लालगंज में ऐतिहासिक भरत मिलाप समारोह का आयोजन हुआ, जिसमें नगर और ग्रामीण क्षेत्रों से भारी संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी। इस धार्मिक कार्यक्रम में आस्था और उत्साह का माहौल चरम पर था। शनिवार सुबह पांच बजे, कालाकांकर रोड के समीप प्रभु श्रीराम और उनके भाई भरत का मिलाप होते ही वातावरण भक्तिमय हो उठा।
श्रीराम ने भरत को गले लगाया : चहुओर हुई पुष्प वर्षा, लालगंज में धूमधाम से हुआ ऐतिहासिक भरत-मिलाप समारोह
Oct 13, 2024 23:52
Oct 13, 2024 23:52
मिलाप के दौरान श्रद्धालुओं ने प्रभु श्रीराम और उनके दरबार की भव्य आरती की, जो इस आयोजन का एक मुख्य आकर्षण था। श्रीराम दल और भरत दल की झांकियां नगर की विभिन्न सड़कों से होते हुए निकलीं, जिनमें रायबरेली रोड से श्रीराम दल, प्रतापगढ़ रोड से भरत दल, और घुइसरनाथ रोड से हनुमान जी के दल शामिल थे। यह झांकियां नगर के प्रमुख मार्गों से गुजरती हुई भक्तों के बीच उत्साह का संचार कर रही थीं। श्रद्धालु झांकियों को देखकर भाव-विभोर हो गए और महिलाओं ने छतों से पुष्पवर्षा कर श्रद्धा व्यक्त की।
नगर के मुख्य सड़कों और गली-मोहल्लों को रंग-बिरंगी विद्युत सजावट से सजाया गया था, जिससे लालगंज का पूरा इलाका रोशनी से जगमगा उठा। लोगों ने इस सजावट का भरपूर आनंद उठाया और कार्यक्रम के दौरान नगर के विभिन्न हिस्सों से झांकियों को देखने के लिए लोग उमड़ पड़े।
धार्मिक उत्साह और अनुशासन
भरत मिलाप के इस भव्य आयोजन के दौरान प्रशासन ने शांति और सुरक्षा व्यवस्था को बनाए रखने के लिए कड़े इंतजाम किए थे। सीओ लालगंज रामसूरत सोनकर स्वयं सुरक्षा व्यवस्था की निगरानी कर रहे थे। प्रभारी निरीक्षक नीरज यादव ने भारी फोर्स के साथ पूरे कार्यक्रम के दौरान कस्बे के मार्गों पर गश्त की। श्रद्धालुओं के उत्साह और उमंग को देखते हुए सुरक्षा की दृष्टि से प्रमुख मार्गों पर पैदल गश्त की गई, ताकि किसी भी अप्रिय स्थिति से बचा जा सके। झांकियों के साथ भगवान श्रीराम का स्तुति गान और भक्ति संगीत गूंजता रहा, जिससे माहौल और भी भक्तिमय हो गया।
सांस्कृतिक और सामाजिक एकता का प्रतीक
लालगंज के भरत मिलाप कार्यक्रम में सांस्कृतिक और सामाजिक एकता की झलक भी देखने को मिली। खालसा सादात तिराहे पर स्थापित नव दुर्गा पूजा समिति द्वारा आयोजित हनुमान दल की झांकी में मुस्लिम युवा भी शामिल हुए, जो कौमी एकता की मिसाल है। यह दृश्य लालगंज के सामाजिक ताने-बाने में आपसी प्रेम और भाईचारे की भावना को और मजबूत करता है। नगर में विभिन्न वर्गों और समुदायों के लोग इस धार्मिक आयोजन में उत्साहपूर्वक शामिल हुए, जिससे प्रशासनिक अधिकारियों के चेहरों पर भी संतोष देखा गया। यह आयोजन धार्मिक आस्था के साथ-साथ सामाजिक सद्भाव का भी प्रतीक बना।
सुरक्षा और यातायात व्यवस्था
भरत मिलाप को सफलतापूर्वक सम्पन्न कराने के लिए शुक्रवार रात से ही प्रशासन ने नेशनल हाईवे पर रूट डायवर्जन की योजना बनाई थी। प्रतापगढ़ से आने वाले बड़े वाहनों को धधुआगाजन बड़ी नहर से रायबरेली की ओर डायवर्ट किया गया, जबकि रायबरेली से आने वाले वाहनों को वर्मानगर से प्रतापगढ़ की ओर भेजा गया। घुइसरनाथ रोड से आने वाले वाहनों को महिमापुर पुल के पास से डायवर्ट किया गया। रातभर फोर्स को वैरियरों पर तैनात रखा गया ताकि कोई यातायात अवरोध न हो।
समापन और भविष्य की आशा
भरत मिलाप के सकुशल सम्पन्न होने के बाद स्थानीय प्रशासन ने राहत की सांस ली। नगरवासियों और बाहर से आए श्रद्धालुओं ने इस भव्य आयोजन की सराहना की। इस बार का भरत मिलाप कार्यक्रम न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक रहा, बल्कि इसमें आपसी प्रेम, भाईचारे और सामाजिक सद्भाव की झलक भी स्पष्ट रूप से दिखी। लालगंज का भरत मिलाप उत्सव एक ऐतिहासिक और धार्मिक घटना है, जिसे हर साल बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। इस वर्ष का आयोजन न केवल नगरवासियों के लिए बल्कि दूर-दराज से आए श्रद्धालुओं के लिए भी यादगार बन गया।
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