प्रयागराज में त्रिवेणी संगम पर श्रद्धालुओं का भारी जमावड़ा होने लगा है। पौष पूर्णिमा के साथ ही महाकुंभ 2025 का शुभारंभ हो चुका है...
Mahakumbh 2025 : पौष पूर्णिमा पर पहले स्नान के साथ महाकुंभ का शुभारंभ, लोगों में दिखा उत्साह
Jan 13, 2025 09:44
Jan 13, 2025 09:44
भीड़ के देखते हुए सुरक्षा बल मौके पर मौजूद
प्रयागराज में 13 जनवरी यानी आज से पौष पूर्णिमा के पावन अवसर पर महाकुंभ 2025 'शाही स्नान' के साथ शुरू हो रहा है। महाकुंभ 2025 के लिए मेला क्षेत्र में श्रद्धालुओं क भीड़ उमड़ रही है। भीड़ के बीच श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए RAF, पुलिस और CRPF की टीमें मौके पर मौजूद हैं। वहीं श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए उत्तर प्रदेश जल पुलिस के जवान तैनात हैं।
#WATCH प्रयागराज, उत्तर प्रदेश: आज पौष पूर्णिमा के पावन अवसर पर महाकुंभ 2025 'शाही स्नान' के साथ शुरू।
— ANI_HindiNews (@AHindinews) January 13, 2025
महाकुंभ 26 फरवरी तक आयोजित किया जाएगा। pic.twitter.com/eX5h1mJG3E
लोगों में दिख रहा काफी उत्साह
पौष पूर्णिमा के पावन अवसर पर शाही स्नान के लिए देश-विदेश के श्रद्धालु पवित्र डुबकी लगा रहे है। लोगों में काफी उत्साह देखने को मिल रहा है। न्यूज एजेंसी से बात करते हुए एक ब्राजील के श्रद्धालु फ्रांसिस्को ने बताया कि मैं योग का अभ्यास करता हूं और मोक्ष की खोज कर रहा हूं। भारत दुनिया का आध्यात्मिक हृदय है। पानी ठंडा है लेकिन हृदय गर्मजोशी से भरा है।
महाकंभ की व्यवस्था से संतुष्ट लोग
वहीं लोग प्रयागराज में महाकुंभ को लेकर की गई व्यवस्था से भी संतुष्ट नजर आए। एक श्रृद्धालु ने कहा कि यहां व्यवस्था बहुत अच्छी है। हर एक चीज की व्यवस्था है। रहने खाने की अच्छी व्यवस्था है। रास्ते भी अच्छे बने हैं। वहीं लोग सुबह से ही घाटों पर पूजा-अर्चना कर रहे हैं।
पहले स्नान पर्व से पूर्व संगम में 50 लाख श्रद्धालुओं ने लगाई डुबकी
महाकुंभ 2025 के पहले स्नान पर्व से पहले ही संगम में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। रविवार, 12 जनवरी को पौष पूर्णिमा से एक दिन पहले लगभग 50 लाख श्रद्धालुओं ने संगम में आस्था की डुबकी लगाई। इसमें साधु संतों के साथ-साथ पुरुषों, महिलाओं, बुजुर्गों और बच्चों ने भी हिस्सा लिया। इससे पहले शनिवार को 33 लाख श्रद्धालुओं ने संगम में स्नान कर पुण्य लाभ अर्जित किया। महाकुंभ के इस पहले स्नान पर्व की विशेषता यह रही कि योगी सरकार ने श्रद्धालुओं को सुविधा और सुगमता के साथ स्नान करने के लिए व्यापक व्यवस्था की थी, जिससे श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ा।
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