इस बार महाकुंभ में पूर्वोत्तर राज्यों की संस्कृति और परंपराओं की खास झलक दिखाई देगी। असम की विशिष्ट नामघर परंपरा के तहत सत्राधिकारों का आयोजन किया जाएगा...
महाकुंभ 2025 : योगी सरकार का बड़ा कदम, पूर्वोत्तर के संतों को स्टेट गेस्ट का दर्जा देकर किया आमंत्रित
Jan 08, 2025 16:10
Jan 08, 2025 16:10
पूर्वोत्तर के संत लेंगे शाही स्नान में हिस्सा
योगाश्रम बिहलांगिनी असम के महंत महामंडलेश्वर स्वामी केशव दास महाराज ने बताया कि महाकुंभ के प्राग ज्योतिषपुर क्षेत्र में नामघर का निर्माण किया जा रहा है, जो कुंभ इतिहास में पहली बार हो रहा है। सत्राधिकार यहां रहेंगे और शाही स्नान में भी भाग लेंगे। इसके अलावा धार्मिक सभाएं आयोजित होंगी और अखंड भागवत का आयोजन किया जाएगा, जो लगातार 7 दिन तक, यानी पूरे 168 घंटे चलेगा। यह भागवत पाठ 21 जनवरी को शुरू होकर 27 जनवरी को समाप्त होगा। महाकुंभ में नॉर्थ ईस्ट के सातों राज्यों की संस्कृति को दर्शाने के लिए एक विशेष प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी। इसमें पूर्वोत्तर के समाज, परंपराएं, रीति-रिवाज और धार्मिक मान्यताओं की झलक मिलेगी। कलाकार प्रदर्शनी को तैयार कर रहे हैं, और इसका उद्घाटन 12 जनवरी को किया जाएगा।
राम विजय भावना का होगा मंचन
उन्होंने बताया कि महाकुंभ के आयोजन में राम विजय भावना का मंचन होगा, जो रामलीला की शैली पर आधारित है। इसके साथ ही मणिपुरी रास नृत्य, सत्रीय नृत् और नागालैंड का बैंबो डांस भी प्रस्तुत किया जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि अप्सरा नृत्य, जो अब सत्रीय संस्कृति का हिस्सा बन चुका है, आयोजन का एक प्रमुख आकर्षण रहेगा। माटी अखाड़ा में श्रद्धालु अपनी कला का प्रदर्शन करेंगे। यह एक खास तरह की योग साधना की परंपरा है, जिसका स्वरूप अन्य अखाड़ों से अलग होता है। इसके अलावा, आयोजन स्थल पर कामाख्या मंदिर का मॉडल बनाया जाएगा और श्रद्धालुओं को कामाख्या का पवित्र जल भी वितरित किया जाएगा।
नॉर्थ ईस्ट से 125 संतों को स्टेट गेस्ट के रूप में किया आमंत्रित
मेले की व्यवस्थाओं पर उन्होंने कहा कि अच्छी व्यवस्थाएं हैं। मेला प्रशासन कोशिश कर रहा है कि सभी साधु संत संतुष्ट हों और उन्हें सुविधाएं प्राप्त हों। मुख्यमंत्री योगी ने जिस तरह की व्यवस्थाएं की हैं, उसने हृदय से प्रभावित, संतुष्ट और उत्साहित किया है। सीएम योगी ने नॉर्थ ईस्ट से 125 संतों को बुलाया है स्टेट गेस्ट बनाकर। इन सभी को सीएम ऑफिस से फोन जा रहे हैं। उनकी व्यवस्था हमारे ही खालसे में होगी। पद्मश्री से सम्मानित त्रिपुरा के चित्त महाराज, दक्षिण पाद सत्र, गडमूर सत्र जैसे प्राचीन सत्रों के साथ कई सत्राधिकार आयेंगे और शाही स्नान में भाग लेंगे। इससे पहले सत्राधिकारों ने कभी भी कुम्भ में शाही स्नान में भाग नहीं लिया और रुके भी नहीं। अखाड़ों के द्वारा उनका सम्मान होगा। यहां के संत समाज के साथ वार्तालाप होगी। प्राग ज्योतिषपुर क्षेत्र के शिविर का 12 को उद्घाटन है। उसके बाद कार्यक्रम शुरू हो जाएंगे। योगी जी द्वारा जिस तरह कुम्भ को आयोजित किया जा रहा है, इससे पूरे नॉर्थ ईस्ट में प्रचार हो गया है और लोग उत्साहित हो गए हैं।
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