महाकुंभ की भव्य तैयारियों के तहत सरकार प्रयागराज के कायाकल्प में जुटी है और इसका प्रभाव शहर की सड़कों से लेकर रेलवे स्टेशनों तक देखा जा सकता है...
बोलती दीवारें : प्रयागराज की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक छवि को उजागर कर रहा पेंट माई सिटी अभियान
Jan 06, 2025 18:26
Jan 06, 2025 18:26
प्रयागराज के रेलवे स्टेशनों पर की गईं पेटिंग
प्रयागराज के प्रमुख रेलवे स्टेशनों प्रयागराज जंक्शन, नैनी जंक्शन, फाफामऊ, प्रयाग जंक्शन, झूंसी, रामबाग, छिवकी, प्रयागराज संगम, और सूबेदारगंज—की दीवारों पर हिंदू पौराणिक कथाओं, भारतीय परंपराओं और आध्यात्मिकता से संबंधित भव्य कलाकृतियां उकेरी गई हैं। इन कलाकृतियों में रामायण, कृष्ण लीला, भगवान बुद्ध, शिव भक्ति, गंगा आरती और महिला सशक्तीकरण जैसे विषयों को शामिल किया गया है।
प्रयागराज की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक धरोहर का परिचय
रेलवे स्टेशनों की दीवारों पर चित्रित ये कलाकृतियां केवल सौंदर्यीकरण तक सीमित नहीं हैं, बल्कि यह प्रयागराज की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक परंपराओं को भी दर्शाती हैं। इन चित्रों में ऋषि परंपरा, गुरु-शिष्य परंपरा, ज्ञान और त्याग के महत्व को दर्शाया गया है। यह पहल महाकुंभ 2025 के दौरान प्रयागराज आने वाले लाखों श्रद्धालुओं और पर्यटकों को इस शहर की गहरी सांस्कृतिक धरोहर से परिचित कराएगी।
भारतीय रेलवे का यह प्रयास कला और विकास का संगम है
महाकुंभ के आयोजन के पहले इस तरह की कलात्मक सजावट से यह सुनिश्चित होता है कि प्रयागराज आने वाला हर व्यक्ति न केवल इस भव्य धार्मिक आयोजन का हिस्सा बने, बल्कि वह शहर की गहरी सांस्कृतिक और आध्यात्मिक जीवंतता का अनुभव भी कर सके।
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