संभल हिंसा मामला : इलाहाबाद हाईकोर्ट में एक और जनहित याचिका, डीएम-एसपी की गिरफ्तारी की मांग

इलाहाबाद हाईकोर्ट में एक और जनहित याचिका, डीएम-एसपी की गिरफ्तारी की मांग
UPT | इलाहाबाद हाईकोर्ट

Nov 29, 2024 16:57

संभल में शाही जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान हुई हिंसा को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट में एक नई जनहित याचिका (पीआईएल) दायर की गई है। इस याचिका में जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक और इलाके...

Nov 29, 2024 16:57

Prayagraj News : संभल में शाही जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान हुई हिंसा को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट में एक नई जनहित याचिका (पीआईएल) दायर की गई है। इस याचिका में जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक और इलाके के एसएचओ की गिरफ्तारी की मांग की गई है। याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया है कि प्रशासन ने हिंसा के दौरान अपनी भूमिका सही तरीके से नहीं निभाई और उनके खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए।

यूपी सरकार को निर्देश की मांग
जानकारी के अनुसार, याचिकाकर्ता ने इलाहाबाद हाईकोर्ट से उत्तर प्रदेश सरकार को इस मामले में सख्त निर्देश देने की गुहार लगाई है। इससे पहले एक अन्य याचिका में संभल पुलिस पर पक्षपातपूर्ण कार्रवाई करने का आरोप लगाते हुए, हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में एसआईटी से जांच कराने की मांग की गई थी।

सीबीआई जांच और एसआईटी गठन की मांग
जनहित याचिका दायर करने वाले आनंद प्रकाश तिवारी ने हिंसा में शामिल पुलिसकर्मियों पर फायरिंग और बर्बरता के आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। याचिका में हाईकोर्ट से अनुरोध किया गया है कि पूरी घटना की जांच एसआईटी से कराई जाए और सर्वे से लेकर हिंसा तक की विस्तृत जांच सीबीआई को सौंपी जाए।

सुप्रीम कोर्ट का हस्तक्षेप
इस मामले में शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने भी एक याचिका पर सुनवाई की। शीर्ष अदालत ने याचिकाकर्ताओं को इलाहाबाद हाईकोर्ट का रुख करने का निर्देश देते हुए संभल की जिला अदालत को इस मामले में किसी भी प्रकार की कार्यवाही करने से रोक दिया।

रिपोर्ट सील में रखने का आदेश
मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और जस्टिस संजय कुमार की पीठ ने कहा कि राज्य सरकार यह सुनिश्चित करे कि इलाके में शांति और सद्भाव बना रहे। अदालत ने यह भी कहा कि यदि कोई पुनरीक्षण याचिका दायर होती है, तो उसकी सुनवाई तीन दिनों के भीतर की जानी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने अधिवक्ता आयुक्त की सर्वेक्षण रिपोर्ट को सीलबंद लिफाफे में रखने का निर्देश दिया है। पीठ ने संबंधित पक्षों की दलीलें सुनने के बाद कहा, "हम नहीं चाहते कि इस बीच कोई असामान्य घटना हो। संबंधित पक्ष उचित उपाय करें और हम इस मामले को फिलहाल लंबित रखेंगे।"

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