अजमेर की दरगाह और संभल की शाही जामा मस्जिद के सर्वे विवाद के बीच अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी ने मठ-मंदिरों की रक्षा को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि यदि...
अखाड़ा परिषद अध्यक्ष महंत रवींद्र का बड़ा बयान : धर्म की रक्षा के लिए तैयार हों साधु संत, काशी और मथुरा पर हो फोकस
Nov 30, 2024 12:01
Nov 30, 2024 12:01
शास्त्र के साथ शस्त्र की शिक्षा जरूरी
महंत रवींद्र पुरी ने कहा कि बच्चों को केवल शास्त्रों का ज्ञान नहीं बल्कि शस्त्रों की शिक्षा भी दी जानी चाहिए। उनका मानना है कि सनातन धर्म का पालन करते हुए अब अपने धर्म की रक्षा के लिए हमें खुद आगे आना होगा। उन्होंने कहा, "सनातन धर्म हमेशा 'सर्वे भवंतु सुखिनः' की कामना करता है, लेकिन इसी उदारता के कारण हमने अपने धार्मिक स्थलों को खो दिया। अब समय आ गया है कि हम अपने मठ-मंदिरों की रक्षा के लिए वीरता दिखाएं।"
काशी और मथुरा पर फोकस जरूरी
महंत रवींद्र पुरी ने काशी और मथुरा के मंदिरों को लेकर विशेष चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि अजमेर और संभल के विवादों से पहले ध्यान काशी और मथुरा पर होना चाहिए क्योंकि ये दोनों स्थल हिंदू आस्था के महत्वपूर्ण केंद्र हैं। उन्होंने कहा, "हमने बातचीत के माध्यम से इन मंदिरों को वापस पाने की कोशिश की थी, लेकिन कट्टरपंथी किसी भी तरह समझौता करने के लिए तैयार नहीं हैं। इसलिए हमें अयोध्या के राम मंदिर की तर्ज पर इन मंदिरों की रक्षा के लिए ठोस कदम उठाने होंगे।"
जरूरत पड़ी तो नागा संन्यासी उठाएंगे शस्त्र
महंत रवींद्र पुरी ने चेतावनी दी कि यदि आवश्यकता पड़ी तो नागा संन्यासी अपने मठ-मंदिरों की रक्षा के लिए सड़कों पर उतरेंगे और शस्त्र भी उठाएंगे। उन्होंने कहा, "बाबर और औरंगजेब के समय भी हिंदू बड़ी संख्या में थे, लेकिन उस वक्त वे मठ-मंदिरों की रक्षा के लिए वह प्रयास नहीं कर सके जो जरूरी था। हमें इस गलती को दोहराने से बचना होगा और अपनी आने वाली पीढ़ी को यह संदेश देना होगा कि हम अपने धार्मिक स्थलों की रक्षा के लिए हर संभव प्रयास करेंगे।"
धर्म रक्षा के लिए क्रांतिवीर बनें- महंत
महंत रवींद्र पुरी ने कहा कि सनातन धर्म की रक्षा के लिए हमें अपने बच्चों में चंद्रशेखर आजाद, भगत सिंह और गुरु गोविंद सिंह जैसी क्रांतिकारी भावना पैदा करनी होगी। उन्होंने कहा, "धर्म की रक्षा के लिए अब केवल उपदेश पर्याप्त नहीं हैं। हमें अपने बच्चों को संस्कारवान बनाने के साथ-साथ उन्हें साहसी और वीर भी बनाना होगा ताकि वे अपने धर्म और आस्था की रक्षा के लिए हर चुनौती का सामना कर सकें।"
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