था
महाकुंभ के दौरान प्रदूषण फैलाने वाले उद्योगों पर विशेष निगरानी रखी जाएगी। यूपीपीसीबी और सीपीसीबी के संयुक्त दलों के साथ जिला प्रशासन की टीमें औद्योगिक इकाइयों पर नजर रखेंगी। अगर किसी इकाई से रंगीन या प्रदूषित जल का उत्सर्जन पाया गया तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी। क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी भुवन प्रकाश यादव ने बताया कि जिला स्तरीय अनुश्रवण कमेटी और थर्ड पार्टी निरीक्षण किसी भी समय औचक निरीक्षण कर सकती है। ईटीपी (इफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट) के बंद मिलने पर उद्योगों को बंद करने की कार्रवाई तुरंत की जाएगी।
उद्योगों के संचालन पर लगाई जाएगी रोक
गंगा की पवित्रता बनाए रखने के लिए 13 जनवरी से 26 फरवरी तक विभिन्न तिथियों में उद्योगों को बंद करने का रोस्टर तैयार किया गया है। जिन जिलों में उद्योग बंद रहेंगे। उनमें मेरठ, बागपत, बुलंदशहर, गाजियाबाद, हापुड़, ग्रेटर नोएडा, मुजफ्फरनगर, शामली, सहारनपुर, बिजनौर और अमरोहा शामिल हैं। सिंचाई विभाग की रिपोर्ट के अनुसार इन जिलों से गंगा नदी का जल प्रयागराज तक नौ दिन में पहुंचता है, जिसके मद्देनजर चार दिन तक उद्योग बंद रखने का निर्णय लिया गया है।
इन जिलों में बंद रहेंगी फैक्ट्री और कंपनी
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महाकुंभ के प्रमुख स्नान और उद्योग बंदी की तिथियां
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प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की सख्त चेतावनी
भुवन प्रकाश यादव ने कहा कि महाकुंभ के दौरान प्रदूषण फैलाने वाली इकाइयों पर नजर रखने के लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। औद्योगिक इकाइयों को समय पर सूचना दी जाएगी, ताकि कोई भी इकाई बंदी के आदेश का उल्लंघन न कर सके।
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