महाकुंभ में प्रयागराज का संगम घाट न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र बनेगा, बल्कि यह नारी सशक्तिकरण का अनूठा उदाहरण भी प्रस्तुत करेगा। महाकुंभ के इस भव्य आयोजन में 'जय त्रिवेणी जय प्रयागराज आरती समिति' द्वारा...
महाकुंभ में पहली बार : संगम घाट, धार्मिक आस्था के साथ नारी समानता का प्रतीक बनेगा, महिलाएं करेंगी शंखनाद और आरती
Jan 06, 2025 17:28
Jan 06, 2025 17:28
संगम पर कन्याओं द्वारा की जाएगी महाआरती
13 जनवरी से शुरू होने वाला महाकुंभ सरकार की ओर से किए गए युद्धस्तरीय प्रयासों के तहत दिव्य, भव्य, डिजिटल, स्वच्छ और सुरक्षित तरीके से आयोजित होगा। इस बार की खास बात यह है कि संगम घाट पर होने वाली रोजाना की आरती को महिला सशक्तिकरण के प्रतीक के तौर पर कन्याएं संपन्न करेंगी। इस आयोजन में महिलाएं डमरू और शंख बजाते हुए आरती करेंगी और पूजा की पूरी रस्में अदा करेंगी। यह आयोजन दुनिया के लिए एक संदेश होगा, जिसमें महिलाओं का मुख्य योगदान होगा।
समाज में सकारात्मक बदलाव को भी दर्शाएगा
जय त्रिवेणी जय प्रयागराज आरती समिति' के सदस्य कृष्ण दत्त तिवारी ने कहा कि महाकुंभ 2025 में नारी सशक्तिकरण को बढ़ावा देने और महिलाओं तथा पुरुषों के बीच समानता की भावना को बढ़ाने के लिए यह कदम उठाया जा रहा है। यह आयोजन न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह समाज में एक सकारात्मक बदलाव को भी दर्शाएगा। इस आयोजन के दौरान कन्याओं द्वारा आरती किए जाने से महिलाओं को सम्मानित किया जाएगा और यह समाज में महिलाओं की स्थिति को मजबूत करने का प्रतीक बनेगा।
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