महाकुंभ 2025 : रविंद्र पुरी ने उठाई सनातन बोर्ड गठन की मांग, 1,008 घंटे के महायज्ञ का होगा आयोजन

रविंद्र पुरी ने उठाई सनातन बोर्ड गठन की मांग,  1,008 घंटे के महायज्ञ का होगा आयोजन
UPT | अखाड़ा परिषद अध्यक्ष रविंद्र पूरी के साथ महामंडलेश्वर अन्नपूर्णा जी

Nov 30, 2024 17:37

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रविंद्र पुरी जी ने घोषणा की है कि आगामी 26 जनवरी को आयोजित होने वाली धर्म संसद में मठ और मंदिरों की सुरक्षा के लिए सनातन बोर्ड के गठन की मांग की जाएगी...

Nov 30, 2024 17:37

Prayagraj News : अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रविंद्र पुरी जी ने घोषणा की है कि आगामी 26 जनवरी को आयोजित होने वाली धर्म संसद में मठ और मंदिरों की सुरक्षा के लिए सनातन बोर्ड के गठन की मांग की जाएगी। इसके अलावा, महाकुंभ के दौरान सनातन धर्म के शत्रुओं को पराजित करने के लिए 1,008 घंटे का महायज्ञ भी आयोजित किया जाएगा। यह महायज्ञ पंचायती अखाड़ा निरंजनी की महामंडलेश्वर मां अन्नपूर्णा के मार्गदर्शन में किया जाएगा।

इस दिन से होगी महायज्ञ की होगी शुरुआत
इस महायज्ञ का आरंभ 14 जनवरी से होगा और इस आयोजन का नेतृत्व स्वयं रविंद्र पुरी जी करेंगे। इस महायज्ञ में दस महाविद्याओं में से एक, बगलामुखी महायज्ञ का आयोजन किया जाएगा। बगलामुखी महायज्ञ का मुख्य उद्देश्य सनातन धर्म और संस्कृति की रक्षा करना और शत्रु शक्तियों को नष्ट करना है। इस यज्ञ का आयोजन लोगों की धार्मिक आस्थाओं को मजबूत करने और मठ-मंदिरों की रक्षा के लिए एक सशक्त मंच बनाने के लिए किया जा रहा है।



महायज्ञ का प्रमुख उद्देश्य 
महायज्ञ के आयोजक, निरंजनी अखाड़ा की महामंडलेश्वर मां अन्नपूर्णा जी ने बताया कि बगलामुखी की उपासना तंत्र साधना और आध्यात्मिक सुरक्षा के लिए अत्यधिक प्रभावी मानी जाती है। इस महायज्ञ का प्रमुख उद्देश्य सनातन धर्म के शत्रुओं का नाश करना और धर्म तथा राष्ट्र की रक्षा के लिए एकता का संदेश देना है। यह आयोजन न केवल धार्मिक बल्कि सामाजिक और राष्ट्रीय स्तर पर भी सकारात्मक प्रभाव डालने का प्रयास करेगा।

धर्म की रक्षा सामूहिक सहयोग और एकता से ही संभव
महायज्ञ के आयोजन में हर सनातनी को शारीरिक, मानसिक और आर्थिक रूप से योगदान देने की प्रेरणा दी जा रही है। इस महाकुंभ का आयोजन सनातन धर्म की वैश्विक महत्ता और शक्ति को प्रदर्शित करेगा और समाज में आध्यात्मिक समृद्धि लाने का काम करेगा। यह कार्यक्रम नई पीढ़ी में धर्म के प्रति आस्था जागृत करने का भी प्रयास करेगा। यह एक स्पष्ट संदेश देगा कि धर्म और संस्कृति की रक्षा केवल व्यक्तिगत प्रयासों से नहीं, बल्कि सामूहिक सहयोग और एकता से ही संभव है।

सनातन धर्म के इतिहास में मिलेगी नई ऊंचाई
इस महायज्ञ और धर्म संसद का आयोजन निश्चित रूप से सनातन धर्म के इतिहास में एक नई ऊँचाई लेकर आएगा। यह आयोजन महालक्ष्मी, महाकाली और महासरस्वती के आशीर्वाद से सम्पन्न होगा और धर्म, राष्ट्र और मानवता की सेवा का अनुपम उदाहरण प्रस्तुत करेगा। यह आयोजन सनातन धर्म के अनुयायियों के लिए एक प्रेरणास्त्रोत होगा और यह समाज को सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।

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