फूलपुर विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव के परिणाम आज घोषित किए गए। जिसमें भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के प्रत्याशी दीपक पटेल ने 10 हजार से ज्यादा वोटों के साथ जीत हासिल की है...
फूलपुर में सपा को दी करारी शिकस्त : जानें कौन हैं दीपक पटेल, डिप्टी सीएम के माने जाते हैं करीबी
Nov 23, 2024 15:20
Nov 23, 2024 15:20
- फूलपुर उपचुनाव में बीजेपी की जीत
- दीपक पटेल ने सपा को दी करारी शिकस्त
- 10 हजार वोटों से जीता उपचुनाव
पूर्व सांसद केशरी देवी पटेल के बेटे हैं दीपक
बीजेपी प्रत्याशी दीपक पटेल फूलपुर संसदीय क्षेत्र की पूर्व सांसद केशरी देवी पटेल के बेटे हैं। दीपक पटेल ने अपनी उच्च शिक्षा इलाहाबाद विश्वविद्यालय से एलएलएम (मास्टर ऑफ लॉ) की डिग्री प्राप्त की है। उन्होंने 2007 में अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत बसपा के टिकट पर बारा विधानसभा सीट से चुनाव लड़कर की थी, हालांकि वे थोड़े मतों से हार गए थे। इसके बाद, 2012 में उन्होंने बसपा से करछना विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। 2017 में भी उन्होंने करछना विधानसभा सीट से बसपा के उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा, लेकिन इस बार उन्हें हार का सामना करना पड़ा।
मां केसरी देवी पटेल के साथ बीजेपी में हुए शामिल
लोकसभा चुनाव 2019 के पहले दीपक पटेल अपनी मां केसरी देवी पटेल के साथ बीजेपी में शामिल हुए थे। केशरी देवी पटेल, 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के टिकट पर फूलपुर सीट से चुनाव जीतकर सांसद बनीं थीं। इसके अलावा, वह पांच बार प्रयागराज जिला पंचायत की अध्यक्ष भी रह चुकी हैं। हालांकि, 2024 के लोकसभा चुनाव में केशरी देवी पटेल का टिकट काट दिया गया था। उपचुनाव में दीपक पटेल पार्टी कार्यकर्ताओं और संघ की पहली पसंद थे।
केशव प्रसाद के करीबी
इसके साथ ही दीपक पटेल को डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य का बेहद करीबी माना जाता है। दीपक पटेल के नामांकन में भी डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य, कैबिनेट मंत्री राकेश सचान और मंत्री दयाशंकर सिंह समेत पार्टी के कई वरिष्ठ नेता शामिल हुए थे। इस अवसर पर केशव प्रसाद मौर्य ने कहा था कि फूलपुर में भाजपा को प्रचंड बहुमत मिलेगा और कमल खिलेगा, जिससे अखिलेश यादव का सत्ताइस विधानसभा सीटों पर सत्ता में आने का सपना चूर-चूर हो जाएगा।
सपा प्रत्याशी को दी शिकस्त
दीपक पटेल ने फूलपुर से मोहम्मद मुजतबा सिद्दीकी को शिकस्त दी है। मोहम्मद मुजतबा सिद्दीकी एक अनुभवी राजनेता हैं, जो तीन बार विधायक बन चुके हैं। उन्होंने 2002 और 2007 में बसपा के टिकट पर सोरांव विधानसभा सीट से जीत हासिल की, लेकिन 2012 में उन्हें हार का सामना करना पड़ा। फिर 2017 में उन्होंने प्रतापपुर विधानसभा सीट से बसपा के टिकट पर एक बार फिर जीत दर्ज की। 2022 विधानसभा चुनाव से पहले, मुजतबा सिद्दीकी ने बसपा को छोड़कर समाजवादी पार्टी (सपा) जॉइन की थी और उसी साल सपा ने उन्हें फूलपुर सीट से अपना उम्मीदवार घोषित किया। हालांकि, वे भाजपा के प्रत्याशी प्रवीण पटेल से लगभग ढाई हजार वोटों के अंतर से हार गए थे।
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