प्रयागराज के संगम तट पर स्थित प्राचीन किले में अक्षयवट कॉरिडोर और बड़े हनुमान मंदिर का सौंदर्यीकरण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आगामी दौरे के लिए जोर-शोर से किया जा रहा है।
महाकुंभ 2025 : प्रधानमंत्री के आगमन से पहले प्रयागराज में अक्षयवट और बड़े हनुमान मंदिर में हो रहा है विशेष श्रृंगार
Dec 11, 2024 23:16
Dec 11, 2024 23:16
अक्षयवट कॉरिडोर का इतिहास और महत्व
अक्षयवट, जिसका शाब्दिक अर्थ है 'जिसका कभी क्षय न हो', भारतीय पौराणिक और धार्मिक मान्यताओं में अद्वितीय स्थान रखता है। कहा जाता है कि इसे स्वयं भगवान शिव और माता पार्वती ने अपने हाथों से लगाया था। ब्रह्माजी ने यहां पहला यज्ञ किया था और प्रलय के दौरान भगवान विष्णु बाल रूप में इसी वट के पत्ते पर प्रकट हुए थे। इतिहास में यह स्थल लंबे समय तक सेना के कब्जे में रहा। वर्ष 2019 में प्रधानमंत्री मोदी के प्रयास से अक्षयवट धाम को आम श्रद्धालुओं के लिए खोला गया। इसके बाद सरकार ने इस स्थल को विकसित करने का निर्णय लिया। छह वर्षों के प्रयासों के बाद अक्षयवट कॉरिडोर का निर्माण कार्य अब पूर्ण हो चुका है, जिसमें करीब 18 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं।
कॉरिडोर की विशेषताएं
अक्षयवट कॉरिडोर लगभग 10 एकड़ में फैला है। इसके सौंदर्यीकरण में पौराणिक तत्वों को ध्यान में रखते हुए सप्तऋषि की मूर्तियां और अक्षयवट के पत्ते पर बाल गोपाल की आकृतियां स्थापित की गई हैं। साथ ही सरस्वती कूप के समीप वीणावादिनी (सरस्वती) की प्रतिमा लगाई गई है, जो श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का केंद्र बनेगी।
बड़े हनुमान मंदिर कॉरिडोर का निर्माण
प्रयागराज विकास प्राधिकरण द्वारा संगम के तट पर स्थित बड़े हनुमान मंदिर के कॉरिडोर का निर्माण दो चरणों में किया जा रहा है। पहले चरण में बाउंड्री वॉल, गेट, सीढ़ियों और पुजारी ब्लॉक का निर्माण शामिल था, लेकिन अब तक केवल आंशिक कार्य ही पूरा हो सका है। बाकी कार्य प्रधानमंत्री के दौरे के बाद शुरू किए जाएंगे। दूसरे चरण का कार्य महाकुंभ के बाद प्रारंभ करने की योजना है।
सजावट की भव्यता
अयोध्या की तर्ज पर अक्षयवट और हनुमान मंदिर की सजावट में अत्याधुनिक डिजाइन और फूलों का उपयोग किया जा रहा है। मोक्ष एजेंसी इस कार्य को देख रही है। इवेंट मैनेजर सोहन नेगी के अनुसार, सजावट का कार्य बुधवार शाम से शुरू होगा और गुरुवार तक पूरा हो जाएगा।
प्रधानमंत्री का दौरा और उद्घाटन
13 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अक्षयवट कॉरिडोर का उद्घाटन करेंगे। इस दौरान उन्हें कॉरिडोर की धार्मिक, पौराणिक और सांस्कृतिक महत्ता से अवगत कराया जाएगा। साथ ही उन्हें नवनिर्मित सप्तऋषि मूर्तियों, बाल गोपाल की आकृति और सरस्वती कूप के समीप लगी वीणावादिनी की प्रतिमा का अवलोकन कराया जाएगा।
धार्मिक मान्यताएं
मान्यताओं के अनुसार, श्रीराम, माता सीता और लक्ष्मण ने वनवास जाने से पहले अक्षयवट के समीप तीन दिन तक विश्राम किया था। लौटते समय उन्होंने अक्षयवट को यह वरदान दिया कि इसका कभी विनाश नहीं होगा। जैन धर्म में भी यह स्थान पवित्र माना जाता है। पहले तीर्थंकर ऋषभदेव ने यहां तप किया था और मोक्ष प्राप्त किया था।
महाकुंभ के मद्देनजर तैयारियां
महाकुंभ 2025 को ध्यान में रखते हुए प्रयागराज में कई बड़े निर्माण कार्य किए जा रहे हैं। अक्षयवट कॉरिडोर और बड़े हनुमान मंदिर का विकास इस दिशा में महत्वपूर्ण कदम हैं। इन कार्यों के पूर्ण होने से श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी और प्रयागराज की धार्मिक महत्ता में और वृद्धि होगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह दौरा प्रयागराज की सांस्कृतिक विरासत को नया आयाम देने वाला होगा। इस अवसर पर आयोजित समारोह में भारी संख्या में श्रद्धालुओं के शामिल होने की संभावना है।
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