प्रयागराज में पहले स्नानपर्व से पूर्व ही भारी भीड़ उमड़ पड़ी है। रास्तों पर तिल रखने की जगह नहीं। सिर पर गठरी और पांव में बिना चप्पल, भक्त रेती पर दौड़ते हुए गंगा में स्नान के लिए तत्पर दिखे।
हर कदम संगम की ओर : महाकुंभ से पहले लाखों लोग त्रिवेणी तट पर पहुंचे, रास्तों पर भारी भीड़, कल पहला स्नान पर्व
Jan 12, 2025 17:35
Jan 12, 2025 17:35
तिल रखने की जगह नहीं
रविवार को हर दिशाओं से प्रयागराज आने वाले मार्गों पर लाखों कल्पवासियों के वाहनों की लंबी कतारें लग गईं। पांटून पुलों से लेकर चकर्ड प्लेट मार्गों तक तिल रखने की जगह नहीं बची। इसी के साथ विश्व के सबसे बड़े आयोजन के रूप में महाकुंभ पर्व गुलजार हो गया। ट्रैक्टर ट्रॉलियों पर महीने भर की गृहस्थी लेकर लोग शिविरों में पहुंचने लगे हैं। पौष पूर्णिमा की प्रथम डुबकी के साथ मास पर्यंत जप, तप, ध्यान का मेला औपचारिक तौर पर आरंभ हो जाएगा।
पौष पूर्णिमा से पहले लाखों श्रद्धालुओं ने किया स्नान
महाकुम्भ में पौष पूर्णिमा के स्नान से एक दिन पहले ही संगम तट पर आस्था का जनसैलाब उमड़ पड़ा। रविवार को लाखों श्रद्धालुओं ने सुबह ही संगम में पवित्र स्नान कर लिया। इसमें युवाओं, बुजुर्गों और बच्चों ने भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। संगम पर श्रद्धालुओं का उत्साह देखते ही बन रहा था। सोशल मीडिया पर भी महाकुम्भ का क्रेज दिख रहा है। महाकुम्भ में पहुंचे लोगों ने वीडियो कॉलिंग से घर वालों को डिजिटल दर्शन भी कराया।
अक्षयवट दर्शन के लिए बन्द रहेगा
मकर संक्रांति पर्व को देखते हुए ट्रैफिक पुलिस ने मेला क्षेत्र में आने वाले श्रद्धालुओं के सुगम आवागमन और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए ट्रैफिक प्लान तैयार किया है। इसके अनुसार, मेला क्षेत्र में आने वाले समस्त वाहनों के लिए यातायात डायवर्जन और पार्किंग की व्यवस्था प्रस्तावित की गई है। उल्लेखनीय है कि संगम मेला क्षेत्र में जाने के लिए प्रवेश मार्ग जवाहरलाल नेहरू मार्ग काली सड़क से एवं निकास मार्ग त्रिवेणी मार्ग प्रस्तावित है। प्रमुख स्नान पर्व के दिनों में अक्षयवट दर्शन के लिए बन्द रहेगा।
संगम तट पर 10 लाख श्रद्धालु करेंगे कल्पवास
कल्पवास की शुरुआत 13 जनवरी को पौष पूर्णिमा की तिथि से होगी। लाखों की संख्या में श्रद्धालु संगम तट पर महाकुम्भ की प्राचीन परंपरा कल्पवास निर्वहन करेंगे। पौराणिक मान्यता के अनुसार श्रद्धालु एक माह तक नियमपूर्वक संगम तट पर कल्पवास करेंगे। इसके लिए प्रयागराज मेला प्राधिकरण ने विशेष इंतजाम किए हैं। कल्पवास पौष पूर्णिमा की तिथि से शुरू हो कर माघ पूर्णिमा की तिथि तक एक माह तक किया जाता है। इस महाकुम्भ में कल्पवास 13 जनवरी से शुरू होकर 12 जनवरी तक संगम तट पर किया जाएगा। महाकुम्भ 2025 में लगभग 10 लाख श्रद्धालुओं के कल्पवास करने का अनुमान है।
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