राज्यसभा में विपक्ष के उपनेता प्रमोद तिवारी ने स्टाक मार्केट के शेयरों के उतार चढ़ाव में तीस लाख करोड रूपये के बड़े घोटाले के आरोपों की संयुक्त संसदीय समिति से...
Pratapgarh News : बोले प्रमोद तिवारी- स्टाक मार्केट में तीस लाख करोड़ के घोटाले की जेपीसी से हो जांच
Jun 08, 2024 02:06
Jun 08, 2024 02:06
पीएम मोदी एवं गृह मंत्री अमित शाह बड़े सवाल के घेरे में
कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी ने कहा कि शेयर घोटाले को लेकर अब तक प्रधानमंत्री और गृह मंत्री की चुप्पी से भी यह साबित हो रहा है कि पीएम मोदी एवं गृह मंत्री अमित शाह बड़े सवाल के घेरे में है कि क्या सर्वोच्च पद पर बैठे इन लोगों ने शेयर बाजार से शेयर खरीदने की वकालत की थी अथवा नहीं। उन्होने कहा कि इस प्रकरण में जुड़े सभी बिंदुओं की जांच जेपीसी से होने पर ही तीस लाख करोड़ जैसी बड़ी रकम में शेयर बाजार के नाम पर हेराफेरी का पर्दाफाश हो सकेगा। उन्होने कहा कि यह सर्वविदित एवं सत्य है कि पहली जून 2024 को एक्जिट पोल में भारतीय जनता पार्टी और एनडीए को लगभग चार सौ सीटें मिलने की संभावना जतायी गयी थी।
निवेशकों के डूब गये तीस लाख करोड़ रूपये
उन्होनें यह भी कहा है कि ज्यादातर एक्जिट पोल से जुडी एजेन्सियों ने तीन सौ पचास से कम सीटें इन्हें मिलना नहीं बताया था। ऐसे में राज्यसभा सांसद प्रमोद तिवारी के मुताबिक यह सर्वविदित एवं सत्य सामने आया है कि इससे स्टाक मार्केट शेयर बाजार में जबरदस्त उछाल आया। उन्होने कहा कि जब मतगणना के बाद चुनाव परिणाम एक्जिट पोल की घोषणा के अनुरूप खरे नही उतरे और भाजपा की सीटों में पैंसठ सीटों की गिरावट ने उसे अल्पमत में ला दिया। उन्होनें कहा कि इन घटनाचक्र के चलते ही स्टाक मार्केट शेयर बाजार में तीस लाख करोड़ रूपये निवेशकों के डूब गये।
संयुक्त संसदीय समिति से जांच की मांग की
प्रमोद तिवारी ने कहा कि कुछ ऐसा ही हर्षद मेहता प्रकरण में भी हुआ था। सांसद प्रमोद तिवारी के अनुसार, वह अंदर से जानकारी लेकर शेयर खरीदने की वकालत करता था। उन्होनें कहा कि हर्षद मेहता की सच्चाई सामने आयी, तो बाद में उसकी गिरफ्तारी हुई। वह सजा के साथ जेल गया। उन्होनें कहा कि लगभग वैसा ही वाकया इस गंभीर प्रकरण में भी सामने आ रहा है। सांसद प्रमोद तिवारी ने इस बात पर जोर दिया कि इसकी भी राष्ट्रहित में व्यापक स्तर पर जांच होनी चाहिए। उन्होनें पीयूष गोयल के इस कथन पर कि इसमें विदेशी निवेशकों को घाटा हुआ है, तो जांच इस बात की भी होनी चाहिए कि कहीं देश के ही कुछ लोगों ने ही बेनामी कंपनियां बनाकर कालेधन का निवेश तो नहीं किया।
कांग्रेस पाटी संसद में करेगी आवाज बुलन्द
प्रमोद तिवारी ने कहा कि कांग्रेस पाटी, संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के जरिए करोड़ों के हेरफेर के इस मामले में जांच के तहत देश के सामने सच्चाई लाने को लेकर संसद में जोरदार आवाज बुलन्द करेगी। वहीं उन्होनें उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव के अयोध्या नतीजे को लेकर भाजपा प्रत्याशी लल्लू सिंह को मिली पराजय के बाद पिछले अड़तालिस घंटों में भाजपा के कुछ लोगों द्वारा सोशल मीडिया एवं अन्य माध्यमों से अयोध्यावासियों को दी जा रही गालियों को अत्यन्त पीड़ाजनक एवं निन्दनीय ठहराया है। उन्होनें कहा कि यह सीधे तौर पर भगवान श्रीराम के वंशजों का अपमान है।
भाजपा ने किया भगवान श्रीराम का राजनीतिकरण
राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी ने कहा कि भाजपा की हार के बाद यह नही भूलना चाहिए कि अयोध्या के लोग भगवान श्रीराम के वंशज हैं। उन्होने कहा कि लोकतांत्रिक ढंग से जनता ने अयोध्या में भाजपा प्रत्याशी को इसलिए हराया है, क्योंकि भाजपा ने भगवान श्रीराम का राजनीतिकरण करके नवनिर्मित अधूरे मंदिर में भगवान श्रीराम की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा के जरिए इसे चुनाव में मुददा बनाया।
किसी राजनीतिक दल को इतना घमण्ड और अहंकार नही करना चाहिए
उन्होनें दावा किया कि भाजपा द्वारा भगवान श्रीराम के नाम पर आस्था के साथ खिलवाड़ के चलते अयोध्या के लोग दुखी हुए थे। कहा कि भाजपा ने भगवान श्रीराम के प्रति श्रद्धा न दिखाकर इसे चुनावी मुददा बनाते हुए उनकी महिमा को कम किया। भाजपा ने नारा लगाया कि जो राम को लाये हैं, हम उनको लायेंगे। इससे भी श्रीराम के पुजारियों को पीड़ा पहुंची। उन्होनें सवाल उठाया कि भगवान श्रीराम अवतरित हुए थे, तो उनको लाने की क्षमता किसमें है। उन्होनें कहा कि किसी राजनीतिक दल को कभी भी इतना घमण्ड और अहंकार नही हो जाना चाहिए कि वे भगवान श्रीराम को लाये हैं।
अयोध्यावासियों को अपमानित करना निंदनीय कृत्य
प्रमोद तिवारी ने कहा कि भाजपा के इसी अहंकार और अपमान की राजनीति को लेकर अयोध्या का यह जनादेश सामने आया है। भगवान श्रीराम के वंशज अयोध्यावासियों को जनभावना के विपरीत अपमानित करना बेहद निंदनीय कृत्य है। कहा कि अयोध्या के चुनाव परिणाम से यह भी साबित हो गया है कि भाजपा की श्रद्धा भगवान श्रीराम में नही है बल्कि उनकी श्रद्धा भगवान श्रीराम के नाम पर सहारा लेकर सत्ता प्राप्ति मात्र में है। मीडिया प्रभारी ज्ञानप्रकाश शुक्ल के हवाले से शुक्रवार को जारी बयान में उन्होनें कहा कि भाजपा श्रीराम की व्यापारी है। इसीलिए अयोध्या की हार से भाजपा भगवान श्रीराम के प्रति अनास्था व अपमान पर भी अब उतर आयी है।
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