महाकुंभ 2025 को ध्यान में रखते हुए एक नई और अनूठी पहल की शुरुआत की है। प्रयागराज रेल मंडल ने डिजिटल और आधुनिक तकनीकों का उपयोग करते हुए श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए निर्णय लिए गए हैं।
डिजिटल महाकुंभ के लिए भारतीय रेलवे की अनूठी पहल : श्रद्धालुओं को नहीं लगानी पड़ेगी लाइन, रेल कर्मियों की जैकेट से बनेंगे रेल टिकट
Jan 04, 2025 11:15
Jan 04, 2025 11:15
कैसे काम करेगी यह तकनीक?
रेलवे के कर्मचारियों की विशेष जैकेट पर क्यूआर कोड छपे होंगे। श्रद्धालु इन कोड्स को अपने स्मार्टफोन से स्कैन कर सीधे टिकट बुक कर सकेंगे। यह प्रक्रिया पूरी तरह डिजिटल होगी, जिससे कागजी टिकट लेने की जरूरत समाप्त हो जाएगी। इस पहल का उद्देश्य टिकट की लंबी लाइनों से बचाव और श्रद्धालुओं को तेज व सरल सेवा प्रदान करना है।
महाकुंभ में टिकट प्रक्रिया का डिजिटलीकरण
महाकुंभ में हर वर्ष करोड़ों श्रद्धालु शामिल होते हैं और रेलवे उनकी यात्रा का प्रमुख साधन बनता है। इतनी बड़ी संख्या में लोगों की सुविधा के लिए रेलवे इस बार अत्याधुनिक डिजिटल तकनीकों का सहारा ले रहा है। प्रयागराज रेल मंडल ने इस योजना को पहली बार लागू करने का फैसला किया है।
इसके फायदे से टिकट काउंटर पर लंबी लाइनों की जरूरत खत्म हो जाएगी। श्रद्धालु आसानी से क्यूआर कोड स्कैन करके टिकट बुक कर सकेंगे। इस डिजिटल प्रक्रिया से कागज की खपत कम होगी, जो पर्यावरण संरक्षण में मदद करेगी। इस नई प्रणाली से भीड़ प्रबंधन में भी मदद मिलेगी।
महाकुंभ 2025 में डिजिटल क्रांति पहली बार
प्रयागराज रेल मंडल का यह प्रयोग डिजिटल इंडिया की दिशा में एक बड़ा कदम है। रेलवे की इस पहल से यात्रियों को सुगम और सुरक्षित यात्रा का अनुभव मिलेगा। यह प्रयोग सफल रहा तो इसे अन्य धार्मिक और बड़े आयोजनों में भी लागू किया जा सकता है।
भारतीय रेलवे की यह पहल न केवल महाकुंभ को आधुनिक तकनीक से जोड़ रही है, बल्कि यह यात्रियों के अनुभव को बेहतर बनाने के साथ-साथ पर्यावरण के प्रति भी जागरूकता बढ़ा रही है। महाकुंभ 2025 में प्रयागराज रेल मंडल के इस कदम को लेकर श्रद्धालुओं और रेलवे अधिकारियों में उत्साह है।
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