Maha Kumbh 2025 : पेशवाई के दौरान नागा संन्यासियों ने किया अस्त्र शस्त्रों का प्रदर्शन 

पेशवाई के दौरान नागा संन्यासियों ने किया अस्त्र शस्त्रों का प्रदर्शन 
UPT | पेशवाई शोभायात्रा

Dec 22, 2024 21:41

संगम नगरी प्रयागराज में 13 जनवरी 2025 से शुरू होने वाले महाकुंभ की भव्य तैयारियां जोरों पर हैं। महाकुंभ के त्रिवेणी मार्ग पर बसाए गए...

Dec 22, 2024 21:41

Prayagraj News : संगम नगरी प्रयागराज में 13 जनवरी 2025 से शुरू होने वाले महाकुंभ की भव्य तैयारियां जोरों पर हैं। महाकुंभ के त्रिवेणी मार्ग पर बसाए गए अखाड़ा नगर में संतों और अखाड़ों का आगमन शुरू हो गया है। रविवार को महाकुंभ में संन्यासी परंपरा के सबसे पुराने अखाड़े श्री शंभू पंच दशनाम आवाहन अखाड़ा की पेशवाई निकाली गई।

पेशवाई का राजसी अंदाज
पेशवाई जिसे अब अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने कुंभ छावनी प्रवेश का नाम दिया है। यह महाकुंभ की सबसे महत्वपूर्ण और आकर्षक परंपराओं में से एक है। आवाहन अखाड़े की यह पेशवाई नैनी के मड़ौका स्थित आश्रम से शुरू हुई। इस शोभायात्रा में आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अरुण गिरी जी महाराज समेत अन्य महामंडलेश्वर और प्रमुख संत चांदी के हौदों से सजे विशेष रथों पर विराजमान हुए। इन रथों को ट्रैक्टर पर सजाया गया था और संतों ने अपने भक्तों और श्रद्धालुओं को दर्शन देते हुए अखाड़ा नगर में प्रवेश किया।

नागा साधुओं का वैभव को देखने उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़
पेशवाई के दौरान सबसे आगे अखाड़े की धर्म ध्वजा लहरा रही थी, जो अखाड़े की शक्ति और परंपरा का प्रतीक है। इसके पीछे अखाड़े के नागा साधु चल रहे थे, जो अपने अस्त्र शस्त्रों का प्रदर्शन और पारंपरिक करतब दिखा रहे थे। नागा साधुओं का यह अद्भुत प्रदर्शन श्रद्धालुओं के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र बना। पेशवाई मार्ग पर भक्तों की भारी भीड़ जमा हुई और जगह-जगह पुष्प वर्षा से संतों का स्वागत किया गया।

गजानंद भगवान के भव्य दर्शन
अखाड़े के आराध्य भगवान सिद्ध गणेश को रथ पर विराजमान कर शोभायात्रा में शामिल किया गया। रथ को विशेष रूप से सजाया गया था। जिससे श्रद्धालु भगवान के दर्शन कर स्वयं को धन्य मान रहे थे। पेशवाई के मेला क्षेत्र में प्रवेश करने पर उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से मेले की व्यवस्था में जुटे अधिकारियों ने अखाड़े के संतों का भव्य स्वागत किया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार द्वारा महाकुंभ में अखाड़ों के लिए की गई व्यवस्थाओं की संतों ने प्रशंसा की।

अखाड़े की परंपरा और छावनी प्रवेश की तैयारियां
आवाहन अखाड़ा 13 अखाड़ों में सबसे प्राचीन है। इसके आराध्य भगवान सिद्ध गणेश हैं। यह अखाड़ा नागा साधुओं की बड़ी संख्या के लिए प्रसिद्ध है। छावनी में प्रवेश के बाद नागा साधु धूनी रमाएंगे और अखाड़ा नगर में अपने भक्तों को दर्शन देंगे। अखाड़े के राष्ट्रीय महामंत्री स्वामी सत्य गिरि जी महाराज के अनुसार अब पेशवाई को कुंभ छावनी प्रवेश और शाही प्रवेश को राजसी प्रवेश कहा जाएगा। अखाड़े के शिविरों में संतों के ठहरने के लिए विशेष कमरे बनाए गए हैं।

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